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चाणक्य नीति: महिलाएं इन पुरुषों से हमेशा रहती हैं खुश और संतुष्ट

चाणक्य ने नीति में पुरुषों के गुणों के बारे में जिक्र किया है। हमेशा हमे अपने शत्रु से सावधान रहना चाहिए। असफलता से हारकर नहीं बैठना चाहिए। अपने पत्नी को खुश रखने के गुण होना चाहिए। जिन पुरुषों में ये पांच गुण हाते हैं इनसे महिलाएं संतुष्ट होते हैं। 

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HR Breaking News (ब्यूरो) : आचार्य चाणक्य के नीति शास्‍त्र को मनुष्‍य जीवन के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। इसमें आचार्य चाणक्‍य ने मनुष्‍य जीवन के कई ऐसे मर्म बताए हैं, जिन्‍हें समझ कर कोई भी व्‍यक्ति आसानी से अपने जीवन को सुखमय और सफल बना सकता है। नीतिशास्‍त्र में पुरुषों से जुड़े गुणों का जिक्र करते हुए आचार्य कहते हैं कि अगर किसी पुरुष में कुत्ते के 5 गुण आ जाए तो उससे उसकी स्त्री हमेशा संतुष्ट रहती है। ऐसे पुरुष अपनी पत्‍नी और परिवार में खुश रखने के साथ सामाज में भी सम्‍मान पाते हैं। ये गुण उन्‍हें करियर में भी सफलता दिलाने में मदद करते हैं। आइए जानते हैं पुरुषों के इन 5 गुणों के बारे में।

1. संतुष्ट रहना

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आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि पुरुष को यथाशक्ति परिश्रम करना चाहिए और उससे जो धन या फल मिले, उससे संतुष्‍ट व खुश रहना चाहिए। जिस तरह से कुत्ता जितना भोजन मिलता है, उतने में ही संतुष्ट हो जाता है, उसी तरह पुरुषों को मेहनत से अर्जित इस धन से ही परिवार का पालन पोषण करना चाहिए। जिन पुरुषों में यह गुण होता है, वे सफलता प्राप्‍त करते हैं।


2. सतर्क रहना

आचार्य के अनुसार, जिस तरह से कुत्‍ता गहरी नींद में होने के बाद भी सतर्क रहते हैं, वैसे ही पुरुष को भी हमेशा अपने परिवार-स्त्री और कर्तव्यों को लेकर सतर्क होना चाहिए। परिवार व खुद कर सुरक्षा के लिए शत्रुओं के सदा सावधान रहे। आप चाहे कितनी भी गहरी नींद में क्यों ना हो हल्‍की आहट पर ही जागने का गुण होना चाहिए। ऐसे गुण वाले पुरुष से उनकी पत्‍नी हमेशा खुश रहती है।

3. वफादारी

चाणक्‍य कहते है कि जिस तरह कोई कुत्ते की वफादारी पर शक नहीं कर सकता है। उसी तरह पुरुष को अपनी पत्‍नी व कार्य के प्रति हमेशा वफादार होना चाहिए। जो पुरुष अनजान महिलाओं को देखकर भी लालायित हो जाता है, उसके घर में कलह बनी रहती है। ऐसे पुरुष से स्त्री कभी खुश नहीं रहती है। क्‍योंकि पत्‍नी अपने पति की वफादारी से ही आनंदित रहती है।

4. वीरता

आचार्य कहते हैं कुत्ता निडर और वीर प्राणी होता है। जिस तरह से यह अपने मालिक की रक्षा के लिए अपनी जान तक गंवा सकता है। ठीक उसी तरह पुरुषों को भी वीर होना चाहिए, जरुरत पड़ने पर अपनी पत्‍नी और परिवार के लिए अपनी जान दाव पर लगाने से भी पीछे नहीं हटना चाहिए।


5. संतुष्ट रखना

आचार्य चाणक्‍य के अनुसार, पुरुष का पहला दायित्‍व है अपनी पत्‍नी को हर तरह से संतुष्ट रखना। जो पुरुष शारीरिक और मानसिक रूप से अपनी पत्‍नी को संतुष्‍ट रखते हैं, उनकी पत्‍नी हमेशा खुश रहती है। ऐसा करने वाला पुरुष हमेशा अपनी पत्‍नी का प्रिय बना रहता है।

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(नोट-यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। HR Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है।)