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UP में 1978 के बाद पहली बार रुक सकती हैं ट्रेनें, बारिश से बढ़ा नदियों का जलस्तर

UP News : यूपी में बारिश का कहर बरप रहा है। बीते दो दिनों से यहां बिना रूके लगातार बारिश दर्ज की गई है। कई दिनों की बारिश के चलते यहां नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। इस मूसलाधार बारिश के चलते 1978 के बाद पहली बार यूपी में रेल संचालन रोका जा सकता है। इस दौरान लोगों को थोड़ी परेशानी हो सकती है। आइए खबर में जानते हैं कि यूपी (UP Latest News )में नदियों का जलस्तर कितना बढ़ गया है।

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UP में 1978 के बाद पहली बार रुक सकती हैं ट्रेनें, बारिश से बढ़ा नदियों का जलस्तर

HR Breaking News (UP News) यूपी में मानसून की दस्तक ने मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदल दिया है। अब यहां बारिश का मौसम लोगों के जी का जंजाल बनता दिखाई दे रहा है. कई दिनों की मूसलाधार बारिश के चलते यूपी में नदियों का जलस्तर (Water level of rivers in UP) बढ़ गया है।

 

 

नदियों के जलस्तर बढ़ने से कई शहरों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। ऐसा 1978 में हुआ था तो उस समय ट्रेनों के संचालन को रोक दिया गया था, लेकिन 1978 के बाद पहली बार दूबारा यूपी में रेल संचालन पर रोक  लग सकती है। 

कितना हो गया गंगा-यमूना का जलस्तर 


गंगा और यमुना का जलस्तर (water level of ganga and yamuna) खतरे के निशान को पार कर गया है और यहां जलस्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। नैनी यमुना पुल पर गौर करें तो 1978 के बाद अब इस पुल पर पहली बार रेल संचालन रोके जाने की बात हो रही है।

अगर 86 मीटर के ऊपर बह रही यमुना नदी का जलस्तर 87 मीटर पहुंचता है तो इससे नैनी पुल पर रेल (train on naini bridge) संचालन को रोक  दिया जाएगा। हालांकि अभी फिलहाल नैनी यमुना पुल पर ट्रेनों की गति को नियंत्रण में ला दिया गया है। 

नैनी यमुना पुल पर ट्रेन की रफ्तार


बता दें कि रेलवे के नैनी यमुना पुल  (Naini yamuna bridge)पर ज्यादातर ट्रेनें 100 से 110 की रफ्तार से ही चलती हैं और जैसे ही लाल निशान के ऊपर बह रही यमुना का जलस्तर 86 मीटर से पार हो गया है तो नैनी पुल पर ट्रेनों की गति नियंत्रित हो गई है।

अभी फिलहाल नैनी पुल (old naini bridge prayagraj) पर ट्रेनों की ज्यादातर स्पीड 45 किमी प्रतिघंटा हो गई है। रेलवे प्रशासन के मुताबिक दिल्ली-हावड़ा रूट की लगातार निगरानी हो रही है।

इसके साथ ही मेजारोड स्टेशन के पूर्व टोंस नदी पुल पर ट्रेनों की स्पीड को निंयत्रित कर लिया गया है। वहां ट्रेनों की अधिकतम स्पीड (maximum speed of trains) 45 किमी प्रतिघंटा निर्धारित कर दी गई है।

गंगा रेल पुल पर बढ़ी ट्रेनों की स्पीड


वहीं, उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल (Railway Lucknow Division) के फाफामऊ गंगा रेल पुल पर फिलहाल अभी कॉशन तो नहीं लगाया गया है लेकिन ट्रेनों की स्पीड 50 किमी प्रतिघंटा कर दी गई है।

वहीं, दूसरी ओर प्रयागराज रामबाग को झूंसी से जोड़ने वाले नवनिर्मित गंगा पुल पर भी ट्रेनें की स्पीड बढ़ा दी गई है। यहां ट्रेनों की स्पीड (naini bridge trains Speed) 110 की जगह अब अधिकतम स्पीड 60 किमी कर दी गई हैं।

वाराणसी मंडल के पीआरओ का कहना है कि अब यह पुल पूरी तरह से सेफ है। बता दें कि अगर गंगा का जलस्तर रेलवे ट्रैक तक पहुंचता है तो इस पुल से ट्रेन ज्यादा से ज्यादा दस किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चल सकती है।

वैसे तो अभी नैनी रेल पुल (Naini Railway Bridge)पर ट्रेनों का आवागमन सुचारू रूप से हो रहा है। अभी फिलहाल यहां ट्रेनें अधिकतम 45 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चलाई जा रही हैं।