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Railway Line रेल यातायात की सूरत बदलेगी ये रेलवे लाइन, ट्रेनें नहीं होगी लेट

New Railway Line रेलवे यात्रियों को आने वाले पांच महीनों के अंदर 25 किमी लंबी नई रेलवे लाइन की सौगात मिलने वाली है। नई रेलवे लाइन को बिछाने का काम शुरू हो गया है जोकि दिसंबर 2023 तक पूरा होता नजर आ रहा है। रेलवे के मुताबिक तेयार की जा रही नई रेलवे लाइन से रेलवे यातायात की सूरत बदल जाएगी।
 
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HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, गोरखपुर जंक्शन के रास्ते डोमिनगढ़ से कुसम्ही तक लगभग 25 किमी लंबी तीसरी रेल लाइन दिसंबर 2023 तक बिछ जाएगी। गोरखपुर कैंट से कुसम्ही तक भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके चलते निर्माण कार्य में भी तेजी आई है। यह रेल लाइन भी 110 से 130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों के लायक बिछाई जाएगी।


गोरखपुर कैंट से कुसम्ही तक रेल लाइन के लिए तेज हुई भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया
जानकारों के अनुसार कैंट से कुसम्ही स्टेशन के बीच रेल लाइन बिछाने के लिए रेलवे की जमीन कम पड़ गई थी। इसके चलते निर्माण कार्य को गति नहीं मिल पा रही थी। रेलवे प्रशासन को दस कस्तकारों की करीब 1800 वर्ग मीटर भूमि लेने के लिए जिला प्रशासन का दरवाजा खटखटाना पड़ा है। जिला प्रशासन ने कस्तकारों से वार्ता कर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करा दी है। रेलवे ने दो कश्तकारों की भूमि रजिस्ट्री भी करा ली है। यहां जान लें कि मिट्टी व पुल आदि के कार्य लगभग पूरे हो चुके हैं। भूमि का अधिग्रहण होते ही कैंट से कुसम्ही तक रेल लाइन बिछाने की प्रक्रिया और तेज हो जाएगी।

 


फ्रेट कारिडोर के रूप में तैयार की जा रही यह रेल लाइन

यह रेल लाइन फ्रेट कारिडोर के रूप में तैयार की जा रही है। रेल लाइन बिछ जाने के बाद ट्रेनों की लेटलतीफी कम हो जाएगी। यात्री ट्रेनों को बेवजह कैंट, डोमिनगढ़ और नकहा में नहीं रुकना पड़ेगा। मालगाड़िया बिना रुक पास हो जाएंगी। गोरखपुर जंक्शन का लोड कम हो जाएगा। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार करीब 60 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। दिसंबर 2023 तक कार्य पूरा करने का संभावित लक्ष्य निर्धारित है।


खलीलाबाद से बैतालपुर तक बिछेगी तीसरी लाइन

रेलवे बोर्ड ने डोमिनगढ-कुसम्ही रेल लाइन का विस्तार कर दिया है। अब यह लाइन लखनऊ मंडल में खलीलाबाद तक तथा वाराणसी मंडल में बैतालपुर तक कुल 85 किमी तक बिछाई जाएगी। धीरे-धीरे इसका विस्तार बाराबंकी से छपरा तक हो जाएगा। मालगाड़ियाें के रनथ्रू (बिना स्टेशन पर रुके) चलने से यात्री ट्रेनों की क्षमता और रफ्तार बढ़ेगी। पूर्वांचल के बाजार समृद्ध तो होंगे ही आमजन की रेल यात्रा भी सुगम होगी।