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My Story: शादीशुदा महिला की जिंदगी में अचानक से उसने की एंट्री, बदल गया सबकुछ

अगर हमें अपने पार्टनर से प्यार ना मिलें जो जीवन जीने का कोई महत्व नहीं रह जाता है। ऐसे में आज हम आपको ऐसी कहानी बताने जा रहे है जिसमें पति से प्यार न मिलने पर शादीशुदा महिला की जिदंगी में अचानक से उसने एंट्री कर ली। जिसके बाद सबकुछ बदल गया।
 
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HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली,किसी ने ठीक कहा है कि शादीशुदा रिश्ते को चलाने के लिए पति-पत्नी के बीच समझदारी के साथ-साथ प्यार का होना भी बहुत जरूरी है। लव मैरिज में जहां दो लोगों के बीच पहले से ही बहुत प्यार होता है, तो वहीं जब बात अरेंज मैरिज की आती है, तो वहां कपल्स के बीच अक्सर प्यार शादी के बाद ही होता है। माता-पिता के द्वारा कराई गई शादी में न केवल दो अंजान लोग समय के साथ-साथ एक-दूसरे को समझते हैं बल्कि वह धीरे-धीरे करीब भी आते हैं। मेरे साथ भी बिल्कुल ऐसा ही था।


जब मेरी शादी हुई, तो मैं अपने पति को बिल्कुल भी नहीं जानती थी। मेरे लिए वो एकदम अजनबी थे। शायद इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण यह भी था कि मैं उस समय केवल बीस साल की थी। हमारी फोन पर कभी बात नहीं हुई थी। मैं केवल बॉलीवुड की रोमांटिक फिल्मों को ही जीवन की हकीकत मानती थी। यही एक वजह भी है कि मैंने करण जौहर और यश चोपड़ा की फिल्मों की तरह अपनी मैरिड लाइफ की कल्पना की थी।

मैं सोचती थी कि पहली नजर में प्यार-देखभाल करने वाला पति और बच्चे मेरे जीवन को खुशहाल बना देंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। शादी के बाद का जीवन फिल्मों की कहानी से बहुत अलग है। सच कहूं तो बहुत हद तक झूठ भी।


प्यार जैसा कुछ भी नहीं था
दरअसल, जब शादी के बाद मैं ससुराल पहुंची, तो मैं बहुत ज्यादा निराश थी। ऐसा इसलिए क्योंकि तब मुझे पता चला कि पहली नजर में प्यार जैसा कुछ नहीं होता है। अपनी मर्जी से शादी करने के बाद भी मेरे अंदर अपने पति के लिए ऐसी कोई फीलिंग नहीं जगी थी, जिसे मैं प्यार का नाम दे सकूं।

मैंने एक ऐसे व्यक्ति से शादी की, जो हद से ज्यादा ईमानदार और अपने परिवार के लिए पूरी तरह से समर्पित थे। वह मेरी बहुत केयर करते थे, लेकिन प्यार के मामले में वह कभी भी मेरी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सके। मेरी शादीशुदा जिंदगी में रोमांटिक डेट्स जैसी चीजें नहीं थीं।


हमारे बीच जीरो रोमांस था
शादी के बाद मैंने जीवन में रोमांस पाने के लिए दिनों-हफ्तों और महीनाें इंतजार किया, लेकिन मेरे हाथ कुछ भी नहीं लगा। ऐसा इसलिए क्योंकि मुझे एक ऐसा पति मिला था, जो ऑफिस से थक हारकर घर आता और रैगुलर चीजों के बारे में बात करके सो जाता था। हमारे बीच जीरो रोमांस था।

हमारे बीच कैंडलडिनर लाइट जैसा कुछ भी नहीं था। हालांकि, हम दोनों के बीच सेक्स लाइफ थी, लेकिन वह बिल्कुल भी रोमांटिक नहीं थी। मेरी शादी में यह कुछ ऐसी चीजें थीं, जो मेरे मन को अंदर ही अंदर तोड़ रही थीं।


मैंने अपनी मां को बताया सब कुछ
मेरी लाइफ में एक समय ऐसा भी आया था, जब मैं अपनी शादीशुदा जिंदगी को लेकर बहुत ज्यादा परेशान हो गई थी। तब मैंने अपनी मां के साथ अपना अनुभव शेयर किया। हालांकि, मैं आपसे झूठ नहीं कहूंगी मैंने इस पर अपने पति से एक बार भी बात नहीं की थी। शायद ऐसा इसलिए क्योंकि मैं दुखी थी।

मुझे पता था मेरे पति कभी भी मेरी बात को नहीं समझेंगे। यही एक वजह भी है कि यह सब मैंने अपनी मां को बताया। मैंने अपनी मां से कहा था कि हमारे बीच कोई प्यार नहीं है। मेरी इस बात को सुनकर उन्होंने मुझसे कहा कि तुम्हारा प्याार से क्या मतलब है?
मैंने अपने पति से बात की


वह वास्तव में आदर्श पति थे। यही सबसे बड़ा कारण भी है कि मैं उन्हें किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहती थी। वह मुझसे जुड़ी हर चीज का ध्यान रखते थे। ऐसे में मेरे लिए उनसे इस विषय पर बात करना थोड़ा मुश्किल था, लेकिन मैंने उन्हें सब कुछ बता दिया। मैंने उनसे कहा कि सबकुछ परफेक्ट होने के बाद भी कि हमारे जीवन में प्यार की कमी है।

दरअसल, मेरे पति मुझसे दस साल बड़े हैं। तब मुझे समझ आया कि हमारे बीच उम्र के अंतर के कारण हमारे लिए प्यार की परिभाषा अलग-अलग थी। मेरी मां की तरह ही उन्होंने भी मुझे धैर्य से काम लेने की सलाह दी।


अगले दिन लिखा हुआ नोट मिला
अपने पति से बात करने के अगली सुबह मैं अपनी ड्रेसिंग टेबल पर एक छोटा सा नोट पाकर हैरान रह गई। उसमें लिखा था कि मुझे पता है कि मैं वह रोमांटिक पति नहीं हूं, जैसा कि आप चाहती थीं। लेकिन मैं एक शुरूआत करने के लिए रेडी हूं। मुझे खुशी है कि आपने मुझसे उन चीजों के बारे में बात की, जिसकी कमी आपको हमारे जीवन में लग रही थी।

मैं आपसे यह वादा नहीं कर सकता कि मैं बदल जाऊंगा। लेकिन एक-दूसरे को बेहतर तरीके से जानने के लिए मैं जरूर कोई न कोई स्टेप लूंगा। हो सकता है कि हम एक दिन प्यार नाम की मंजिल पर पहुंच जाएं बिल्कुल वैसे ही जैसे आपने उम्मीद की थी।' उनका लिखा हुआ यह नोट ऐसा था, जिसने एक झटके में मेरे होंठों पर मुस्कान ला दी।


मैंने उन पर ध्यान देना शुरू किया
इस घटना के बाद मैंने धीरे-धीरे उन मीठी नोक-झोंक पर ध्यान देना शुरू कर दिया, जो मेरे पति हर दिन करते थे। चाहे वह सुबह गीजर का स्विच ऑन करना हो या फिर मेट्रो से सफर करना हो ताकि जरूरत पड़ने पर मैं कार का उपयोग कर सकूं। उनका यह व्यवहार वो गुलाब थे, जो मुझ पर हर रोज बरसाते थे। उनकी इन आदतों से मैंने सीखा कि प्यार एक प्रमुख भावना नहीं है। यह एक घिसे-पिटे जूते की तरह है, जिस पर आप कभी ध्यान नहीं देते। मैं आपसे छिपाना नहीं चाहती हम आज एक ऐसे बिंदु पर पहुंच गए थे, जहां लोग हमें 'हैप्पी कपल' कहते हैं।

 

हां, अब मैंने प्यार को कैंडल लाइट डिनर या उनके द्वारा दिए गए गुलाबों से नहीं मापा है बल्कि उनकी आदतें ही मेरे लिए सबकुछ हैं। मेरे पति अब घर लौटने के बाद सांसारिक बातों के बारे में बात नहीं करते हैं। न ही ऑफिस जाने से पहले मुझे अलविदा चूमना भूलते हैं। हम दोनों थोड़े बदल गए हैं। हमारी उम्मीदें भी बदल गई हैं। यह ऐसा बदलाव, जिसने हमारी शादी को हमेशा के लिए खुशहाल बना दिया। सच कहूं तो मैं बेहद खुश हूं।