UP के इस शहर में बनेगा नया एयरपोर्ट, 96 एकड़ जमीन पर होगा डेवलेप
UP News - यूपी में इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को गति मिल रही है. राज्य सरकार हवाई अड्डों और एक्सप्रेसवे के निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रही है. जेवर में बन रहे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के अलावा, एक और हवाई अड्डा एनसीआर के पास औद्योगिक जिले (Industrial districts) में बनाया जाएगा... 96 एकड़ जमीन पर होगा डेवलेप-
HR Breaking News, Digital Desk- (UP News) यूपी में इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को गति मिल रही है. राज्य सरकार हवाई अड्डों और एक्सप्रेसवे के निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रही है. जेवर में बन रहे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के अलावा, एक और हवाई अड्डा एनसीआर के पास औद्योगिक जिले (Industrial districts) में बनाया जाएगा. इसके लिए अधिकांश जमीन अधिग्रहित हो चुकी है और बाकी के लिए किसानों से बातचीत चल रही है. यह नया हवाई अड्डा यूपी की कनेक्टिविटी (New Airport Connectivity of UP) को और भी बेहतर बनाएगा.
मेरठ में जल्द ही एक नया एयरपोर्ट बनेगा, जिसकी घोषणा यूपी सरकार ने की है. यह एयरपोर्ट 72 सीटर विमानों के संचालन के लिए तैयार किया जाएगा. यूपी सरकार ने एयरपोर्ट और हवाई पट्टी के लिए जमीन अधिग्रहण कर ली है और इसे नागरिक उड्डयन विभाग के नाम दर्ज कर दिया है. इससे पहले मेरठ विकास प्राधिकरण ने भी एयरपोर्ट बनाने की घोषणा की थी. अब जल्द ही यहां निर्माण कार्य शुरू होगा.
कितनी जमीन पर बनेगा एयरपोर्ट-
मेरठ विकास प्राधिकरण (Meerut Development Authority) की मानें तो अभी करीब 46 एकड़ जमीन को नागरिक उड्डयन के नाम दर्ज करा लिया गया है. प्राधिकरण ने जमीन के बकाए का भी भुगतान कर दिया है. भारतीय एयरपोर्ट प्राधिकरण (Airport Authority of India) ने मेरठ विकास प्राधिकरण को हवाई पट्टी के अतिरिक्त अन्य सुविधाएं विकसित करने और एयरपोर्ट की बिल्डिंग बनाने के लिए 96 एकड़ जमीन का और इंतजाम करने के लिए कहा है.
एयरपोर्ट बनाने में क्या-क्या बाधाएं-
एएआई ने कहा है कि रनवे (runway) के अलावा अन्य सुविधाओं के लिए भी 96 एकड़ जमीन चाहिए. इस पर मेरठ प्रशासन ने बताया कि उनके पास 75 एकड़ जमीन पहले से ही है. बाकी बची 21 एकड़ जमीन के किसानों के साथ बातचीत जारी है और यह मामला अदालत में विचाराधीन है. एएआई ने मेरठ प्रशासन से बिजली के तार और खंभे सहित अन्य बाधाओं को भी तत्काल हटाने की बात कही है.
एयरपोर्ट के दूसरे और तीसरे चरण की भी चर्चा-
एएआई ने मेरठ प्रशासन से कहा है कि अभी सिर्फ पहले चरण को ही अनुमति दी गई है, लेकिन दूसरे चरण के लिए 300 एकड़ जमीन और तीसरे चरण के लिए 200 एकड़ जमीन का इंतजाम और करना होगा. फिलहाल 20 साल से अटके काम को पूरा कर लिया गया है और हवाई पट्टी बनाने के लिए जमीन को सिविल एविएशन (ground civil aviation) के नाम दर्ज करा लिया गया है. प्राधिकरण ने यह जमीन किसानों से अधिग्रहण करके हासिल की थी, लेकिन शासन से पूरा पैसा नहीं मिलने की वजह से इसे नागरिक उड्डयन के नाम दर्ज नहीं कराया जा सका था.
किसानों के पास कितनी जमीन-
मेरठ प्रशासन के अनुसार, एयरपोर्ट के दूसरे चरण के लिए लगभग 206 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी. इसमें से 129 हेक्टेयर जमीन किसानों की है, जिनसे सहमति पत्र लेने के लिए बातचीत चल रही है. बाकी जमीन मेरठ विकास प्राधिकरण (Meerut Development Authority), नगर निगम, वन विभाग और कोपरेटिव डेयरी के पास है. इन सरकारी विभागों से भूमि अधिग्रहण करके एयरपोर्ट के विस्तार की योजना बनाई जाएगी.
