Chanakya Niti - इनकी पूजा न करने से बनता काम भी बिगड़ जाता है, जिंदगी में रहता है दुख
HR Breakking News, Digital Desk- आर्चाय चाणक्य बहुत बड़े कूटनीतिज्ञ थे, उन्होंने व्यक्ति को जीवन में सफलता पाने के लिए कई नीतियों के बारे में बताया गया है. चाणक्य का कहना है कि व्यक्ति को उनके कर्मों के अनुरूप फल की प्राप्ति होती है. जीवन में कुछ ऐसे कार्य करने चाहिए, जिससे व्यक्ति को हर कार्य में सफलता हासिल होती है.
आचार्य जी ने चाणक्य नीति में कुछ ऐसी बातें बताई हैं जिनको समझने से और उनका पालन करने से व्यक्ति किसी भी चुनौती को आसानी से सुलझा सकता है. चाणक्य नीति में कई ऐसी चीजों के बारे में बताया गया है जिन्हें अपनाकर आप हर समस्या से निजात पा सकते है, जानें ऐसे ही एक नीति के बारे में.
यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवताः।
यत्र तास्तु न पूज्यंते तत्र सर्वाफलक्रियाः ।।
चाणक्य नीति के इस श्लोक में यह बताया गया है कि जिस स्थान पर नारी की पूजा कि जाती है वहां देवी-देवता स्वयं निवास करते हैं. वहीं जहां नारी की पूजा नहीं होती है या उन्हें हीन भावना से देखा जाता है वहां सदैव किसी न किसी प्रकार की परेशानी उत्पन्न होती रहती है और वहां सभी कार्य व्यर्थ हो जाते हैं. इसलिए समाज में नारी का स्थान देवी-देवताओं के स्थान के बराबर है, उनकी निंदा या उनका अपमान करने से स्वयं देवी-देवता क्रोधित हो जाते हैं.
मूर्खा यत्र न पूज्यन्ते धान्य यत्र सुसंचितम्।
दंपतो: कलहो नास्ति तत्र श्री: स्वयमागता।।
इस श्लोक का मतलब है कि जिस जगह पर मूर्खों की पूजा नहीं की जाती है बल्कि सिर्फ ज्ञानियों का सम्मान होता है, जो लोग ज्ञानियों द्वारा बताई गई बातों पर अमल करते हैं. ऐसे लोग हमेशा धन-धान्य से भरे होते है। कभी भी घर में लड़ाई नहीं होती, हर कोई एक-दूसरे से प्रेम करता है. ऐसी जगह पर हमेशा लक्ष्मी का वास होता है.
वहीं दूसरी ओर जो लोग मुर्ख इंसान की पूजा करते है और ज्ञानियों का सम्मान नहीं करते है. ऐसे घर में कभी भी लक्ष्मी का वास नहीं होता है.