इंडस्ट्री को हरियाणा से बड़ी उम्मीद, टेक्सटाइल सेक्टर की कर रहे मांग
संसद में सांसद संजय भाटिया ने कहा था, कोरोना के बावजूद पानीपत के टेक्सटाइल निर्यातकों ने कारोबार को 15 हजार करोड़ तक पहुंचा दिया। यानी, पानीपत के निर्यातक पीछे हटने वाले नहीं, आगे बढ़ने वाले हैं। लेकिन इन्हीं निर्यातकों, उद्यमियों को कारोबार आगे बढ़ाने के लिए जमीन नहीं मिल रही।
पानीपत में पिछले दो दशक से कोई नया सेक्टर नहीं कटा है। पुराने सेक्टरों में अब जगह नहीं बची। ऐसे में कारोबार आगे बढ़ाएं भी तो कैसे बढ़ाएं। प्रदेश सरकार से उम्मीद है कि बजट में पानीपत की इंडस्ट्री के लिए नया सेक्टर कटेगा।
ये भी पढ़ें........
हरियाणा में बनेंगे 10 नए आधुनिक रेलवे स्टेशन, 4 घंटे की दूरी अब दो घंटे में होगी तय
नया सेक्टर और जमीन के लिए उद्यमियों में कितनी चाह है, इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि रिफाइनरी रोड पर एचएसआइआइडीसी ने जब प्लाटों की ई बोली की तो आधार कीमत से तीन गुना कीमत तक प्लाट बिके। पालीवाल ग्रुप ने दो एकड़ का प्लाट आठ करोड़ में खरीदा। यानी चार करोड़ में एक एकड़ खरीदने से पीछे नहीं हटे।
इसी तरह अन्य प्लाट भी बिके। पहले इन्हीं प्लाटों की कीमत 8800 प्रति वर्ग मीटर थी। तब उद्यमी कहते थे कि भाव ज्यादा हैं। इन्हें कम किया जाए। ई बोली हुई तो इन्हीं की कीमत बढ़ गई।
इन जगहों पर बढ़ रही इंडस्ट्री
पानीपत में बरसत रोड, सनौली रोड और गोहाना रोड की तरफ इंडस्ट्री बढ़ रही है। बापौली का पूरा एरिया ही कामर्शियल होता जा रहा है। यहां पर मिंक और पोलर की बड़ी-बड़ी यूनिटें लग चुकी हैं। अब बापौली एरिया को फ्री जोन से बाहर कर दिया है।
यानी, अब नई इंडस्ट्री बिना सीएलयू के नहीं लग सकती। पानीपत के ही कंबल निर्माता उद्यमियों ने चीन के वर्चस्व को खत्म किया है। अब अगर उन्हें इंडस्ट्री बढ़ाने के लिए जगह नहीं मिलेगी तो कारोबार आगे नहीं बढ़ेगा।
ये भी पढ़ें........
हरियाणा : इस बार काटी जा रही पेंशनधारकों की पेंशन, नया नियम लागू होने से लोग परेशान
ओपन एंड की दो सौ यूनिट लगने जा रही
उद्यमी प्रीतम सचदेवा ने बताया कि पानीपत में बेहद कम दाम पर धागा बनाया जाता है। ओपन एंड मशीनों से यह संभव हो सका है। आने वाले दो साल में दो सौ यूनिट इसी की लगने जा रही है। धागा इंडस्ट्री के आने से पता चलता है कि पानीपत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री कितनी तेज गति से आगे बढ़ रही है।
केंद्र से थी टेक्सटाइल पार्क की उम्मीद
निर्यातक रमन छाबड़ा का कहना है कि केंद्र के बजट से टेक्सटाइल पार्क की उम्मीद थी। लेकिन ऐसा हो नहीं सका। अब प्रदेश सरकार से उम्मीद है कि टेक्सटाइल पार्क मिले। चैंबर आफर कामर्स के पानीपत चैप्टर के प्रधान विनोद खंडेलवाल का कहना है कि प्रदेश सरकार को पत्र लिखा गया है। पानीपत के उद्यमियों के लिए सेक्टर दिया जाए।