home page

Haryana news: डिप्टी जेलर कुलदीप हुड्‌डा ने दी जान, केस में नाम आने के बाद से फरार था

Haryana news today: हरियाणा के बहुचर्चित नारनौल जेल रिश्वतकांड के आरोपी डिप्टी जेलर कुलदीप हुड्‌डा ने सुसाइड कर लिया है।
 | 

वे पिछले 2 माह से भी ज्यादा वक्त से फरार चल रहे थे। गुरुग्राम में अपने किसी रिश्तेदार के यहां उन्होंने आत्महत्या की। राजेन्द्रा पार्क थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है।


बता दें कि गुरुग्राम विजिलेंस ने नारनौल जेल में छापा मारकर जेल वॉर्डन को एक लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। उसके बाद जेल अधीक्षक से लेकर डिप्टी जेल अधीक्षक तक का नाम केस में आया। मामले में अभी तक दो जेल वॉर्डन की गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि जेलर और डिप्टी जेलर दोनों फरार चल रहे थे।


दोनों ने गिरफ्तारी से बचने के लिए नारनौल कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई, जो खािरज हो गई। फिर दोनों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका लगाई, जो खारिज हो गई।

इसके बाद गुरुवार देर शाम जानकारी सामने आई कि डिप्टी जेलर कुलदीप हुड्‌डा ने गांव माकड़ौला में अपने किसी रिश्तेदार के आत्महत्या कर ली।


कुलदीप कुछ दिन से रिश्तेदार के यहां ही रुके हुए थे। बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज हो जाने के बाद वह मानसिक रूप से परेशान हो गए थे, जिसके चलते उसने आत्महत्या कर ली। कुलदीप हुड्‌डा मूलरूप से रोहतक के गांव पोलंगी के रहने वाले थे और वर्तमान में सोनीपत में रहते थे।

Haryana news: दूल्हे ने कंबाइन मशीन पर कराई घुड़चढ़ी, हरियाणवी गीतों से कराया पूरे गांव का मनोरंजन


यह था मामला


गैंगस्टर विक्रम उर्फ पपला का गुर्गा संदीप नारनौल जेल में बंद था। दोनों आरोपी उसे घर से पैसे मंगवाने के लिए टॉर्चर कर रहे थे। संदीप ने भाई हंसराज को फोन करके पैसे मंगवाए थे।

हंसराज ने विजिलेंस को सूचना दे दी। विजिलेंस ने कार्रवाई करते हुए जाल बिछाया और 9 दिसंबर को हंसराज पैसे देने जेल गया तो विजिलेंस ने छापा मारकर जेल वार्डन राजन को रंगे हाथों पकड़ लिया।


पूछताछ में उसने वार्डर गजे सिंह का नाम लिया, जिसे भी उसी दिन पकड़ लिया गया। इन दोनों ने पूछताछ में जेलर और डिप्टी जेलर का नाम लिया था।

दोनों ने विजिलेंस पूछताछ में बताया था कि रिश्वत की यह रकम जेल सुपरिंटेंडेंट अनिल कुमार जांगड़ा और डिप्टी सुपरिंटेंडेंट कुलदीप हुड्‌डा तक पहुंचनी थी। विजिलेंस ने उसी वक्त डिप्टी सुपरिंटेंडेंट कुलदीप हुड्‌डा को 7PC एक्ट के तहत एफआईआर में नामजद किया।


जेल अधीक्षक अब भी फरार


15 दिसंबर को विजिलेंस की टीम ने अनिल कुमार के रेवाड़ी स्थित सरकारी आवास पर रेड की। उनके पास रेवाड़ी के अलावा नारनौल जेल का अतिरिक्त चार्ज था।

जानकारी लीक होने के चलते रेड फेल हो गई थी। कोठी की तलाशी लेने के बाद भी जेलर विजिलेंस के हत्थे नहीं चढ़ पाए थे। केस की अगुवाई कर रहे विजिलेंस के इंस्पेक्टर अजीत सिंह को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा था। उन्हें रेड फेल होने की चूक के चलते सस्पेंड कर दिया गया था।


बाद में विजिलेंस की टीम ने फिर से जेलर और डिप्टी जेलर दोनों की गिरफ्तारी को लेकर न केवल वारंट जारी कराए, बल्कि उनके ठिकानों पर छापामारी भी की, लेकिन दोनों ही विजिलेंस की गिरफ्त में नहीं आ सके।

गिरफ्तारी से बचने के लिए दोनों ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी, जो 24 फरवरी को खारिज हो गई। उसके बाद डिप्टी जेलर मायूस हो गए और उन्होंने आत्महत्या कर ली। जेल अधीक्षक अनिल कुमार अभी भी फरार है।