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EPFO मंत्रालय ने कर्मचारियों को दी बड़ी राहत

ईपीएफ खाताधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी। दरअसल ईपीएफओ मंत्रालय ने कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। जिसके तहत मंत्रालय ने कहा है कि बार-बार कर्मचारियों का क्लेम रिजेक्ट किया जा रहा है, जो मानकों के खिलाफ है. इस गलत प्रथा को बंद करने की आवश्यकता है. 

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EPFO मंत्रालय ने कर्मचारियों को दी बड़ी राहत

HR Breaking News, Digital Desk- अगर आपका भी बार-बार ईपीएफ क्लेम रिजेक्ट हो रहा है, तो अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के क्लेम रिजेक्शन को लेकर संचार मंत्रालय ने सख्ती बरतते हुए गाइडलाइन जारी की है. मंत्रालय ने कहा है कि बार-बार कर्मचारियों का क्लेम रिजेक्ट (epfo claim) किया जा रहा है, जो मानकों के खिलाफ है. इस गलत प्रथा को बंद करने की आवश्यकता है. 

संचार मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि ईपीएफओ कार्यालयों की ओर से कर्मचारियों का दावा (Employee PF Claim ) एक से अधिक बार कई कारणों से कैंसिल कर दिया जाता है. मंत्रालय ने कहा कि ऐसी शिकायतों पर ईपीएफ कार्यालयों को कदम उठाते हुए सुधार करने की जरूरत है. 

क्लेम की राशि देने में भी देरी-


मंत्रालय ने कहा कि दावों को स्वीकार करने के बाद भी कर्मचारियों के दावों का निपटारा करने में भी देरी की जा रही है. ऐसे में ईपीएफओ को सुधार करने की आवश्यकता है. मंत्रालय ने गलत प्रथाओं पर रोक लगाने के लिए निर्देश दिया है. गलत प्रथाओं में अनावश्यक दस्तावेजों का मांगना भी शामिल है. 

इस तरह की मिल रहीं शिकायत- 


संचार मंत्रालय ने कहा कि पीएफ सदस्यों, लाभार्थियों और अन्य लोगों की ओर से कई तरह की शिकायतें मिल रही हैं. ज्यादातर शिकायतें निर्धारित समय सीमा के भीतर नहीं होने और भुगतान प्रदान करने में देरी और उत्पीड़न की हैं. इसके अलावा, आवेदन कई कारणों से वापस किया जा रहा है. 

अधिकारियों की लापरवाही- 


ईपीएफओ का कहना है कि इस तरह का व्यवहार संबंधित अधिकारियों को दिए गए अधिकार के लापरवाही को बताता है. ज्यादातर अधिकारियों की कार्यशैली संगठन पर बुरा असर डाल रही हैं. ऐसे में ईपीएफओ की ओर से सभी ओआईसी और अन्य अधिकारियों को ऐसे कार्य को जल्द खत्म करने के निर्देश दिए गए हैं.

कोई भी क्लेम न हो रिजेक्ट- 


मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि प्रत्येक दावे को पहली बार में ही पूरी तरह से जांच की जाए और किसी भी दावे को अस्वीकार करने के सभी कारणों के बारे में सदस्य को पहली बार में ही बताया जाए. इसके बाद, जब दोबारा से वह क्लेम करता है, तो उन गलतियों पर गौर करके ही अप्रूव किया जाए. अगर फिर से वह गलती की जाती है तो ही क्लेम रिजेक्ट किया जाए.