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हाय GST की मार! किराये के मकान में रहना होगा महंगा, शादी समारोह पर भी देना होगा 1.5 लाख रुपये टैक्स!

GST on Rent House-Marriage: 18 जुलाई से GST के नियमों में बड़ा बदलाव हो गया है। अब नए नियमों के मुताबिक 10 लाख की शादी पर 1.5 लाख से ज्यादा का GST लगेगा। इसके साथ घर के किराये पर जीएसटी देना पड़ सकता है। जानें नए नियम 

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HR Breaking News,(डिजिटल डेस्क): महंगाई की मार हर आमजन को पड़ रही है। यह कम होने की बजाय दिनों-दिन ज्यादा होती ही दिख रही है। हाल में सरकार ने जीएसटी(GST) के दायरे में आम रोजमर्रा की चीजों को ले लिया है जैसे, दूध से बने प्रोडेक्ट, आटा आदि।  इस GST से लोगों पर महंगाई का जोरदार अटैक हुआ है तो सरकार मालामाल हो गई है। अब इस GST के दायरे में किराये पर लिया घर भी आ गया है। दरअसल, 18 जुलाई को GST काउंसिल ने नियमों में जो फेरबदल किए हैं उसमें घर के किराये से जुड़े नियम भी शामिल हैं।

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किसे चुकाना होगा घर पर GST


 इन नियमों के तहत अब कुछ विशेष परिस्थितियों में घर के रेंट पर GST चुकाना होगा। इनमें कारोबार या कंपनी को घर किराये पर देने की स्थिति में GST का भुगतान करना होगा। नियमों के अनुसार GST के तहत रजिस्टर्ड कारोबारी या व्यक्ति अगर किराये पर घर लेता है तो उसे GST चुकाना होगा। किराये पर GST का ये नियम अभी तक केवल व्यावसायिक प्रॉपर्टीज पर लागू था।


GST के इस नियम में किरायेदार को चुकाए गए टैक्स पर इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम करने की छूट मिलेगी। हालांकि घर अगर निजी इस्तेमाल के लिए किराये पर लिया गया है तो भी GST लागू नहीं होगा। साथ ही अगर घर को किराये पर लेने वाला कारोबारी, कंपनी या व्यक्ति GST के तहत रजिस्टर्ड नहीं है तो भी ये टैक्स नहीं लगेगा।


घरों के किराये पर GST नियम


अगर कोई व्यक्ति भले ही वो जीएसटी में रजिस्टर्ड ना होने पर भी अपनी घर जीएसटी रजिस्टर्ड शख्स या कंपनी को किराये पर देगा, तो किरायेदार को 18 फीसदी GST देना होगा। अगर किरायेदार जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड नही है तो फिर किसी तरह का टैक्स नहीं चुकाना होगा। अगर कंपनी या कोई व्यक्ति किसी रिहायशी प्रॉपर्टी को कर्मचारी के रहने, गेस्ट हाउस के तौर पर इस्तेमाल करने या दफ्तर के लिए उपयोग करने के लिए लेती है, तो फिर किरायेदार को 18 फीसदी GST देना होगा। अगर मकान मालिक GST में रजिस्टर्ड नहीं है तो भी ये टैक्स चुकाना होगा। हालांकि अगर मकान मालिक और किरायेदार दोनों ही GST में रजिस्टर्ड नहीं है तो फिर किराये पर GST का ये नियम लागू नहीं होगा। इसके साथ ही पहले की तरह निजी इस्तेमाल के लिए घर या फ्लैट किराये पर लेने वालों को GST नहीं देना होगा।

 

10 लाख की शादी पर 1.5 लाख से ज्यादा का GST


 दिवाली के बाद भारत में शादियों का सीजन शुरू हो जाएगा। इसके लिए अभी से लोगों ने मैरिज हॉल, टेंट, कैटरर, बग्घी वगैरह की बुकिंग शुरू कर दी है। इसके लिए एडवांस का भुगतान तो अभी करना होगा और बाकी पेमेंट शादी के करीब आने या हो जाने के बाद करना होता है। लेकिन इन तमाम इंतजामों के लिए जो भी रकम चुकाई जाएगी उस पर GST का बोझ अलग से होगा। ये बोझ इतना बड़ा है कि अगर किसी शादी में 10 लाख रुपये अलग अलग सेवाओं के लिए खर्च किए जा रहे हैं तो फिर डेढ़ लाख से ज्यादा GST इन सर्विसेज के बदले चुकाना पड़ जाएगा। सबसे ज्यादा 18 फीसदी GST मैरिज गार्डन पर लगता है यानी 2 लाख के मैरिज होम पर 36 हजार रुपये GST लगता है। 

  • 1 लाख के टेंट पर 18 हजार रुपये GST देना होता है।
  •  1.5 लाख की कैटरिंग पर 27 हजार GST लगता है।

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कपड़ों और फुटवियर पर जीएसटी 


इसके अलावा डेकोरेशन, बैंड बाजा, फोटो-वीडियो, शादी कार्ड, घोड़ा-बग्घी, ब्यूटी पार्लर और लाइटिंग पर भी 18 फीसदी GST लगता है। शादी के लिए शॉपिंग किए जाने वाले बाकी सामान पर GST की दर को देखें तो कपड़ों और फुटवियर पर 5 से 12 फीसदी GST लगता है। जबकि गोल्ड ज्वैलरी पर 3 फीसदी GST लगता है। इसका मतलब है कि 3 लाख रुपये की ज्वैलरी खरीदने पर 6 हजार रुपये GST के रूप में देना होगा। इसी तरह बस-टैक्सी सर्विस पर भी 5 फीसदी जीएसटी लगता है।