Delhi में चला बुलडोजर, इस इलाके में की कार्रवाई, 15 दुकानें व दो मंजिला इमारत गिराई
Delhi bulldozer Action :दिल्ली में जहां बड़ी इमारत बनाया जा रहा है। वहीं कई गैरकानूनी मारुति को गिराया जा रहा है। अब हाल ही में दिल्ली के एक इलाके में कार्यवाही की गई है, जिस दौरान 15 दुकानों में दो मंजिलों इमारत पर बुलडोजर (Delhi bulldozer Action ) चलवा दिया गया है। इस वजह से उस इलाके में अफरा-तफरी मची हुई है।
HR Breaking News (Delhi bulldozer Action) : बीते कुछ समय में दिल्ली में अवैध निर्माणों को लेकर कई शिकायत मिल रही थी, जिसे लेकर अब सरकार ने दिल्ली में अवैध निर्माणों पर कार्यवाही करने का फैसला लिया। इस दौरान दिल्ली (Delhi News) के एक हिस्से में 15 दुकानों में दो मंजिली इमारत जमीन पर गिरा दिया गया। आइए खबर में जानते हैं कि दिल्ली के किस जगह के नया बुलडोजर चलाया गया।
15 अवैध दुकानें हुई ध्वस्त
दरअसल, आपको बता दें कि गाजीपुर डेयरी फार्म (Ghazipur Dairy Farm) में मौजुद गोपाल कृष्ण मंदिर परिसर पर कार्रवाई के दौरान दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड का बुलडोजर चलाया गया और इस दौरान परिसर में जो 15 अवैध दुकानें बनी हुई है और एक दो मंजिला इमारत है, उनको जमींदोज कर दिया गया। बुलडोजर की यह कार्रवाई पुलिस और अर्धसैनिक बलों की मौजूदगी में छह घंटे तक चली है।
बोर्ड के अधिकारियों ने कही ये बात
इसकी कार्रवाई दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) के आदेश पर की गई। जानकारी के मुताबिक करीब दो हजार वर्ग मीटर में अवैध निर्माण था। इन अवैध निर्माण में अवैध दुकानों में पशुओं की दवाइयां और भोजन, भवन निर्माण सामग्री को सेल किया जा रहा था।
जैसे ही इन चीजों की सूचना मिली, सूचना के बाद ही बोर्ड की टीम अन्य विभागों के साथ मौके पर पहुंच गई। लोगों को प्रदर्शन करने से रोकने के लिए अर्धसैनिक बलों को लिया गया था। बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें अवैध निर्माण की शिकायत (Complaint about illegal construction) मिलते ही उन्होंने कार्रवाई की।
कार्यकारी अभियंता ये पूछे गए सवाल
कार्यकारी अभियंता ये यह पुछा गया है कि जब अतिक्रमण (Encroachment) किया जा रहा था तो बोर्ड के अधिकारियों ने इस बारे में कार्यवाई क्यों नहीं की। इस दौरान शिकायत का इंतजार किया गया, ऐसा क्यों। इस बारे में उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इस मामले में शिकायतकर्ता और गाजीपुर निवासी ने बोर्ड, जिला प्रशासन, एलजी ऑफिस और पुलिस से इस बारे में शिकायत की थी कि मंदिर परिसर में जो दुकानें बनी है, उनमे जानवरों के लिए मांस सामग्री सेल की जा रही है।
बोर्ड के अधिकारियों पर लगे आरोप
बता दें कि वह सामग्री मंदिर में बने भवनों में रखी हुई है। इस पर यह आरोप लगाया गया था कि मंदिर समिति की ओर से अवैध दुकानों और भवनों का किराया वसूला जा रहा है। कई दुकानें तो ऐसी है, जो बेच भी दी गई हैं। इसे लेकर वो दिल्ली हाईकोर्ट गए थे और हाईकोर्ट ने बोर्ड को कार्रवाई करने के आदेश (High Court ordered ) दिए थे।
यह आरोप लगाया गया है कि बोर्ड के अधिकारियों ने इस दौरान कोई कार्रवाई नहीं की। इस फैसले में मंदिर समिति अगस्त में विरोध में कोर्ट गई थी। जैसे ही मामले की सुनवाई हुई, उसके बाद कोर्ट ने कहा कि एक हफ्ते के अंदर अवैध निर्माण (illegal construction) को ध्वस्त करना जरूरी है और इन्हे ध्वस्त करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया गया था। जिसके बाद बोर्ड ने सोमवार केा इस मामले के तहत कार्रवाई की।
जानवरों की दवा मिलने में हो रही दिक्कत
हालांकि ऐसा होने से कई लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ा, क्योंकि मंदिर के सामने दिल्ली सरकार (Delhi government) का पशु चिकित्सालय है। जहां डॉक्टर तो है, लेकिन दवाइयाँ नहीं हैं। यहां के डॉक्टर मंदिर के पास वाले मेडिकल स्टोर से पर्चे पर दवाइयां लिख देते थे, लेकिन सोमवार को दुकानें तोड़े जाने के बाद मेडिकल स्टोर बंद रहे। इस वजह से अस्पताल आए पशुपालकों को दवाइयों मिलने में कई परेशानियां हुई।
