Chanakya Niti: जीवन में चाणक्य का बताया जरूर करें ये काम, सफलता चूंमेगी कदम
HR Breaking News (ब्यूरो) : दान के समय लालसा का भाव पैदा नहीं होना चाहिए नहीं तो उसका परिणाम नहीं मिलता. चाणक्य ने धन की तीन गतियां बताई है जो व्यक्ति के भविष्य से जुड़ी हैं. जो इन सिद्धांतों का सही तरीके से पालन करता है तो वह न सिर्फ एक सुखद जीवन यापन करता है बल्कि धन और तरक्की भी पाता है.
दानेन पाणिर्न तु कङ्कणेन स्नानेन शुद्धिर्न तु चन्दनेन ।
मानेन तृप्तिर्न तु भोजनेन ज्ञानेन मुक्तिर्न तु मण्डनेन ।।
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चाणक्य कहते हैं कि धन की तीन गतियां है दान, भोग और नाश. जो मनुष्य धन का उपयोग सिर्फ अपनी ख्वाहिशों को पूरा करने में लगाता है और दान नहीं करता है उसकी समस्त पूंजी का नाश हो जाता है. अपनी कमाई का एक हिस्सा सतकर्मों, लोगों की सेवा, में जरूर लगाना चाहिए. सुख, पुण्य और मोक्ष के लिए दान अति आवश्यक है.
श्लोक के माध्यम से चाणक्य ने दान की महत्ता बताई है. चाणक्य के अनुसार दान करने वाले हाथ सुंदर कंगन पहने हाथों से कई अधिक सुंदर होते हैं. श्लोक में बताया है कि स्नान के पश्चात ही शरीर शुद्ध हो पाता है न कि चंदन का लेप लगाने से.
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सुगंधी का लेप कर लेने से शरीर पवित्र नहीं होता. दान करने से धन कम नहीं होता बल्कि इसमें वृद्धि होती है. भोजन से मन तृप्त नहीं होता, संतुष्टि के लिए मान सम्मान की भी आवश्यकता होती है. उसी प्रकार सजने संवरे से मोक्ष नहीं मिलता इसके लिए मोक्ष की प्राप्ति होती है.