Farmer News : 70 किलोमीटर दूर बेचे 500 किलो प्याज और बदले में मिले 2 रूपए, किसान की ये दुखद कहानी खड़े करती है बहुत सवाल
आज जो घटना पूरे इंटरनेट पर छाई हुई है उसे जान आप भी सोचने पर मजबूर हो जायेंगे के कैसे आज देश में किसानों की दुर्दशा हो रही है। एक किसान को 500 किलो प्याज बेचने के बदले मिलते हैं सिर्फ 2 रूपए , आइये डिटेल में जानते हैं क्या है पूरा मामला
HR Breaking News, New Delhi : अगर आप किसान (Farmer) हैं, और अपनी फसल को बेचने के लिए किसी दूसरे शहर आते-जाते हैं, तो ये खबर आपको जरूर पढ़नी चाहिए. एक किसान को मंडी समिति के व्यापारी से उसकी फसल पर सिर्फ 2 रुपये का चेक थमा दिया जाता है. अगर ऐसा आपके साथ हो, तो आप कैसा महसूस करेंगे. इसे आप व्यवस्था की कामियां या फसल की बंपर मार कहेंगे. कुछ ऐसा ही हुआ महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के बरशी तालुका के एक गांव बोरगांव के किसान के साथ, जिनका नाम राजेंद्र तुकाराम चव्हाण (58 वर्षीय) है. जानिए क्या है पूरा मामला...
प्याज बेचने के लिए 70 KM की यात्रा
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, किसान राजेंद्र तुकाराम चव्हाण ने 512 किलोग्राम प्याज की बिक्री के लिए 70 किलोमीटर की यात्रा कर डाली. वे इतनी दूरी तय कर सोलापुर एपीएमसी (APMC) पहुंचे. जहा पर उन्हें प्याज की गिरी हुई कीमतों की वजह से अपनी उपज को महज 1 रुपये प्रति किलो के हिसाब से ही बेचना पड़ा. एपीएमसी व्यापारी ने 512 रुपये की कुल राशि से 509.50 रुपये परिवहन शुल्क, हेड-लोडिंग और वजन शुल्क आदि में काट लिया. इसके बाद चव्हाण का शुद्ध लाभ बमुश्किल 2.49 रुपये रहा है और उन्हें 2 रुपये का पोस्ट-डेटेड चेक भी दिया गया है. इसका भुगतान वह 15 दिनों के बाद ले सकते है. 49 पैसे की शेष राशि चेक में नहीं दिखाई गई थी, क्योंकि बैंक के लेन-देन आमतौर पर राउंड फिगर में होते है. अब बची राशि को किसान सीधे व्यापारी से लेना होगा.
2 रुपये के लिए दिया पोस्टडेटेड चेक
बंपर फसल के कारण देश के सबसे बड़े प्याज उत्पादन करने वाले क्षेत्र महाराष्ट्र में काफी गिर गए हैं. किसान तुकाराम का कहना है कि, पिछले साल 2022 का भाव अच्छा था, तो उन्होंने 20 रुपये किलो प्याज बेचा था. तुकाराम को 2 रुपये के लिए पोस्टडेटेड चेक जारी करने के पीछे आखिर क्या कारण है.
ये है सबसे बड़ी वजह
सोलापुर एपीएमसी के व्यापारी नासिर खलीफा का कहना है कि अब पूरी प्रक्रिया कम्प्यूटराइज हो गई है. इस कारण चेक जारी करना पड़ा है. हालांकि इस बार तुकाराम जो प्याजा लाए थे उसकी गुणवत्ता बेहद निम्न थी. उन्होंने जब उच्च गुणवत्ता वाला प्याज लाया था तो उसका भाव 18 रुपये किलो लगा था. फिर दूसरी प्याज लाया, तो उसका भाव 14 रुपये किलो मिला. किसानों को अच्छी गुणवत्ता केवल 25 फीसदी फसल में मिलती है. करीब 30 फीसदी फसल मध्यम गुणवत्ता वाली होती है. बाकी का स्तर निम्न की रह जाती है.