Expressway in UP : एक्सप्रेसवे और सामान्य सड़कों पर हादसों पर लगेगी लगाम, लगाए जाएंगे ये उपकरण
Expressway in UP : एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए एक्सप्रेसवे, राष्ट्रीय और राज्य मार्गों पर हाईटेक उपकरण लगाए जाएंगे। यह पहल वित्त मंत्रालय के निर्देश पर परिवहन विभाग द्वारा शुरू की गई है... आइए नीचे खबर में जान लेते है इससे जुड़ी पूरी डिटेल-
HR Breaking News, Digital Desk- (Expressway in UP) प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए एक्सप्रेसवे, राष्ट्रीय और राज्य मार्गों पर हाईटेक उपकरण लगाए जाएंगे। यह पहल वित्त मंत्रालय के निर्देश पर परिवहन विभाग द्वारा शुरू की गई है। इन उपकरणों की स्थापना स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट फॉर कैपिटल इंवेस्टमेंट योजना के तहत नगर विकास विभाग, पुलिस, परिवहन विभाग, परिवहन निगम, लोक निर्माण विभाग, यूपीडा, यीडा जैसी विभिन्न एजेंसियां जल्द करेंगी। इसका उद्देश्य सड़क सुरक्षा को बढ़ाना है।
इस योजना में हाई रिस्क कॉरीडोर, हाई डेंसिटी कॉरीडोर, और क्रिटिकल जंक्शनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंफोर्समेट डिवाइसेज (electronic enforcer devices) लगाए जाएंगे।हाई रिस्क कॉरीडोर के लिए, ऐसी सड़कों के 1 किमी हिस्सों को चुना जाएगा जहां पिछले 3 वर्षों में कम से कम तीन हादसे हुए हों। इसके अलावा, शहरी और ग्रामीण इलाकों (urban and rural areas) की वे सड़कें भी शामिल होंगी जहां पिछले 3 वर्षों में न्यूनतम दो हादसे हुए हैं। इस पहल का उद्देश्य सड़क सुरक्षा बढ़ाना है।
प्रमुख जिला मार्ग और अन्य जिला मार्ग का भी यही मानक होगा। इसके अलावा स्कूल और अन्य शैक्षिक संस्थानों (educational institutions) के आसपास की सौ मीटर की सड़क भी इसके दायरे में आएगी। साथ ही, जिला सड़क सुरक्षा समिति द्वारा नामित सड़कें भी हाई रिस्क कॉरीडोर के तहत शामिल की जाएंगी। वहीं उच्च घनत्व (हाई डेंसिटी) वाले कॉरीडोर के तहत ऐसे स्थान और सड़कें चिन्हित की जाएंगी, जहां यातायात उल्लंघन (ओवर स्पीडिंग, रेड लाइट जंपिंग, लेन अनुशासनहीनता, क्रॉस पेडेस्ट्रियन मूवमेंट) होता है।
इसका लक्ष्य पैदल यात्री, दो पहिया वाहन, साइकिल चालकों की हादसे में होने वाली मौतों को रोकना है। वहीं क्रिटिकल जंक्शन के तहत तीनों तरह की सड़कों पर स्थित ऐसे जंक्शन को शामिल किया जाएगा, जहां तीन वर्ष में न्यूनतम एक दुर्घटना हुई है।
ये उपकरण लगाए जाएंगे-
ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) और स्पीड कैमरे गति और पहचान पर नज़र रखते हैं। एआई-आधारित डिटेक्शन (जैसे मोबाइल, हेलमेट नहीं पहनना, गलत दिशा में गाड़ी चलाना) और रेड लाइट डिटेक्टर उल्लंघन पकड़ते हैं। डिजिटल साइनेज और वैरिएबल मैसेज साइन (VMS) जानकारी देते हैं। बॉडी वार्न कैमरा, सीसीटीवी, और डैशबोर्ड कैमरा रिकॉर्ड करते हैं। इंटरसेप्टर विद स्पीड गन और वे-इन-मोशन निगरानी और वजन जांच करते हैं।
