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Railway Station - इन 12 रेलवे स्टेशनों को बनाया जाएगा एयरपोर्ट की तर्ज पर हाईटेक, 300 करोड़ का टेंडर जारी

 रेल यात्रियों के स्टेशन पर आने और जाने के लिए अलग-अलग व्यवस्था की जाएगी. यात्रियों के लिए बैठने और ट्रेन के इंतजार के लिए अलग-अलग बिल्डिंग बनाई जाएगी. स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार ऐसे होंगे, जिससे यात्रियों को भीड़-भाड़ का सामना नहीं करना पड़े.
 
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इन 12 रेलवे स्टेशनों को बनाया जाएगा एयरपोर्ट की तर्ज पर हाईटेक, 300 करोड़ का टेंडर जारी 

HR Breaking News, Digital Desk- पूर्व मध्य रेलवे जोन के 12 स्टेशनों पर विश्व स्तरीय सुविधा दी जाएगी. इसके लिए रेलवे ने स्टेशन पुनर्विकास परियोजना शुरू की है. इस प्रोजेक्ट के तहत कुछ स्टेशनों को विश्वस्तरीय स्टेशन के रूप में बदला जाएगा. इसमें पूर्व मध्य रेलवे (EC Railways) के कुल 12 स्टेशनों जैसे कि दानापुर मंडल के राजेंद्रनगर और बक्सर, सोनपुर मंडल के

मुजफ्फरपुर, बेगूसराय और बरौनी, समस्तीपुर मंडल के दरभंगा, सीतामढ़ी, बापूधाम मोतीहारी, पं. दीन दयाल उपाध्याय मंडल के गया और पं. दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन और धनबाद मंडल के धनबाद और सिंगरौली का चयन किया गया है. खास बात ये है कि इन स्टेशनों के पुनर्विकास (Station Redevelopment Program) की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.


ऊपर जिन स्टेशनों का नाम गिनाया गया है, वे सभी धार्मिक और पर्यटन के नजरिये से महत्वपूर्ण हैं. इसी में एक गया स्टेशन भी है जिसको विश्वस्तरीय स्टेशन बनाने के लिए अंतिम रूपरेखा तैयार हो जाने के बाद टेंडर जारी कर दिया गया है. गया स्टेशन का पुनर्विकास काम लगभग 300 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पूरा किया जाएगा. इस काम को साल 2024 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. स्टेशनों के पुनर्विकास से जुड़े काम पूरा होने के बाद यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी विश्वस्तरीय सुविधाएं मिला करेंगी. अभी इन स्टेशनों पर सभी मूलभूत सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन बाद में स्टेशनों की दशा-दिशा बदल जाएगी.


बनेगी स्टेशन की ग्रीन बिल्डिंग-


पुनर्विकास के बाद गया स्टेशन हाईटेक यात्री सुविधाओं के साथ टेक्नोलॉजी, स्थानीय संस्कृति और समृद्ध विरासत का आकर्षक केंद्र बनेगा. पुनर्विकास के बाद गया स्टेशन पर यात्रियों को सेवा देने की क्षमता तीन गुना बढ़ जाएगी. इससे पर्यटकों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार बढ़ेगा जिसका लाभ स्थानीय लोगों को मिलेगा.

स्टेशनों को विकसित करने का असली मकसद यात्रियों को सुरक्षा, बेहतर अनुभव और विश्वस्तरीय यात्री सुविधाएं देना है. स्टेशन को विश्वस्तरीय रूप देते हुए स्टेशनों को अत्याधुनिक सुविधा से लैस करते हुए स्टेशन को ग्रीन बिल्डिंग का रूप दिया जाएगा, जहां वेंटिलेशन की पर्याप्त व्यवस्था होगी. स्टेशन पर एक्सेस कंट्रोल गेट और हर प्लेटफार्म पर एस्केलेटर और लिफ्ट लगाए जाएंगे, ताकि एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर आने-जाने में यात्रियों को सुविधा हो. यात्रियों को दी जाने वाली जरूरी सुविधाओं में खान-पान, वॉशरूम, पीने का पानी, एटीएम, इंटरनेट आदि शामिल होंगे. इससे आम यात्रियों के साथ वरिष्ठ नागरिक खास तौर पर लाभान्वित होंगे.


यात्रियों को ये मिलेंगी सुविधाएं-


पुनर्विकास के बाद गया स्टेशन पर रेल यात्रियों के स्टेशन पर आने और जाने के लिए अलग-अलग व्यवस्था की जाएगी. यात्रियों के लिए बैठने और ट्रेन के इंतजार के लिए अलग-अलग बिल्डिंग बनाई जाएगी. स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार ऐसे होंगे, जिससे यात्रियों को भीड़-भाड़ का सामना नहीं करना पड़े. स्टेशन पर अभी जितनी जगह है उसकी तुलना में मुख्य स्टेशन भवन के लिए 2.35 गुणा अधिक जगह और पार्किंग एरिया के लिए 4.9 गुणा अधिक जगह उपलब्ध होंगे.

इसके साथ ही प्रतीक्षालय के लिए अतिरिक्त 6400 वर्गमीटर कॉनकोर्स एरिया, स्टेशन पर कुल 23 लिफ्ट और 11 एस्केलेटर की सुविधा, मौजूदा 3100 वर्गमीटर प्लेटफार्म क्षेत्र और एफओबी का रेनोवेशन, अतिरिक्त टिकटिंग सुविधा, दिव्यांग अनुकूल सुविधाएं, ग्रीन ऊर्जा के लिए स्टेशन भवन पर सौर पैनल लगाया जाना, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, वाटर रिसाइक्लिंग प्लांट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और दमकल आदि की व्यवस्था होगी.