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Indian Railways: रेल यात्रियों को अब सफर में नहीं लगेगा समय, रेलवे चलाएगा ये स्पेशल ट्रेनें

Vande Rapid Metro Train : अगर आप ट्रेन से सफर करते हैं तो आपके लिए बड़ी खुशखबरी है. भारतीय रेलवे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के उद्देश्य से जल्द ही दो प्रकार की वंदे भारत ट्रेनें चलाएगा. आइए जानते है इसके बारे में पूरी जानकारी।
 
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Indian Railways: रेल यात्रियों को अब सफर में नहीं लगेगा समय, रेलवे चलाएगा ये स्पेशल ट्रेनें

HR Breaking News (ब्यूरो) : एक जो इंट्रासिटी संचालित करेगी और दूसरी इंटरसिटी यात्रियों के लिए इन ट्रेनों में कोचों की संख्या भी अलग-अलग होगी. वंदे रैपिड मेट्रो के लिए 8 और वंदे मेट्रो क्षेत्रीय ट्रेनों के लिए 12 ट्रेन का पुराना संस्करण मुंबई लोकल ट्रेन सेवा की तर्ज पर चलेगा.


ये दोनों ट्रेनें पूरी तरह से वातानुकूलित होंगी और वंदे मेट्रो को यूरोप में ट्रेनों के इर्द-गिर्द बनाए जाने की सबसे अधिक संभावना है, ट्रेनों की आवृत्ति 30 से 45 मिनट के बीच होगी. ये ट्रेनें 100 किलोमीटर दूर दो शहरों को जोड़ेगी. इन ट्रेनों का प्रोटोटाइप जुलाई तक तैयार कर लिया जाएगा.

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टीओआई ने बताया कि इन ट्रेनों के कोच चेन्नई, कपूरथला और रायबरेली में बनाए जाएंगे. चूंकि ये ट्रेनें कम दूरी की चलेंगी, इसलिए खड़े होने के लिए भी पर्याप्त जगह होगी. वंदे मेट्रो रैपिड की अधिकतम गति 90 किमी प्रति घंटा होगी क्योंकि यह शहरों के भीतर यात्रा करेगी. दूसरी ट्रेन की अधिकतम गति 130 किमी प्रति घंटा होगी.


वंदे मेट्रो ट्रेन की खासियत


वंदे भारत ट्रेन की तरह इस वंदे मेट्रो ट्रेन में भी आधुनिक ब्रेक सिस्टम, रेड सिग्नल ब्रेक करने से रोकने के लिए कवच सेफ्टी सिस्टम, ऑटोमेटिक डोर, फायर सेंसर, जीपीएस, एलईडी स्क्रीन उपलब्ध होगी, जो यात्रियों को अगले स्टेशन के बारे में पूर्व सूचित करेगा. इस ट्रेन का किराया बेहद कम होगा, ताकि गरीब और मध्यम वर्ग के लोग भी सफर कर सकें.

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पहले चरण में बनेंगे 600 कोच


पहले चरण में वंदे रैपिड मेट्रो के लिए 600 कोच बनाए जाएंगे. वंदे भारत लंबी दूरी की ट्रेनों की अधिकतम गति 180 किमी प्रति घंटा है. हालांकि, इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी दिक्कतों के चलते ये 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी.

जिससे यात्रियों को समय पर अपने स्थान पर पहुंचाया जा सके. बता दें कि वंदे मेट्रो ट्रेन 1950 और 1960 में डिजाइन किए गए कई ट्रेनों को रिप्लेस करेगा. इसकी डिजाइन से पर्दा अभी नहीं हटा है, लेकिन माना जा रहा है कि इसमें सुविधाएं कमोबेश वैसी ही रहेंगी, जैसी वंदे भारत ट्रेनों में है. इंजन पूरी तरह से हाइड्रोजन बेस्ड होगा. जिससे प्रदूषण भी जीरो रहेगा.