NCR में 9000 एकड़ में बनेगा औद्योगिक शहर, 18 गांवों की जमीन खरीदेगी सरकार
NCR News :प्रदेश के औद्योगिक शहर के विकास के लिए अब सरकार नए-नए कदम उठा रही है। अब इसी बीच सरकार की ओर से 9000 एकड़ में एक नए औद्योगिक शहर (New industrial cities) को बसाने को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। इस नए शहर को बसाने के लिए सरकार की ओर से 18 गांवों की जमीनों की खरीदी की जाएगी। आइए खबर में जानते हैं कि यूपी में ये नया औद्योगिक शहर कहां बसाया जाएगा।
HR Breaking News (NCR News) नए शहर को बसाने को लेकर विकास की गति तेज हो गई है। अब इसी बीच सरकार (NCR Government) 9000 एकड़ में औद्योगिक शहर बसाने की तैयारी कर रही है।
इस नए शहर के निर्माण से शहरी विकास के साथ ही लोगों को रोजगार के नए अवसर मिल सकेंगे। इसके विस्तार के लिए 18 गांव की जमीन सरकार की ओर से ली जाएगी। आइए जानते हैं इस बारे में।
कहां बसाया जाएगा ये नया शहर
दरअसल, बता दें कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) के पास ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के किनारे पर सरकार की ओर से फरीदाबाद और पलवल के नौ गांवों की नौ हजार एकड़ जमीन पर इस नए शहर को बनाने को लेकर तैयारी चल रही है।
इस नए शहर के विस्तार के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ग्रेटर फरीदाबाद के 18 गांवों में साढ़े चार हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। यह औद्योगिक शहर एचएसआइआइडीसी (HSIIDC) के द्वारा बसाया जाएगा। इसके साथ ही हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण भी अपने सेक्टरों का दायरा बढाने की कोशिश में हैं।
यहां कर सकते हैं जमीनो के लिए आवेदन
इस नए शहर (New Industrial City) को विकसित करने के लिए जमीन अधिग्रहण करने की बजाय अब सरकार जमीन खरीदती है। जमीनों को बचने के लिए किसानों को सरकार के ebhoomi.jamabandi.com.nic.in पर अप्लई करना होगा। आवेदन की आखिरी तारीख 31 अगस्त 2025 है। जो किसान इसके लिए आवेदन करते हैं, उनकी जमीन ही सरकार की ओर से खरीदी जाएगी।
बता दें कि सरकार की इस पहल से एक्सप्रेसवे किनारे और नए सेक्टरों में जमीनों में दामों (prices in land) में बपंर उछाल आ सकता है और साथ ही इस क्षेत्र में बिल्डर लाबी भी पूरी तरह से एक्टिव हो जाएगा ताकि वह भी टाउनशिप बसा सकें।
नए सेक्टरों के लिए यह है चिन्हित गांव
एक्सप्रेसवे (new Expressway) के लिए कुछ गावों को चिन्हित कर लिया गया है। इसमे फरीदाबाद के छांयसा और मोहना गांव का नाम शामिल हैं। जबकि पलवल के मोहियापुर, बागपुर खुर्द, बहरौला, बागपुर कलां, हंसापुर, सोलड़ा, थंथरी भी हैं। बता दें कि इन सभी गांव की नौ हजार एकड़ जमीन ली जानी प्रस्तावित है।
बता दें कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की ओर से नए सेक्टरों के लिए कई गांव शामिल किए गए हैं। इन गावों में खेड़ी कलां, शाहबाद, बदरपुर सैद, साहुपुरा, सोतई, नचौली, ताजुपुर, ढहकौलासुनपेड़, मलेरना, जाजरू, भैंसरावली, फत्तुपुरा, भुआपुर, जसाना, फरीदपुर, सदपुरा और तिगांव शामिल हैं और इन गांव में सेक्टर-94ए, 96, 96ए, 99, 100, 101, 102, 103, 140, 141, 142 का विकास किया जाएगा।
बढ़ जाएंगे जमीने के रेट
जैसे ही इस नए शहर (New City) को बसाया जाता है तो इससे रिहायशी जोन का दायरा बढ़ेगा और सर्कल रेट में इजाफा होगा। सर्किल रेट बढ़ जाने के बाद गांव में जमीन के दामो में बंपर उछाल देखने को मिलेगा।
ऐसा करने से जमीन की खरीद-फरोख्त (Buying and selling of land) में छोटे से लेकर बड़े बिल्डर किसानों के घर जा सकते हैं। आज से तकरीबन 20 साल पहले नहरपार 19 गांवों में आर जोन के ऐलान के बाद भी जमीन के रेट में इजाफा देखा गया था। उस समय में यहां रातोंरात किसान करोड़पति बन गए थे।
वहीं, इससे पहले साल 2005 में निजी बिल्डरों ने सेक्टर के विकास के लिए चार हजार से अधिक एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री की। हालांकि उस समय में किसानों को उनके हिसाब से दाम दिए गए।
इस वजह से प्रति एकड़ की कीमत (Jamin Ke Rate) दो से तीन करोड़ तक हो गई थी। वहीं, अब 2031 का डेवलपमेंट प्लान जिले की 42 लाख जनसंख्या को आधार मानकर तैयार किया जा रहा है।
