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इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर को खरीदने से पहले जाननी जरूरी है ये बाते.........

देश में इलेक्ट्रिक स्कूटर तैयार करने के लिए कई स्टार्टअप तैयार हो चुके हैं। इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने के कई मामले सामने आए है इसके लिए सरकार द्वारा कोई प्रॉपर गाइडलाइन भी नहीं है। इसी वजह से कंपनियां इसकी मैन्युफैक्चरिंग में क्वालिटी के साथ समझौता करके ज्यादा प्रॉफिट कम रही हैं।
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 इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर को खरीदने से पहले जाननी जरूरी है ये बाते.........

HR Breaking News : नई दिल्ली : देश में इलेक्ट्रिक स्कूटर(electric scooter in the country) तैयार करने के लिए कई स्टार्टअप तैयार हो चुके हैं। इनकी संख्या दर्जनभर से भी कहीं ज्यादा है।  आपको शायद यकीन नहीं हो लेकिन देश में इन दिनों 22 कंपनियां इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बेच रही हैं। हालांकि, हर कंपनी के पास ग्राहकों को फुल-प्रूफ प्रोडक्ट पेश करने के लिए फाइनेंशियल समर्थन, मैन्युफैक्चरिंग एक्सपर्टाइज, मैन्युफैक्चरिंग इफिशियंसी(manufacturing efficiency) और नैतिकता नहीं होती है। खासकर भारतीय ग्राहक जिनमें से अधिकांश ईवी तकनीक के लिए नए हैं। अभी ईवी के लिए भारतीय बाजार इमिच्योर है। इसके लिए सरकार द्वारा कोई प्रॉपर गाइडलाइन भी नहीं है। इसी वजह से कंपनियां इसकी मैन्युफैक्चरिंग में क्वालिटी के साथ समझौता करके ज्यादा प्रॉफिट कम रही हैं।

इलेक्ट्रिक स्कूटर कम कीमत में धांसू फीचर्स , 120 KM माइलेज.....


इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने के कई मामले


इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की क्वालिटी में समझौते के चलते पिछले कुछ महीनों में इसमें आग लगने के कई मामले सामने आए हैं। इसमें पॉपुलर ईवी कंपनियां ओला, ओकिनावा, प्योर ईवी समेत दूसरे स्टार्टअप भी शामिल रहे। देशभर में बढ़ते हादसे की वजह से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सेंटर फॉर फायर एक्सप्लोसिव्स एंड एनवायरनमेंट सेफ्टी (CFEES) को इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने के खतरों की जांच करने का आदेश दिया था।


 ईवी और बूम मोटर्स को कानूनी नोटिस


केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA), जो केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय का एक हिस्सा है, उसने इस महीने की शुरुआत में प्योर ईवी और बूम मोटर्स को कानूनी नोटिस भेजे थे। नोटिस में मांग की गई है कि प्योर ईवी और बूम मोटर्स इस बात का स्पष्टीकरण दें कि अप्रैल में उनके प्रोडक्ट्स में आग क्यों लगी। माना जाता है कि इसी तरह के नोटिस ओला इलेक्ट्रिक, जितेंद्र ईवी और ओकिनावा ऑटोटेक को भी दिए गए।


चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई


DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) के CFEES ने भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु को भी इस जांच में शामिल किया। संयुक्त जांच में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने के सभी मामलों की जांच की गई और चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई। रिपोर्ट के अनुसार, DRDO ने कहा है कि प्रत्येक EV आग की घटना में मैन्युफैक्चरर ने लोअर क्वालिटी वाली सस्ती सामग्री का उपयोग किया हो सकता है जिसके परिणामस्वरूप दोषपूर्ण बैटरी सेल और बैटरी मॉड्यूल हो सकते हैं।

ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर: मंत्रालय ने कथित तौर पर प्योर ईवी, बूम मोटर्स, ओला इलेक्ट्रिक, जितेंद्र ईवी और ओकिनावा ऑटोटेक के प्रतिनिधियों को इस मामले में स्पष्टीकरण की मांग करते हुए तलब किया है। नितिन गडकरी ने यह भी कहा है कि भारत सरकार सभी मौजूदा और आगामी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं के लिए गुणवत्ता-केंद्रित दिशानिर्देश जारी करेगी।


EVs का फ्यूचर: EV में आग लगने वाले मामले को लेकर ओला इलेक्ट्रिक ने S1 प्रो इलेक्ट्रिक स्कूटरों की 1400 से अधिक यूनिट्स को वापस बुला लिया। Pure EV ने ETrance+ और EPluto 7G स्कूटरों की 2000 से अधिक यूनिट्स को वापस ले लिया है। Okinawa ने अपने इलेक्ट्रिक स्कूटरों की 3250 से अधिक यूनिट्स को वापस ले लिया है।