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Indian Railway- रेलवे ने पूरी कर दी यात्रियों की डिमांड, अब नहीं होगी कोई परेशानी

 रेलवे ने अपने यात्रियों और टूरिस्टों की डिमांड को पूरा करते हुए एक बड़ा ऐलान किया है. जिसके चलते अब लोगों को नहीं होगी किस भी प्रकार की परेशानी। 
 
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HR Breaking News, Digital Desk- भारतीय रेल के नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे (NorthEast Frontier Railway) ने अपने यात्रियों और टूरिस्टों की डिमांड को पूरा करते हुए एक बड़ा ऐलान किया है. नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे ने गुवाहाटी और बदरपुर के बीच चलाई जाने वाली गाड़ी संख्या- 15888/15887, विस्टाडोम टूरिस्ट एक्सप्रेस और गुवाहाटी से नाहरलगुन के बीच चलाई जाने वाली गाड़ी संख्या- 12088/12087, विस्टाडोम शताब्दी एक्सप्रेस में एक महीने के लिए एक-एक एक्स्ट्रा विस्टाडोम कोच (Vistadome Coach) लगाने का ऐलान किया है.

बताते चलें कि इन दोनों रूट पर चलाई जाने वाली ट्रेनों में त्योहारी सीजन को देखते हुए विस्टाडोम कोच को बढ़ाने की जबरदस्त मांग चल रही थी, जिसे ध्यान में रखते हुए नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे ने ये फैसला लिया है.

किस ट्रेन में कब से लेकर कब तक लगाए जाएंगे एक्स्ट्रा विस्टाडोम कोच- 


नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक गाड़ी संख्या- 15888/15887, गुवाहाटी-बदरपुर विस्टाडोम टूरिस्ट एक्सप्रेस 1 अक्टूबर से 2 नवंबर तक, गुवाहाटी से नाहरलगुन तक चलाई जाने वाली गाड़ी संख्या- 12088, गुवाहाटी से नाहरलगुन विस्टाडोम शताब्दी एक्सप्रेस 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक और नाहरलगुन से गुवाहाटी तक चलाई जाने वाली गाड़ी संख्या- 12087, नाहरलगुन-गुवाहाटी विस्टाडोम शताब्दी एक्सप्रेस 3 अक्टूबर से 1 नवंबर तक एक-एक एक्स्ट्रा विस्टाडोम कोच के साथ चलाई जाएगी. डिब्बों के कॉम्पोजीशन में इस बदलाव के बाद ये ट्रेनें अब आधुनिक सुविधाओं वाले 7 एलएचबी कोच के साथ चलेंगी.

कौन-कौन से रेलवे स्टेशनों पर रुकती हैं ये ट्रेनें-


बताते चलें कि गुवाहाटी और बदरपुर के बीच चलाई जाने वाली गुवाहाटी-बदरपुर विस्टाडोम टूरिस्ट एक्सप्रेस ट्रेन अपनी यात्रा के दौरान माईबांग, न्यू हाफलोंग और जाटिंगा लामपुर रेलवे स्टेशनों पर रुकती है. इसके अलावा, गुवाहाटी से नाहरलगुन तक चलाई जाने वाली विस्टाडोम शताब्दी एक्सप्रेस अपनी यात्रा के दौरान रंगिया, टांगला, उदालगुड़ी, न्यू मिसमारी, रंगापाड़ा नॉर्थ जंक्शन, विश्वनाथ चारली और हरमुति रेलवे स्टेशनों पर रुकती है.

बताते चलें कि इन दोनों ट्रेनों के रूट पर शानदार, यादगार, मनमोहक, हरे-भरे दृश्य देखने को मिलते हैं. जिसकी वजह से इन दोनों रूट पर चलाई जाने वाली ट्रेनों में विस्टाडोम कोच बढ़ाने की मांग की जा रही थी.