UP में बनेगा 700 किलोमीटर लंबा नया एक्सप्रेसवे, 8 घंटे में पूरा होगा 15 घंटे का सफर
UP News - उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश को विकास के नए आयामों पर ले जाने के लिए प्रयासरत है। वह एक्सप्रेसवे नेटवर्क को बढ़ाने पर लगातार काम कर रही है। इसी कड़ी में एक रिपोर्ट के मुताबिक ये कहा जा रहा है कि यूपी में 700 किलोमीटर लंबा नया एक्सप्रेसवे बनेगा... जिसके चलते 15 घंटे का सफर 8 घंटे में पूरा होगा-
HR Breaking News, Digital Desk- (Gorakhpur to Shamli Greenfield Expressway) उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश को विकास के नए आयामों पर ले जाने के लिए प्रयासरत है। वह एक्सप्रेसवे नेटवर्क को बढ़ाने पर लगातार काम कर रही है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) से लेकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (Purvanchal Expressway) तक, आप राज्य में कई जरूरी विकास देख सकते हैं।
इसके साथ ही, गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) जैसे प्रोजेक्ट पर भी लगातार काम चल रहा है। इसी कड़ी में, सरकार पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को जोड़ने के लिए एक नए प्रोजेक्ट की शुरुआत करने जा रही है, जिसका नाम गोरखपुर-शामली ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Shamli Greenfield Expressway) है। आइए इसके बारे में जान लेते है नीचे इस खबर में-
700 किलोमीटर फैला होगा एक्सप्रेसवे-
रिपोर्ट में जानकारी मिली है कि गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे लगभग 700 किलोमीटर लंबा होगा और पूरा होने पर उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे बन जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक इस साल के अंत तक इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने की उम्मीद है। यह एक्सप्रेसवे पूर्वांचल और पश्चिमी यूपी के बीच कनेक्टिविटी (connectivity) बढ़ाएगा, जिससे गोरखपुर से शामली तक का 15 घंटे का सफर केवल 8 घंटे में पूरा हो जाएगा।
22 जिलों से होगी कनेक्टिविटी-
ये एक्सप्रेसवे अयोध्या, लखनऊ (lucknow), बस्ती, बरेली, मेरठ और सहारनपुर समेत 22 जिलों से होकर गुजरेगा। इसका मतलब है कि इस एक्सप्रेसवे से बड़ी आबादी वाले शहरों में कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) इसके लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार कर रहा है, जो मार्ग और डिजाइन को प्रदर्शित करेगा।
35,000 करोड़ रुपये की लागत-
इस एक्सप्रेसवे में आगरा-लखनऊ और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की तरह एक रनवे भी होगा, जिससे इमरजेंसी प्लेन लैंडिंग (emergency plane landing) की जा सकेगी। इस परियोजना की कुल लागत 35 हजार करोड़ रुपये है और यह राज्य में बेहतर परिवहन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह पहल उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) के उद्देश्य को दर्शाता है, जो प्रदेश में रहने वालों के लिए सुगम, तेज और अधिक कुशल परिवहन का रास्ता तैयार करना चाहती है।
