Fast Train Route जल्द ही इन रूटों पर 180 किमी की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेनें, सफर में लगेगा कम वक्त
HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली,रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी आई है. सितंबर के शुरुआत या अक्टूबर में भारतीय रेलवे अपनी कई ट्रेनों की गति बढ़ाने जा रहा है. अब ट्रेनों को 180 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलाया जाएगा. इससे दिल्ली-मुंबई के रेल सफर में दो घंटे की कमी आएगी. भारतीय रेलवे शुरुआत में 23 जोड़ी ट्रेनों की गति बढ़ाने में जुटा है. गति को 160 से 180 किलोमीटर के बीच रखने की योजना है. दिल्ली-पटना के बीच फिलहाल 12-14 घंटे में पूरा होने वाला सफर घटकर 10-11 घंटे रह सकता है.
बाकी रुट्स पर भी ट्रेन एक से डेढ़ घंटे पहले यात्रियों को पहुंचा देगी. ये ट्रेनें अभी 130 किमी प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से ही दौड़ रही हैं. 23 में से 12 जोड़ी ट्रेनें भोपाल से गुजर सकती हैं. योजना के तहत अक्टूबर के पहले हफ्ते से पटना राजधानी और संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस की रफ्तार 160-170 किमी प्रति घंटा की जा सकती है.
दिल्ली-पटना और भोपाल रूट पर भी बढ़ाई जाएगी ट्रेनों की स्पीड
राजधानी, शताब्दी, दुरंतो की बढ़ेगी रफ्तार
फिलहाल रेलवे बोर्ड ने ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए कोई समय सीमा तो नहीं तय की है. लेकिन तैयारियों में लगने वाले समय के हिसाब से ये सितंबर या अक्टूबर से शुरू हो सकता है. रेल मंत्रालय अगस्त-सितंबर में इस बारे में आधिकारिक सूचना जारी करके लोगों को इस बारे में विस्तार से जानकारी उपलबध कराएगा. जिन जिन ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने की तैयारी है उनमें शामिल हैं- 5 अलग-अलग रुट्स पर चलने वाली राजधानी एक्सप्रेस, 3 अलग-अलग रुट्स की शताब्दी ट्रेनें, संपर्क क्रांति के साथ पंजाब मेल, केरल एक्सप्रेस और एक दुरंतो ट्रेन.
ट्रेनों की स्पीड बढ़ने से वेटिंग कम होगी
ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए रेल मंत्रालय ने हाल ही में एक स्पीड फोर्स यूनिट गठित की है. इसमें ट्रेनों की आवाजाही से जुड़े अधिकारियों को शामिल किया गया है. इन अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वो ट्रेन की स्पीड 130 से 160 किलोमीटर तक बढ़ाने के दौरान ट्रेन, रेलवे ट्रैक और रूट पर नजर रखेंगे. अगर किसी रुट पर रेलगाड़ी की रफ्तार बढ़ाने में समस्या आएगी तो उसके समाधान के बारे में सुझाव देंगे. इस योजना को लागू करने के बाद रेलवे का प्लान इसी साल के आखिर तक रेलगाड़ियों की स्पीड को बढ़ाकर 180 किलोमीटर प्रति घंटा करने की है. समय की बचत होने से रेलवे के पास ज्यादा डिमांड वाले रूट पर कुछ और ट्रेन चलाने की गुंजाइश पैदा हो जाएगी. इससे लोगों को आसानी से ट्रेन में कनफर्म रिजर्वेशन मिल सकेगा.