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Hindenburg Report : गौतम अडानी को अरबों रूपए का नुक्सान पहुंचाने वाला Hindenburg ऐसे करता है कमाई, एक पल में कमा लेता है करोड़ों रूपए

कुछ दिन पहले  Hindenburg रिपोर्ट ने अडानी को 92 अर्ब डॉलर का नुक्सान पहुंचाया था , पर क्या आप जानते है  Hindenburg खुद कैसे कमाई करता है, अगर नहीं तो आज हम आपको इसके बारे में  बताने जा रहे हैं 

 
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Hindenburg Report

HR Breaking News, New Delhi : भारत में पिछले कुछ दिनों से हिंडनबर्ग रिसर्च का नाम काफी सुर्खियों में हैं. दरअसल, इस हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप पर एक रिपोर्ट प्रकाशित कर तहलका मचा दिया है. इस रिपोर्ट का असर यह हुआ कि अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों के भाव धड़ाम हो गए हैं और कंपनी की मार्केट वैल्यू काफी नीचे आ गई है. हिंडनबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट से ही अडानी ग्रुप को अरबों रुपयों का झटका दिया है. लेकिन क्या आपको पता है कि अडानी को अरबों रुपयों का झटका देकर हिंडनबर्ग ने काफी मोटी कमाई कर ली है. आइए जानते हैं कैसे हिंडनबर्ग रिसर्च कमाई करता है.

अडानी ग्रुप
हिंडनबर्ग पिछले हफ्ते अडानी ग्रुप पर हेरफेर और धोखाधड़ी का आरोप लगाने के बाद से सुर्खियों में है. हिंडनबर्ग ने दो साल तक अडानी ग्रुप पर रिसर्च की है और इसके बाद अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की है. इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत और हजारों दस्तावेजों की समीक्षा शामिल है. हालांकि इन आरोपों के बाद गौतम अडानी ने इनका खंडन किया.

शॉर्ट सेलिंग
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से ही अडानी ग्रुप के शेयरों में लगातार गिरावट देखने को मिली है. अडानी की कंपनियों के शेयरों में गिरावट के कारण हिंडनबर्ग को तगड़ा मुनाफा हुआ है. दरअसल, अडानी ग्रुप पर जारी की गई रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने कहा है कि इसने अडानी ग्रुप की कंपनियों पर शॉर्ट पॉजिशन ले रखी है. हिंडनबर्ग अमेरिकी कंपनी है और अमेरिका में इसने अडानी ग्रुप की कंपनियों के बॉन्ड की शॉर्ट पॉजिशन ले रखी है.

कमाई का तरीका
बता दें कि हिंडनबर्ग खुद को शॉर्ट सेलर कहता है और शॉर्ट सेलिंग के जरिए कमाई करता है. अडानी ग्रुप पर भी हिंडनबर्ग ने शॉर्ट पॉजिशन अपना रखी है और उसी से वो कमाई कर रहा है. हिंडनबर्ग ने अडानी के शेयरों की शॉर्ट पोजिशन लेने के बाद ये अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की है.

क्या होती है शॉर्ट सेलिंग?
शेयर बाजार में दो तरीके से पैसा कमाया जा सकता है. पहला तरीका है जब किसी शेयर को पहले खरीद लिया जाता है और उसके दाम बढ़ने पर बढ़ी हुई कीमतों पर बेचा जाता है तो मुनाफा होता है. इसे लॉन्ग पॉजिशन कहा जाता है. वहीं दूसरा तरीका है जब किसी ब्रोकर से कोई शेयर उधार लेकर उसे मार्केट में पहले बेचा जाता है और जब उस शेयर की कीमत गिरती है तो गिरी हुई कीमत में उसे खरीद लिया जाता है. ऐसे में बीच के मार्जिन से मुनाफा होता है. इसे शॉर्ट सेलिंग या शॉर्ट पॉजिशन कहा जाता है.