Chanakya Niti: पुरूष और महिलाओं को इन तीन कामों में कभी नहीं करनी चाहिए शर्म
HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली,Chankya niti: अकसर यह सुनने को मिलता है कि शर्म और लिहाज करने से आचरण सभ्य बनता है। लेकिन आचार्य चाणक्य की एक नीति ऐसी है जिसमें कुछ मौकों पर बेशर्म होना ज्यादा अच्छा माना गया है। चाणक्य कहते हैं कि अगर इंसान इन मौकों पर बेशर्म नहीं बनेगा तो उसका अपना ही नुकसान होगा।
आचार्य चाणक्य की नीतियों का आज के समय में भी काफी महत्व देखा जाता है। कहा जाता है कि उनकी नीतियों में मनुष्य जीवन से जुड़ी सभी परेशानियों का हल मिल सकता है। जानते हैं कि आचार्य चाणक्य अनुसार लोगों को किस कार्यों को करने में कोई शर्म नहीं करनी चाहिए…
चाणक्य नीति में एक श्लोक मे यह कहा गया है कि ” धनधान्यप्रयोगेषु विद्वासंग्रहणे तथा।आहारे व्यवहारे च त्यक्तलज्ज: सुखी भवेत।। ” आचार्य चाणक्य के इस श्लोक से इस बात की जानकारी मिलती है कि इंसान को किन तीन कार्यों को करने में किसी भी प्रकार की शर्म नहीं करनी चाहिए।
अपना पैसा मांगने में:- आचार्य चाणक्य अनुसार किसी भी व्यक्ति को धन से संबंधित कार्यों को करने में शर्म नहीं करनी चाहिए। जो व्यक्ति पैसों से संबंधित कोई भी कार्य करने में शर्म करता है उसे आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जैसे अगर किसी व्यक्ति को पैसा उधार दिया है और हम शर्म के कारण उसे वापस नहीं मांग पा रहे हैं तो ऐसे में धन की हानि निश्चित है। ऐसा करने से हमारा ही नुकसान हो सकता है।
गुरु से स्वाल पूछने में:- दूसरा ज्ञान चाणक्य ने यह दिया है कि जो व्यक्ति अपने गुरु से कोई प्रश्न पूछने में शर्माता हो तो ऐसे व्यक्ति को कभी ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती है। अच्छा शिष्य शिक्षा प्राप्ति के समय शर्म नहीं करता है। इसलिए कभी भी अपने गुरु से प्रश्न पूछने में शर्म नहीं करनी चाहिए।
खाना खाते समय:- अगर कोई व्यक्ति खाना खाने में शर्म करता है तो वह भूखा ही रह जाएगा। कभी कभी लोग अपने रिश्तेदारों या करीबियों के यहां भोजन करते हुए शर्म करते हैं। इस पर चाणक्य का कहना है कि ऐसे लोग भर पेट भोजन नहीं कर पाते हैं। इसलिए खाना खाने में किसी तरह की शर्म नहीं करनी चाहिए।