Dearness Allowance Update : सैलरी और पेंशन में मर्ज होगा महंगाई भत्ता, कर्मचारी जान लें सरकार का जवाब
Dearness Allowance Update : माैजूदा समय में महंगाई भत्ते की दर 53 प्रतिशत है, इसलिए यह सवाल बार-बार उठता है कि क्या सरकार आठवें वेतन आयोग (8th pay commission) की रिपोर्ट आने से पहले इसे केंद्रीय कर्मचारियों (central employees) की बेसिक सैलरी या पेंशन (pension) में मर्ज करने का फैसला लेगी? आइए जान लेते है नीचे इस खबर में सरकार का जवाब-
HR Breaking News, Digital Desk- (DA Merger Before 8th Pay Commission Report) केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए महंगाई भत्ता (DA) काफी महत्वपूर्ण होता है, जो बढ़ती कीमतों के प्रभाव को कम करने में मदद करता है। नियम के मुताबिक कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (DA) और पेंशनर्स को मिलने वाली महंगाई राहत (Dearness Relief) को 50 फीसदी से ऊपर हो जाने पर उसे बेसिक सैलरी और पेंशन में मर्ज करने का नियम है.
माैजूदा समय में महंगाई भत्ते की दर 53 प्रतिशत है, इसलिए यह सवाल बार-बार उठता है कि क्या सरकार आठवें वेतन आयोग (8th pay commission) की रिपोर्ट आने से पहले इसे केंद्रीय कर्मचारियों (central employees) की बेसिक सैलरी या पेंशन (pension) में मर्ज करने का फैसला लेगी? सरकार से इस बारे में संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा (Rajya Sabha) में यही सवाल समाजवादी पार्टी के सांसद जावेद अली खान ने पूछा, जिसके लिखित जवाब में मोदी सरकार ने अपना रुख साफ कर दिया है.
सरकार का सीधा जवाब, मर्ज नहीं होगा DA, DR-
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी (Minister of State for Finance Pankaj Choudhary) ने राज्यसभा सांसद जावेद अली खान के सवाल का लिखित जवाब देते हुए साफ कहा है कि आठवें वेतन आयोग (8th pay commission news) से पहले महंगाई भत्ते को बेसिक सैलरी या पेंशन में मर्ज (pension merge) करने की उसकी कोई योजना नहीं है. सरकार ने कहा कि DA/DR की दरों को हर 6 महीने में संशोधित किया जाता है. यह संशोधन ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI-W) के आधार पर किया जाता है, जिसे लेबर ब्यूरो, श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है.
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में स्पष्ट किया कि सरकार की आठवें वेतन आयोग (8th pay commission latest news) से पहले महंगाई भत्ते (DA) को मूल वेतन में विलय करने की कोई योजना नहीं है. उन्होंने सांसद जावेद अली खान के सवाल का लिखित जवाब देते हुए कहा कि महंगाई भत्ते और पेंशनर्स (pensioners) के लिए महंगाई राहत (DR) की दरों को हर छह महीने में संशोधित किया जाता है. यह संशोधन श्रम और रोजगार मंत्रालय के श्रम ब्यूरो द्वारा जारी किए गए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI-W) पर आधारित होता है.
महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) का उद्देश्य केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को बढ़ती महंगाई के प्रभाव से बचाना है. वित्त राज्यमंत्री के अनुसार, यह भत्ता उनकी बेसिक सैलरी और पेंशन की क्रय शक्ति (purchasing power) को बनाए रखने के लिए दिया जाता है. इस संशोधन प्रक्रिया के तहत, इसका मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि महंगाई के कारण उनकी आय की कीमत कम न हो और वे आसानी से अपने खर्चों का प्रबंधन कर सकें. यह एक तरह से महंगाई की भरपाई का तरीका है.
सातवें वेतन आयोग से अब तक 15 बार बढ़ा DA-
वित्त मंत्रालय ने यह भी बताया कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू होने के बाद अब तक केंद्रीय कर्मचारियों (Central Government Employees) और पेंशनर्स के लिए DA/DR की दरों में 15 बार बढ़ोतरी (Da Hike) की जा चुकी है. इसका मतलब यह है कि सरकार समय-समय पर महंगाई को देखते हुए इसमें संशोधन करती रही है, जिससे कर्मचारियों और पेंशनर्स को राहत मिलती है.
क्या भविष्य में बदलाव संभव है?
सरकार के इस स्पष्टीकरण के बाद यह साफ हो गया है कि आठवें वेतन आयोग (8th pay commission latest update) की रिपोर्ट आने से पहले DA को बेसिक सैलरी या पेंशन में मर्ज करने की कोई योजना नहीं है. हालांकि यह देखना होगा कि आगे चलकर सरकार इस मुद्दे पर क्या फैसला करती है और आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों में इस पर क्या राय दी जाती है.
