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Indian Railways: रेलवे स्टेशनों की चमक होगी और शानदार, एयरपोर्ट जैसी मिलेंगी सुविधाएं

रेलयात्रियों को अब रेलवे स्टेशन पर ही एटरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलने वाली हैं. अब रेलवे स्टेशनों की चमक औरे भी शानदार होगी। जिसकी सुविधाएं आपको एयपोर्ट जैसा फील कराएंगी। 
 
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HR Breaking News, Digital Desk- रेलयात्रियों को अब रेलवे स्टेशन पर ही एटरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलने वाली हैं. सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने बुधवार को बताया कि यूनियन कैबिनेट ने नई दिल्ली, अहमदाबाद और मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. यह फैसला बुधवार को कैबिनेट की बैठक में लिया गया है. मीडिया को जानकारी देते हुए, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने कहा कि इन स्टेशनों का डिजाइन शहर के परिदृश्य के अनुरूप होगा ताकि यह शहर का अभिन्न अंग बन जाए.

उन्होंने बताया कि पहले चरण में 199 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास करने की योजना है. इसमें 50 लाख प्रति दिन से अधिक कैपिसिटी वाले स्टेशनों को चुना गया है. वैष्णव ने कहा कि 47 स्टेशनों के लिए टेंडर निकल चुका है और 32 स्टेशनों पर काम चल रहा है. उन्होंने बताया कि तीन स्टेशनों (नई दिल्ली, अहमदाबाद और मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस रेलवे स्टेशन) के लिए अगले 10 दिनों में टेंडर आ जाएगा. 


ढाई साल में पूरा हो जाएगा काम-


रेल मंत्री ने बताया कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास का काम साढ़े तीन साल में पूरा हो जाएगा. वहीं बाकी दो रेलवे स्टेशनों का ढाई साल में पुनर्विकास किया जाएगा.

रेल मंत्री ने कहा कि इस डिजाइन में रिटेल, कैफेटेरिया और एंटरटेनमेंट सर्विस के लिए स्पेस के साथ ही एक स्थान पर सभी यात्री सुविधाओं के लिए विशाल प्लाजा होगा. वैष्णव ने कहा कि फूड कोर्ट, वेटिंग लाउंज, बच्चों के खेलने की जगह और स्थानीय उत्पाद बेचने के लिए जगह जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.

रेल कर्मचारियों को मिलेगा 78 दिन का बोनस-


केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सभी पात्र अराजपत्रित रेल कर्मचारियों (RPF/RPSF कार्मिकों को छोड़कर) के लिए 78 दिनों की सैलरी के बराबर उत्पादकता आधारित बोनस (Productivity Linked Bonus) को मंजूरी दी है. इस फैसले से 11.56 लाख से ज्यादा अराजपत्रित रेल कर्मचारियों को फायदा मिलेगा. रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के इस बोनस से सरकार पर करीब 2000 करोड़ रुपए का दबाव पड़ेगा.