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Income Tax : इतनी मेहनत से कमाए पैसे पर क्यों देना पड़ता है Income tax , जानिए कारण

Income tax news : सरकार इनकम टैक्स लेती है, दिन रात इतनी मेहनत करके हम पैसा कमाते हैं और इन पैसों का एक काफी बड़ा हिस्सा इनकम टैक्स के रूप में देते हैं, पर ऐसा क्यों, जानिए इनकम टैक्स देने की वजह 

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इसलिए देना पड़ता है इनकम टैक्स

HR Breaking News, New Delhi : इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख नजदीक आती जा रही है. लोगों को अपना व्यक्तिगत इनकम टैक्स रिटर्न वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 31 जुलाई 2023 तक दाखिल करना है. वहीं जिन लोगों की इनकम टैक्सेबल है, उन लोगों को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना काफी जरूरी है. लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर पूरे दिन-रात इतनी मेहतन करने के बावजूद इनकम पर टैक्स क्यों दाखिल करना होता है? आइए जानते हैं इसके बारे में...

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टैक्स क्यों देना चाहिए?

कुछ लोग सवाल उठाते हैं कि 'मुझे टैक्स क्यों देना चाहिए? उनका तर्क है- मुझे अपने भोजन के लिए, अपने घर के लिए, अपनी यात्रा के लिए, अपने चिकित्सा उपचार के लिए, वाहन के मालिक होने के लिए न केवल वाहन की लागत बल्कि वाहन टैक्स और न जाने क्या-क्या भुगतान करना होगा. यहां तक कि कई सड़कों पर टोल टैक्स भी देना पड़ता है! वे यह भी कहते हैं कि अगर हम अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों से तुलना करें तो वहां लोगों को सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ कई सुविधाएं भी लगभग बिना किसी लागत के मिलती हैं. लेकिन भारत ऐसी सुविधाएं नहीं देता.

 

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सरकार नागरिकों के लिए क्या करती है?
यह सच है कि भारत कुछ विकसित देशों की तरह सामाजिक सुरक्षा अन्य सुविधाएं प्रदान नहीं करता है. लेकिन हमें इस मुद्दे पर बड़े पैमाने पर विचार करने की जरूरत है. हमें इस बात की सराहना करने की आवश्यकता है कि सरकार को कई जिम्मेदारियों का निर्वहन करना है, जिसमें सरकारी अस्पतालों के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल (आमतौर पर वे बिना किसी लागत के सेवा प्रदान करते हैं), शिक्षा (नगरपालिका और सरकारी स्कूलों में शुल्क नगण्य है) शामिल हैं. 

कल्याणकारी योजनाएं
सरकार रियायती दर पर रसोई गैस भी उपलब्ध कराती है या सब्सिडी देती है. निःसंदेह सरकार का मुख्य व्यय राष्ट्रीय रक्षा, बुनियादी ढांचे के विकास आदि पर किया जाना है. टैक्स का उपयोग सरकार के जरिए रोजगार कार्यक्रमों सहित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को पूरा करने के लिए किया जाता है. विभिन्न विभागों में लाखों कर्मचारी हैं और प्रशासनिक लागत सरकार को वहन करनी पड़ती है. हालांकि न्यायिक प्रक्रिया में देरी होती है, फिर भी न्यायाधीशों, मजिस्ट्रेटों और न्यायिक कर्मचारियों के वेतन, भत्ते का भुगतान भी सरकार को करना पड़ता है. इस प्रकार सरकार के इन विभिन्न कर्तव्यों पर विचार करने पर यह समझने की आवश्यकता है कि कानून के अनुसार टैक्स का भुगतान करना चाहिए और एक जिम्मेदार नागरिक की तरह काम करना होगा.'

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