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Chanakya Niti : चाणक्‍य ने बताया कामयाबी का रहस्‍य, मान लिया तो नौकरी में तरक्की पक्की

Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में बताया है कि हमें असफलता मिलने पर निराश होकर नहीं बैठना चाहिए। मेहमत और लगन से कठिन से कठिन लक्ष्य को भी पाया जा सकता है। 

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HR Breaking News (नई दिल्ली) : आचार्य चाणक्य को राजनीति और अर्थशास्‍त्र का सर्वश्रेष्ठ विद्वान माना जाता है। आचार्य चाणक्य की नीतियां सदियों से लोगों का मार्गदर्शन करती आ रही है। चाणक्य की इन नीतियों के बल पर ही कई राजा महाराजाओं ने अपने शत्रु पर सफलता पाई और वर्षों तक सफलता पूर्वक शासन किया। आचार्य ने अपने नीतिशास्‍त्र में अनेकों विषयों की विस्तार से जानकारी दी है। फिर वह चाहे जीवन जीने का तरीका हो या फिर शिक्षा व नौकरी में सफलता। जब व्‍यक्ति को हर तरफ से असफलता मिलने लगे तो इस निराशा से उबरने में चाणक्य की नीतियां एक उम्‍मीद की तरह मार्गदर्शन करती हैं। आचार्य चाणक्य ने नौकरी में सफलता पाने के चार खास गुण बताए हैं।

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 लक्ष्य को करें निर्धारित

आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि नौकरी में व्‍यक्ति को कामयाबी तभी मिलती जब उसका लक्ष्य पहले से ही निर्धारित होता है। क्‍योंकि वर्क प्लानिंग के अनुसार किसी भी कार्य को समय से पूरा करना आसान हो जाता है। वहीं, जो लोग बगैर प्‍लानिंग के साथ आगे बढ़ते हैं, वे रास्‍ते में ही भटक जाते हैं।

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अनुशासन और मेहनत है जरूरी 

आचार्य के अनुसार किसी निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए सबसे ज्‍यादा जरूरत मेहनत और अनुशासन की पड़ती है। इन दोनों चीजों से कठिन से कठिन लक्ष्‍य को भी हासिल किया जा सकता है। लक्ष्य प्राप्ति के लिए दूसरों के भरोसे कभी नहीं बैठना चाहिए। चाणक्य कहते है कि अगर व्‍यक्ति अनुशासन के साथ मेहनत करना छोड़ दे तो उसे कभी सफलता नहीं मिल सकती।

ईमानदारी जरूरी

चाणक्‍य कामनना है कि सफलता पाने के लिए अपने काम के प्रति ईमानदार होना भी जरूरी है। जो लोग अपने काम में लापरवाही करते हैं उन्‍हें नुकसान उठाना पड़ता है और सफलता उनसे दूर होती जाती है। अगर व्‍यक्ति अपने काम के प्रति ईमानदार रहे तो उसे भविष्य में सफलता जरूर हासिल होती है।

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जोखिम लेने से न डरें

चाणक्‍य कहते हैं कि व्‍यक्ति को कभी जोखिम लेने से नहीं डरना चाहिए। सही समय पर लिया गया फैसला अगर जोखिम भरा है तब भी वह सफलता दिलाता है। अगर जोखिम से डर कर पीछे लौट गए तो कभी सफलता नहीं मिल पाती। आचार्य के अनुसार, वही व्यक्ति सफल होता है जो असफलता से नहीं डरता है, इसलिए निर्णय लेने से कभी न डरें।