Maruti के फैसले के बाद अब, Car खरीदना हो गया और भी सस्ता
HR Breaking News : Maruti की कारें चलाना आने वाले समय में और भी किफायती होगा, साथ ही ये कारें पर्यावरण को भी कम नुकसान पहुंचाएंगी। ग्रीन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देते हुए Maruti Suzuki India (msi) ने अपने मॉडलों में मजबूत (hybrid technology)को अपनाने की योजना बनाई है। इस लक्ष्य को अगले 5-7 वर्षों में हासिल किया जाएगा।
मारुति का लक्ष्य अपने प्रत्येक मॉडल में ईको फ्रेंडली तकनीक (eco friendly technology) को बढ़ावा देना है, ताकि बेहतर किफायत और कम कार्बन एमिशन को हासिल किया जा सके। कंपनी electric vehicle,cng cars और एथनॉल तथा बायो-सीएनजी के अनुकूल इंजन पर अधिक ध्यान केंद्रित करने को प्राथमिकता देगी।
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क्नोलॉजी पर फोकस (focus on technology)
msi के मुख्य तकनीकी अधिकारी सी वी रमन ने कहा, ‘‘अगले पांच से सात वर्षों में हर मॉडल में (green echnology) कोई न कोई तत्व होगा। पूरी श्रृंखला में कोई शुद्ध पेट्रोल पावरट्रेन नहीं होगा।’’ उन्होंने कहा कि कंपनी आने वाले वक्त में कई मॉडलों के लिए मजबूत हाइब्रिड तकनीक की तलाश कर रही है। रमन से जब पूछा गया कि क्या सभी मॉडलों में मजबूत सेल्फ-चार्जिंग हाइब्रिड पावरट्रेन होंगे, तो उन्होंने कहा, ‘‘हम निश्चित रूप से उस विकल्प पर गौर करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि कंपनी जब कोई तकनीक लाती है, तो उसे अधिक से अधिक मॉडलों में लागू करने की कोशिश की जाती है।
ब्रेजा में मिलेगा हाइब्रिड सिस्टम
कंपनी की आगामी मध्यम आकार की SUV में दमदार हाइब्रिड सिस्टम होगा। यह कार मारुति की ब्रेजा हो सकती है। एमएसआई इस महीने के अंत में इस मॉडल से पर्दा उठाने वाली है। हाइब्रिड कारें गैसोलीन इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर्स के फायदों को जोड़ती हैं। एक mild hybrid प्रणाली केवल मामूली फायदे देती है, जबकि मजबूत हाइब्रिड प्रणाली, जिसमें बड़ी बैटरी और संबंधित एग्रीगेट शामिल हैं, से ईंधन दक्षता में काफी बढ़ोतरी होती है और कार्बन उत्सर्जन कम हो जाता है। चांर्जिंग ढाचे के विकसित होने का इंतजार
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रमन ने कहा कि इस समय देश में पर्याप्त चार्जिंग ढांचे के अभाव में, शुद्ध रूप से बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बदलाव के चरण में हाइब्रिड प्रौद्योगिकी सबसे सही है। यह पूछने पर कि क्या हाइब्रिड वाहनों को भी बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की तरह कर लाभ मिलना चाहिए, रमन ने कहा, ‘‘इसे (Hybrid technology) इसका बकाया हक (in terms of taxation) मिलना चाहिए।’’ देश में हाइब्रिड वाहनों पर कुल कर 43 प्रतिशत है, जबकि बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगभग पांच प्रतिशत कर लगता है।