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19 साल की स्टूडेंट के साथ लिव इन में रहने वाले टीचर से High court हुआ नाराज़, लगाया जुर्माना

high court decision : मैथ का ये टीचर कोर्ट के पास पहुंचा अपनी सेफ्टी के लिए पर जब कोर्ट को पता चला की वो एक 19 साल की लडककी के साथ लिव इन रिलेशन में रह रहा है तो कोर्ट ने उसके ऊपर जुर्माना लगा दिया | आइये विस्तार से जानती हैं पूरा मामला 

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19 साल की स्टूडेंट के साथ लिव इन में रहने वाले टीचर से High court हुआ नाराज़

HR Breaking News, New Delhi : 19 वर्षीय छात्र के साथ लिव-इन रिलेशनशिप (live-in relationship) में रहने वाले शादीशुदा गण‍ित के टीचर द्वारा सुरक्षा की मांग करने पर पंजाब और हर‍ियाणा हाईकोर्ट (high court) नाराज हो गया. हाईकोर्ट ने श‍िक्षक पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जस्‍ट‍िस आलोक जैन ने कहा क‍ि याचिका को देखने से पता चलता है कि याचिकाकर्ता नंबर 2 एक विवाहित व्यक्ति है और गणित का शिक्षक है और जाहिर तौर पर याचिकाकर्ता नंबर एक छात्र है.

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हाईकोर्ट (high court news) ने कहा क‍ि इस तरह की याचिकाओं से सख्ती से निपटा जाना चाहिए, हालांकि वकील याचिकाकर्ता ने स्पष्ट रूप से वर्तमान याचिका को वापस लेने की प्रार्थना की है. याचिकाकर्ता नंबर 2 ने 50 हजार रुपये के जुर्माने के साथ याच‍िका को वापस ले ल‍िया है. हाईकोर्ट ने कहा क‍ि जुर्माना इसल‍िए लगाया गया ताक‍ि शिक्षा प्रदान करने वाला शिक्षक कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग न करे.

हाईकोर्ट (high court decision) ने शिक्षक-छात्र के जोड़े ने हाईकोर्ट में याचिका दाख‍िल कर अनुच्छेद 226 के तहत सुरक्षा की मांग की थी. कोर्ट में याचिका की सुनवाई के दौरान सामने आया क‍ि याच‍िकाकर्ता वह व्यक्ति है जो पहले से ही शादीशुदा है और उसका एक बच्चा भी है. इतना ही नहीं वह 19 साल की लड़की का शिक्षक भी है. याचिका में श‍िक्षक ने कहा था क‍ि छात्रा और उनके बीच नजदीकियां बढ़ी और अब वे लिव-इन रिलेशनशिप में हैं. श‍िक्षक ने याच‍िका में कहा था क‍ि उसे लड़की के परिवार वालों से खतरा है.

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याचिका की जांच करने के बाद, न्यायालय ने निवारक के रूप में श‍िक्षक पर जुर्माना लगाया और निर्देश दिया कि यह राशि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन वकील के परिवार कल्याण कोष में जमा कराए. आपको बता दें क‍ि हाईकोर्ट ने पहले कहा था कि पहले पति या पत्नी से शादी खत्म किए बिना किसी अन्य महिला के साथ रहना आईपीसी की धारा 494, 495 के तहत द्विविवाह का अपराध हो सकता है.