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Haryana news:हादसे में घायल मां से मिलने जाने के लिए मजदूर के पास नहीं थे पैसे, खून बेचने पहुंचा अस्पताल

आपने गरीबी और मुफलिसी से परेशान लोगों की अलग-अलग कहानी पढ़ी और सुनी होंगी. लेकिन, गरीबी और लाचारी की यह कहानी आपको भी थोड़ी देर के लिए परेशान कर देगी.
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पानीपत में गरीबी और तंगहाली ने एक प्रवासी को इतना मजबूर कर दिया कि वो अपना खून (Blood) बेचने अस्पताल (Hospital) पहुंच गया. प्रवासी मजदूर बिहार (Bihar) का रहने वाला है. वो पानीपत में ही मजदूरी करता है.


दरअसल बिहार से मां के घायल होने की सूचना पाकर प्रवासी मजदूर परेशान हो गया. उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि वो अपनी मां से मिलने बिहार जा सके. इसलिए वो एक प्राइवेट अस्पताल में अपना खून बेचने के लिए पहुंच गया.

लेकिन वहां उसे इनकार कर दिया गया. जिसके बाद सामान्य अस्पताल में पहुंच गया. सामान्य अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे समझाया तो वो रोता बिलखता नजर आया. सामान्य अस्पताल में शिवकुमार को रोता देख लोगों ने उसे सहायता दी. तब कहीं जाकर कई घंटे बाद शिवकुमार ने राहत की सांस ली.


बता दें कि पानीपत में बिहार से आया प्रवासी मजदूर शिवकुमार दिहाड़ी कर अपना गुजर बसर कर रहा था. शिवकुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि उसके घर में उसकी बुजुर्ग मां व एक छोटी बहन है.

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बीते रोज उसके पास बिहार से फोन आया कि उसकी मां चोटिल हो गई है और वह अस्पताल में भर्ती है. मां के घायल होने की सूचना पर शिवकुमार परेशान हो गया. क्योंकि उसके पास बिहार जाने के लिए पैसे नहीं थे. क्योंकि जो दिहाड़ी उसे मिलती थी वह उसे अपनी मां के पास भेज देता था.


वो जिस ठेकेदार के पास काम करता था उसने उसे पैसे देने से इनकार कर दिया. मां के घायल होने की चिंता उसे सताने लगी. परेशान शिवकुमार पहले एक निजी अस्पताल में खून बेचने के लिए पहुंचा.

निजी अस्पताल से इनकार करने के बाद शिवकुमार पानीपत के सामान्य अस्पताल में रोता बिलखता पहुंचा और डॉक्टर से गुहार लगाई कि उसे कुछ पैसे की जरूरत है. उसका खून ले लो और पैसे दे दो. डॉक्टर ने उसे समझाया कि अस्पताल में खून नहीं खरीदा जाता.