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DA Hike 2025 : महंगाई भत्ते पर आई बड़ी खबर, सरकारी कर्मचारियों के DA में इतना इजाफा तय

DA Hike 2025 : केंद्र सरकार के कर्मचारी आठवें वेतन आयोग का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें सातवें वेतन आयोग के तहत कम से कम एक और महंगाई भत्ते (डीए) बढ़ोतरी मिलने की संभावना है। इस बीच एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक ये कहा जा रहा है कि केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में इतने प्रतिशत की बढ़ोतरी तय है-

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DA Hike 2025 : महंगाई भत्ते पर आई बड़ी खबर, सरकारी कर्मचारियों के DA में इतना इजाफा तय

HR Breaking News, Digital Desk- (7th Pay Commission) केंद्र सरकार के कर्मचारी आठवें वेतन आयोग का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें सातवें वेतन आयोग के तहत कम से कम एक और महंगाई भत्ते (डीए) बढ़ोतरी मिलने की संभावना है। नवीनतम मुद्रास्फीति के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2025 में केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4% की बढ़ोतरी हो सकती है।

साल में दो बार बढ़ाया जाता है डीए-

सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मुद्रास्फीति से बचाने के लिए साल में दो बार फरवरी-मार्च और सितंबर-अक्टूबर में महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) और महंगाई राहत (DR) की घोषणा की जाती है। ये बढ़ोतरी क्रमशः जनवरी और जुलाई से प्रभावी होती है। इस साल मार्च में 2% की बढ़ोतरी के बाद, वर्तमान महंगाई भत्ता दर 55 प्रतिशत है। डीए सरकारी कर्मचारियों को मिलता है, जबकि डीआर पेंशनभोगियों (pensioners) को दिया जाता है।

वेतन में कितनी होगी बढ़ोतरी?

3% महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी से, लगभग 18,000 रुपये प्रति माह मूल वेतन वाले केंद्र सरकार (central government) के शुरुआती स्तर के कर्मचारी का वेतन 1 जुलाई, 2025 से लगभग 540 रुपये प्रति माह बढ़ जाएगा। अगर किसी का वेतन 30 हजार रुपये प्रति माह है और उसका मूल वेतन 18 हजार रुपये है, तो उसे अब 9,990 रुपये महंगाई भत्ता मिलेगा, जो मूल वेतन का 53 प्रतिशत है। हालांकि, अपेक्षित 3 प्रतिशत बढ़ोतरी के बाद, कर्मचारी को 10,440 रुपये प्रति माह मिलेंगे, जो 540 रुपये अधिक है।

आठवां वेतन कब से होगा लागू-

केंद्र सरकार ने सोमवार (21 जुलाई) को संसद को सूचित किया कि 8वें वेतन आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति आयोग की औपचारिक अधिसूचना के बाद की जाएगी। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी (Minister of State for Finance Pankaj Choudhary) ने बताया कि सरकार ने रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और विभिन्न राज्यों सहित प्रमुख हितधारकों से सुझाव मांगे हैं। यह प्रक्रिया आयोग के गठन से पहले व्यापक परामर्श सुनिश्चित करती है।