home page

Railway Windows Seat अब सफर के दौरान इन लोगों को नहीं मिलेगी विंडो सीट, जानिए रेलवे के नए नियम

अगर आप भी रेल में सफर के शौकिन है तो यह खबर आपके लिए है। रेलवे के नए नियमों के तहत अब सफर के दौरान इन यात्रियों को विंडो सीट नहीं मिलेगी। आइए नीचे खबर में जानते है रेलवे के नए नियम
 
 | 
Railway Windows Seat अब सफर के दौरान इन लोगों को नहीं मिलेगी विंडो सीट, जानिए रेलवे के नए नियम

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, जब भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर कहीं दूर जाने की बात होती है तो सबसे पहला ख्याल रेल का ही आता है। जैसा कि हम लोग जानते हैं कि रेल से यात्रा करना काफी आरामदायक और सुविधाजनक होता है। जो लोग लंबा सफर कर रहे हैं, उनके लिए रेल सर्वोत्तम साधन है। रेल यात्रा हर वर्ग और हर आयु के लोगों को आकर्षित करती है। ट्रेन से यात्रा करना बहुत रोमांचक होता है। बस और विमान की तुलना में रेल यात्रा ज्यादा सस्ती, आरामदायक और आनंददायक होती है।


लंबे रास्ते और रात भर की यात्रा के लिए ट्रेन सबसे सुरक्षित परिवहन में से एक है। हर दिन करोड़ों लोग ट्रेन से सफर करते हैं ऐसे में कई बार देखा गया है कि लोग ज्यादातर खिड़की वाली सीट चाहते हैं लेकिन कई बार खिड़की वाली सीट पर बैठने को लेकर कई तरह की परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। अगर आप भी ट्रेन में सफर करते हैं तो आपको रेलवे से जुड़े हुए नियमों के बारे में जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है।


कई बार ऐसा होता है कि यात्री मोशन सिकनेस की वजह से ट्रेन की विंडो सीट पर बैठना चाहते हैं। आपको बता दें कि स्लीपर और एसी कोच में विंडो सीट पर बैठने के लिए किसी भी टिकट पर किसी भी तरह की जानकारी नहीं दी होती। ऐसे में यह म्युचुअली होता है कि कौन कहां बैठेगा या फिर सभी लोग अपने नंबर के हिसाब से ही अपनी सीट पर बैठे। लेकिन क्या आपने कभी इस विषय में सोचा है कि विंडो सीट पर बैठने का हक किसको है? शायद नहीं!

इन्हें मिलेगी ट्रेन में विंडो सीट
अगर हम बात करें लोअर बर्थ की तो बता दें कि भारतीय रेलवे की तरफ से ट्रेनों में सफर करने के दौरान सीनियर सिटीजंस को लोअर बर्थ की प्राथमिकता दी जाती है। इंडियन रेलवे की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार लोअर बर्थ कोटा सिर्फ 60 साल और उससे ज्यादा की उम्र के पुरुषों के लिए होता है। वहीं 45 साल और उससे भी अधिक उम्र की महिलाओं के लिए भी लोअर बर्थ निर्धारित की गई है।

इस समय टीटीई भी नहीं कर सकता परेशानी
जब भी ट्रेन में सफर करते हैं तो मिडिल बर्थ को लेकर सबसे ज्यादा समस्या होती है। सामान्य तौर पर देखा गया है कि लोअर बर्थ वाला यात्री देर रात तक सीट पर बैठे रहते हैं जिसकी वजह से मिडिल बर्थ वाला यात्री आराम नहीं कर पाता। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि मिडिल बर्थ वाले यात्री देर रात तक लोअर बर्थ पर बैठते हैं, तो लोअर बर्थ वाले को सोने में परेशानी होती है।

वैसे ऐसा माना जाता है कि निचली सीट में खिड़की के किनारे पर नीचे की सीट वाले यात्री का अधिकार होता है। इसी बीच में मिडिल बर्थ और कोने की ओर वाली सीट वाला यात्री बैठता है। निकली सीट पर बैठने का अधिकार सिर्फ दिन के समय होता है। रात 10:00 बजे से सुबह 06:00 बजे तक यात्री को अपनी सीट पर सोने का अधिकार है। इस दौरान यात्री को टीटीई भी परेशानी नहीं कर सकता है।