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चाणक्य नीति: पत्नी करें ये बातें तो संभल जाने में ना करें देरी, हो सकता है बड़ा नुकसान

आचार्य चाणक्य के अनुसार पति पत्नी का रिश्ता प्यार और विश्वास पर टिका होता है। ऐसे में अगर आपकी पत्नी ये बातें करने लगे तो आपको सोच लेना चाहिए कि आपका आने वाला समय आपके लिए बुरा साबित होने वाला है। आइए जानते है विस्तार से
 
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चाणक्य नीति: पत्नी करें ये बातें तो संभल जाने में ना करें देरी, हो सकता है बड़ा नुकसान

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में पैसे, सेहत, बिजनेस, दांपत्य जीवन, समाज, जीवन में सफलता से जुड़े तमाम चीजों पर अपनी राय दी है. अगर कोई व्यक्ति की आचार्य चाणक्य की बातों का अनुसरण अपने जीवन में करता है, तो वह जीवन में कभी गलती नहीं करेगा और सफल मुकाम पर पहुंच सकता है. चाणक्य नीति में महिलाओं और पुरुषों के संबंधों के साथ-साथ उनके गुणों के बारे में भी उल्लेख किया है. आचार्य चाणक्य के अनुसार पति और पत्नी के एक दूसरे के पूरक है, लेकिन आपसी तालमेल में अगर कमी हो तो, पति-पत्नी का रिश्ता कभी भी बिना तालमेल के नहीं चल सकता. ऐसे में आइए जानते हैं आचार्य चाणक्य ने ऐसी कौन सी बातें है जब पत्नी के लिए उसका पति ही सबसे बड़ा शत्रु बन जाता है.


1. अच्छा चरित्र

आचार्य चाणक्य के अनुसार जिस स्त्री का संबंध किसी परपुरुष से हो या जिस स्त्री का चरित्र अच्छा न हो उसके लिए उसका पति सबसे बड़ा शत्रु होता है. चाणक्य के अनुसार गलत काम करने वाली पत्नी अपने पति को अपना दुश्मन मानने लगती है.

2. दोनों ही हों गलत

आचार्य चाणक्य के अनुसार, यदि पति या पत्नी में से एक या दोनों गलत कामों में शामिल हैं, तो निश्चित इसका प्रभाव दूसरे पर जरूर पड़ता है. मतलब पति की गलती हो तो पत्नी पर असर पड़ता है और पत्नी की गलती हो तो पति पर.

3. लालची पत्नी के लिए भी पति दुश्मन

यदि पति की पत्नी बहुत लालची हो और आए दिन कुछ न कुछ मांग करती रहती है, तो ऐसे में यदि पति पत्नी को फिजूलखर्ची से रोकता है या किसी अन्य व्यक्ति या रिश्तेदार ने पति से धन मांग लिया ऐसे में पत्नी के लिए पति शत्रु के समान हो जाता है और वह अपने लालच के लिए घर में क्लेश करने से भी नहीं हिचकिचाती. ऐसी स्त्री भी किसी प्रकार का दान-पुण्य आदि नहीं करती है.

4. ज्ञानी पति भी होता है पत्नी का शत्रु

चाणक्य का कहना है कि अगर घर में स्त्री मूर्ख है यानि बिना सोचे समझे काम करती है तो वह किसी के मुंह से ज्ञानवर्धक बातें नहीं सुन सकती, चाहे वह उसका पति ही क्यों न हो. ज्ञान की बात कहने पर सामने वाला शत्रु समान हो जाता है.