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Indian Railway : सिर्फ 25 कम दौड़ी थी देश की पहली ट्रेन, देखने के लिए लग गया था लोगों का मेला

आज से कई दशक पहले देश के इस इलाके में देश की पहली ट्रेन अंग्रेज़ों द्वारा चलाई गयी थी और देश वासियों ने ऐसा नज़ारा पहले कभी नहीं देखा था तो चलती ट्रेन को देखने के लिए लोगों का मेला लग गया था 
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HR Breaking News, New Delhi : भारतीय रेलवे को दुनिया में चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क माना जाता है. इसका अपना एक गौरवशाली इतिहास है, जिसमें कई सारे किस्से जुड़े हैं. करीब 177 साल पुरानी भारतीय रेलवे रोजाना करीब 4 करोड़ लोगों को एक जगह से दूसरी जगह पर पहुंचाती है. साथ ही हर दिन करीब 35 लाख टन माल को उनकी मंजिलों तक पहुचाती है. आज हम आपको भारतीय रेलवे से जुड़े कई ऐसे रोचक तथ्य  बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. 

भारत की पहली ट्रेन (India's First Train)

अक्सर ट्रेनों में सफर करने के बावजूद बहुत कम लोगों को यह बात पता होगी कि भारत में पहली ट्रेन कब और कहां चली थी. असल में यह ट्रेन वर्ष 1837 में रेड हिल्स से चिंताद्रिपेट पुल तक के 25 किमी रूट पर दौड़ी थी. वह एक मालवाहक ट्रेन थी, जिसमें अंग्रेजों ने ग्रेनाइट ढोया था. इस ट्रेन को बनाने का श्रेय अंग्रेज वैज्ञानिक सर आर्थर कॉटन को दिया जाता है. 

यहां चली थी पहली पैसेंजर ट्रेन (India's First Passenger Train)

अगर देश की पहली पैसेंजर ट्रेन की बात करें तो वह पहली बार 16 अप्रैल 1853 को मुंबई के बोरी बांदर और ठाणे के बीच चली थी. इस दौरान ट्रेन ने कुल 34 किमी का सफर तय किया था. इस ट्रेन में कुल 400 पैसेंजर सवार थे. लोगों में इस पैसेंजर ट्रेन को लेकर इतना उत्साह था कि उन्होंने उस दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया था. 

देश का पहला रेलवे स्टेशन (India's First Railway Station)

देश का पहले रेलवे स्टेशन भी इसी पैसेंजर ट्रेन के रूट पर बनाया था. इस स्टेशन का नाम बोरी बांदर मुंबई था. इस स्टेशन का निर्माण ग्रेट इंडियन पेनिन्सुलर रेलवे की ओर से किया गया था. अंग्रेजों ने वर्ष 1988 में इस रेलवे स्टेशन का नाम ब्रिटिश महारानी के नाम पर विक्टोरिया टर्मिनस कर दिया था. आज भी यह स्टेशन इसी नाम से मुंबई में मौजूद है. 

भारत का पहला रेलवे ट्रैक (India's First Railway Track)
देश के पहले रेलवे ट्रैक के बारे में बात की जाए तो इसका निर्माण वर्ष 1847 को बॉम्बे और बरार के बीच में किया था. इस ट्रैक की कुल दूरी 56 किमी थी. इस ट्रैक का निर्माण द ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे ने ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ मिलकर किया था. इस ट्रैक को बनाने वाला चीफ इंजीनियर जेम्स जॉन बर्कले था. मजे की बात ये है कि इसी ट्रैक पर वर्ष 1853 में पहले पैसेंजर ट्रेन चली थी.