UP में 6 लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे हुआ मंजूर, NCR से जुड़ेंगे यूपी के 22 जिले, जमीनों के बढ़ेंगे दाम
Expressway in UP : यूपी में लोगों को बेहतर यातायात सुविधाएं प्रदान करने के लिए सरकार तरह तरह के कदम उठा रही है। अब यहां पर एक 6 लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (Greenfield Expressway) को बनने के लिए मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके अलावा इन गांव को एनसीआर से भी जोड़ा जाने वाला है। अब एनसीआर से 22 जिलों को जोड़ा जाने वाला है। इसकी वजह से जमीनों की कीमतों में भी प्रॉपर्टी की कीमतों में तेजी दर्ज की जा रही है।
HR Breaking News (UP News)। उत्तर प्रदेश में अब एक ओर नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाया जाने वाला है। इस एक्सप्रेसवे के बनने की वजह से यात्रियों को काफी लाभ होने वाला है। अब यहां पर एक नया और बेहतरीन 6 लेन एक्सप्रेसवे (New 6 lane expressway) को बनाया जाने वाला है। इसकी वजह से औद्योगिक निवेश में भी बढ़ौतरी होने वाली है। खबर में जानिये इस बारे में पूरी जानकारी।
प्रदेश के इतनी तहसीलों को होगा लाभ
उत्तर प्रदेश में अब जल्द ही एक और आधुनिक 6-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (6-lane Greenfield Expressway) का निर्माण होने वाला है। ये एक्सप्रेस वे न सिर्फ प्रदेश के 22 जिलों और 37 तहसीलों को जोड़ने वाला है। हालांकि औद्योगिक निवेश, क्षेत्रीय विकास और यातायात सुगमता (UP News) के लिहाज से भी बेहद अहम साबित होगा। यह परियोजना उत्तर प्रदेश के बढ़ते सड़क नेटवर्क को नई दिशा देने के साथ-साथ लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक गलियारों को गति देने के उद्देश्य से तैयार की जाने वाली है।
एक्सप्रेस वे की ये हैं खासियत
- यूपी का ये एक्सप्रेस वे ग्रीन फील्ड मॉडल (green field model) पर तैयार किये जाने वाले हैं। इसका मतलब है कि इसे पूरी तरह नए रूट पर विकसित किया जाने वाला है। इसकी वजह से न सिर्फ तेज कनेक्टिविटी मिलेगी बल्कि यात्रा समय और ईंधन की खपत भी कम होने वाली है।
- इस एक्सप्रेस वे की चौड़ाई 6-लेन (भविष्य में 8 लेन तक विस्तार योग्य) की रहेगी।
- ये एक्सप्रेसवे प्रदेश (expressway state) के 22 जिलों और 37 तहसीलों से गुजरने वाला है।
- एक्सप्रेसवे के बनने की वजह से माल ढुलाई आसान होगी। इसके अलावा औद्योगिक केंद्रों तक बेहतर कनेक्टिविटी पहुंचेगी।
- एक्सप्रेस वे पर आपको टोल प्लाजा, (UP toll plaza) विश्राम स्थल, ईंधन स्टेशन, आपातकालीन सेवाएं और CCTV मॉनिटरिंग जैसी कई बेहतरीन सुविधाएं दी जाने वाली है।
एक्सप्रेस वे नेटवर्क काइ होगा विस्तार
उत्तर प्रदेश में पहले से यमुना एक्सप्रेस वे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे और गंगा एक्सप्रेसवे जैसे बड़े मार्ग से जोड़ा जाने वाला है। अब यह नया एक्सप्रेसवे (New Expressway in UP) इन मार्गों को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण कॉरिडोर साबित होने वाला है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि फिलहाल पश्चिमी और पूर्वी यूपी के औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ने के लिए जो नेटवर्क (UP Rail Network) तैयार किया जा रहा है उसमें यह नया मार्ग केंद्रीय भूमिका निभाएगा।
आर्थिक विकास का बढ़ेगा योगदान
इस परियोजना से प्रदेश के पिछड़े इलाकों में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होने की उम्मीद है। परियोजना की वजह से लॉजिस्टिक हब (logistics hub) को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा मालवाहन की तेज और सुगम आवाजाही हो पाएगी। इसके अलावा औद्योगिक गलियारे (industrial corridor) के आसपास भूमि की मांग में वृद्धि होने वाली है। किसानों को अपने उत्पाद दूरस्थ मंडियों तक पहुंचाने में सुविधा मिलने वाली है।
ऐसा होगा एक्सप्रेसवे का डिजाइन
- ग्रीनफील्ड परियोजना के तहत पर्यावरण संरक्षण पर विशेष जोर रहने वाला है।
- एक्सप्रेसवे के दोनों ओर हरित पट्टी (Green Belt) को विकसित किया जाएगा।
- जल संचयन (Rainwater Harvesting) के लिए बनाई जाएगी संरचनाए।
- ध्वनि प्रदूषण कम करने के लिए साउंड बैरियर लगाए जाएंगे।
- ई-वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन को भी प्रस्तावित किया जाने वाले हैं।
इन जिलों को मिलेगी सौगत
- प्रदेश के जिन 22 जिलों से यह एक्सप्रेस वे गुजरेगा, वहां पर रहने वाले लोगों को बेहतर सड़क कनेक्टिविटी, तेज आवागमन और स्थानीय कारोबार को बढ़ावा मिलने वाला है।
- छोटे कस्बों और गांवों को राजधानी लखनऊ और NCR (Delhi NCR News) से जोड़ने का लाभ मिलने वाला है।
- सड़क यात्रा का समय 40 से 50 प्रतिशत तक कम होने की उम्मीद है।
- शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचना भी आसान होने वाला है।
प्राथमिकता रहेगी ये परियोजना
उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले कुछ सालों में सड़क अवसंरचना को विश्व स्तरीय स्तर पर पहुंचाया जाने वाला है। इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कई बार बता दिया है कि एक्सप्रेसवे सिर्फ सड़कों का ही जाल नहीं है बल्कि प्रदेश के विकास का इंजन हैं। इस परियोजना के पूरा हो जाने के बाद निवेश, पर्यटन और व्यापार को एक साथ बढ़ावा मिलने वाला है।
एक्सप्रेसवे के बनने का प्रभाव
- औद्योगिक शहरों और छोटे कस्बों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
- मालवाहन की लागत कम होगी, इसकी वजह से उद्योग (Industrial devlopment in UP) प्रतिस्पर्धी बनने वाले हैं।
- राष्ट्रीय राजमार्गों पर भीड़भाड़ कम होने वाली है। इसके अलावा सड़क दुर्घटनाएं भी कम हो जाएगी।
- प्रदेश की जीडीपी (GDP of UP) वृद्धि दर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने वाला है।
औद्योगिक कंपनियों को होगा लाभ
उत्तर प्रदेश में नया एक्सप्रेसवे (UP New Expressway) बनने से औद्योगिक कंपनियों को भी बड़ा फायदा मिलेगा। इससे एक्सप्रेसवे के बनने से ट्रक और कंटेनर को एक शहर से दूसरे शहर तक पहुंचाने का समय कम हो जाएगा और कनेक्टिव भी मजबूत होगी। वहीं, कंपनी के ट्रकों को शहर के ट्रैफिक में नहीं फंसना पड़ेगा।
कब तक शुरू होगा निर्माण
- रिपोर्ट के मुताबिक परियोजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) अंतिम चरण में है।
- सर्वे होते ही सबसे पहले भूमि अधिग्रहण का काम किया जाएगा
- सरकार ने जानकारी देते हुए बताया है कि इस एक्सप्रेसवे का कार्य साल के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।
- एक्सप्रेसवे (UP New Expressway)का पूरा काम 3 से 4 सालों में कंप्लीट हो जाएगा।
