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महिलाओं का स्वाभाव : हरेक महिला में होती है ये कमियां, इनको सुधारने से जीवन बन जाता है स्वर्ग

अच्छे और बुराई हर एक इंसान  में होती है, ऐसे ही कमियां भी हर एक में होती है और उन्हें सुधारने से हमारा जीवन स्वर्ग जैसा बन जाता तो आज हम ऐसे ही महिलाओं की उन कमियों के बारे में बात करने जा रहे हैं जिन्हे सुधारना बहुत जरूरी है।  

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HR Breaking News, New Delhi : आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में व्यक्ति के जीवन से जुड़ी कई छोटी और बड़ी बातों का जिक्र किया है. हालांकि उनके शब्द कठोर होते हैं, लेकिन उनके विचार व्यक्ति के जीवन आने वाली कठिन से कठिन समस्याओं से निपटने में मदद करते हैं. जीनव में सफलता पाने और एक बेहतर इंसान बनने के लिए आचार्य चाणक्य के विचारों पर चलने की सलाह दी जाती है. चाणक्य नीति में महिलाओं के स्वभाव और दोष को लेकर भी कई बातें कही गई हैं.

चाणक्य नीति में महिलाओं के स्वभाविक दोष का जिक्र किया गया है. इसमें बताया गया है कि झूठ बोलना, बिना सोचे समझे किसी कार्य को प्रारंभ कर देना, दुस्साहस करना, छल-कपट करना, मूर्खतापूर्ण कार्य करना, लोभ करना और अपवित्र रहना महिलाओं के स्वभाविक दोष हैं.

आचार्य चाणक्य के अनुसार, मूर्खता महिलाओं के स्वाभाविक दोष में शामिल होती है. ज्यादातर महिलाएं सामान्य बात पर भी झूठ बोल सकती हैं. अपनी शक्ति का विचार किए बिना अधिक साहस दिखाती हैं. छल-कपटपूर्ण कार्य करती हैं. ये बातें स्त्रियों के स्वभाव में ही होती हैं. आज समय बदल रहा है, महिलाएं शीक्षित हो रही हैं, लेकिन आज भी अधिकांश महिलाएं इन दोषों से युक्त हैं. 

हर व्यक्ति संसार में सुखी रहना चहाता है. सवर्ग के समान सुख-सुविधायों का उपयोग करना चहता है. इसपर आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिसका पुत्र वश में है, स्त्री जिसकी इच्छा से कार्य करती है, जो अपने कमाए धन से संतुष्ट है और जिसे लोभ-लालच नहीं है, ऐसे व्यक्ति के लिए यही स्वर्ग है. क्योंकि जो दुखी है वहीं स्वर्ग जाना चाहेगा.