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Gurugram में बढ़ेगी मेट्रो की कनेक्टिविटी, राजीव चौक से होकर गुजरेगा कॉरिडोर

Gurugram - साइबर सिटी में मेट्रो कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार ने योजना तैयार कर ली है। शहर व आस-पास के अधिकतर क्षेत्रों तक मेट्रो का विस्तार किया जाएगा। इसी कड़ी में, गुड़गांव रेलवे स्टेशन से भोंडसी गांव तक एक नया मेट्रो कॉरिडोर बनाने की दिशा में काम शुरू हो गया है-

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Gurugram में बढ़ेगी मेट्रो की कनेक्टिविटी, राजीव चौक से होकर गुजरेगा कॉरिडोर

HR Breaking News, Digital Desk- (Gurugram) साइबर सिटी में मेट्रो कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार ने योजना तैयार कर ली है। शहर व आस-पास के अधिकतर क्षेत्रों तक मेट्रो का विस्तार किया जाएगा। इसी कड़ी में, गुड़गांव रेलवे स्टेशन से भोंडसी गांव तक एक नया मेट्रो कॉरिडोर बनाने की दिशा में काम शुरू हो गया है। इस कॉरिडोर के लिए जल्द ही फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिससे इस आईटी, टेलीकॉम, ऑटोमोबाइल और मेडिकल हब की कनेक्टिविटी मजबूत हो सके।

यह प्रस्तावित कॉरिडोर सदर बाजार, जेल रोड, और राजीव चौक जैसे भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों से होकर गुजरेगा। राजीव चौक से आगे, इसे गुरुग्राम-सोहना हाईवे की सर्विस लेन पर विकसित किया जाएगा। फिजिबिलिटी रिपोर्ट यह तय करेगी कि कॉरिडोर सर्विस लेन पर एलिवेटेड (ऊपर) बनेगा या भूमिगत (नीचे)।

नए कॉरिडोर बनाने के लिए शहर में कई मेट्रो स्टेशन पर इंटरचेंज की सुविधा होगी। इंटरचेंज बनाए जाने से किसी भी दूसरे रूट पर यात्री स्टेशन के बाहर निकले बिना ही चले जाएंगे। इससे सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा।

एक अनुमान के मुताबिक, जिले की आबादी 50 लाख से अधिक पहुंच चुकी है। यही वजह है कि साइबर सिटी व आसपास अधिकतर इलाकों में 24 घंटे ट्रैफिक का दबाव दिखता है। कई हाईवे बन चुके हैं। सड़कों की चौड़ाई बढ़ाई जा चुकी है। सर्विस लेनों की चौड़ाई बढ़ाई जा चुकी है।

इसके बाद भी ट्रैफिक का दबाव कम होने का नाम नहीं। इसे ध्यान में रखकर प्रदेश सरकार ने अधिकतर इलाकों में मेट्रो की कनेक्टिविटी बढ़ाने का निर्णय लिया है। लंबे समय तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल (Union Urban Development Minister Manohar Lal) साइबर सिटी की समस्या से पूरी तरह अवगत हैं।

उन्होंने कहा कि जितने कॉरिडोर चाहिए, उनका मंत्रालय देने को तैयार है। जितनी तेजी से योजना बनाकर प्रदेश सरकार लाएगी, उतनी ही तेजी से उसे उनका मंत्रालय हरी झंडी दिखा देगा। इसे देखते हुए गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (Gurugram Metro Rail Limited) ने विभिन्न रूटों की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करानी शुरू कर दी है।

इसी दिशा में सेक्टर-56 से पचगांव चाैक तक कॉरिडोर बनाने के लिए फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कराई गई है। अब गुड़गांव रेलवे स्टेशन से लेकर भोंडसी गांव तक बनाए जाने वाले कॉरिडोर की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी।

इस कॉरिडोर से साइबर सिटी (cyber city) की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी। वैसे तो साइबर सिटी के अधिकतर इलाकों में ट्रैफिक का दबाव है लेकिन सबसे अधिक गुड़गांव रेलवे स्टेशन के आसपास, ओल्ड रेलवे रोड, न्यू रेलवे रोड, सदर बाजार के नजदीक, जेल रोड, राजीव चौक, गुरुग्राम-सोहना हाईवे की सर्विस लेन पर राजीव चौक (Rajeev Chowk) से लेकर बादशाहपुर तक है।

बादशाहपुर से आगे भोंडसी तक दोनों तरफ कई सोसायटियाें व माल्स के आने से ट्रैफिक का दबाव (traffic pressure) बढ़ने लगा है। इसे ध्यान में रखकर जल्द से जल्द इस कॉरिडोर को विकसित किया जाएगा।

इंटरचेजों के माध्यम से जुड़ेंगे कई कॉरिडोर-

नए कॉरिडोरों को आपस में जोड़ने के लिए साइबर सिटी में कई स्टेशनों पर इंटरचेंज की सुविधा होगी। फिलहाल मिलेनियम सिटी सेंटर गुरुग्राम, हीरो होंडा चौक, सेक्टर-10, गुड़गांव रेलवे स्टेशन, पालम विहार एवं साइबर सिटी मेट्रो स्टेशन पर इंटरचेंज की सुविधा होगी। सेक्टर-56 रैपिड मेट्रो स्टेशन पर इंटरचेंज की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। सेक्टर-56 रैपिड मेट्रो स्टेशन पर इंटरचेेंज की सुविधा विकसित होने से सेक्टर-56 से पचगांव चौक तक का कॉरिडोर जुड़ जाएगा।

पालम विहार में इंटरचेंज होने से पालम विहार से दिल्ली के द्वारका तक का कॉरिडोर आपस में जुड़ जाएगा। सेक्टर-10 स्टेशन पर इंटरचेंज की सुविध होने से ग्लोबल सिटी प्रोजेक्ट तक का कॉरिडोर जुड़ जाएगा। गुड़गांव रेलवे स्टेशन पर इंटरचेंज की सुविधा होने से गांव भोंडसी तक का आपस में कॉरिडोर जुड़ जाएगा। हीरो होंडा चौक एवं पचगांव चौक पर इंटरचेंज की सुविधा होने से कॉरिडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के कॉरिडोर से जुड़ जाएगा।

रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर (Regional Rapid Transit System Corridor) दिल्ली के सराये काले खां से लेकर राजस्थान में अलवर तक विकसित किया जाना है। यह दिल्ली-जयपुर हाईवे के साथ-साथ विकसित किया जाएगा। साइबर सिटी में इंटरचेंज की सुविधा से पुराने गुरुग्राम से गुजरने वाला कॉरिडोर रैपिड मेट्रो के कॉरिडोर से जुड़ जाएगा।

इस तरह सभी को लेकर अलवर तक के कई इलाकों की मेट्रो कनेक्टिविटी (metro connectivity) बेहतर हो जाएगी। कनेक्टिविटी बेहतर होने से आबादी का दबाव एनसीआर में कम होगा। फिलहाल जो लोग दिल्ली या गुरुग्राम में काम करते हैं वे आसपास ही रहने को मजबूर हैं क्योंकि सार्वजनिक परिवहन की सुविधा बेहतर नहीं है।

पुराने गुरुग्राम में कनेक्टिविटी के लिए बनेगा 28.5 लंबा कॉरिडोर-

पुराने गुरुग्राम में मेट्रो की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 28.5 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर बनाया जाएगा। इसके पहले पैकेज का काम शुरू हो गया है। दूसरे पैकेज के लिए टेंडर की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। दिसंबर 2028 तक प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। आठ माडल स्टेशन होंगे। नए कॉरिडोर पर कुल 35 ट्रेनें चलेंंगी। कोचों की संख्या तीन होगी। ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित रहेगी।

प्रोजेक्ट के ऊपर लगभग 5,452.72 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बता दें कि नए कॉरिडोर पर सबसे पहला स्टेशन मिलेनियम सिटी सेंटर गुरुग्राम मेट्राे स्टेशन से आगे सेक्टर-45 होगा।

इसके बाद साइबर पार्क, सेक्टर-47, सुभाष चौक, सेक्टर-48, सेक्टर-72ए, हीरो होंडा चौक, उद्योग विहार फेज-छह, सेक्टर-10, सेक्टर-37, बसई गांव, सेक्टर-9, सेक्टर-सात, सेक्टर-चार, सेक्टर-पांच, अशोक विहार, सेक्टर-तीन, बजघेड़ा रोड, पालम विहार एक्सटेंशन, पालम विहार, सेक्टर-23ए, सेक्टर-22, उद्योग विहार फेज-चार, उद्योग विहार फेज-पांच एवं साइबर हब के नजदीक स्टेशन होगा। पहले चरण में सेक्टर-9 तक यानी लगभग साढ़े 15 किलोमीटर मेट्रो का विस्तार होगा।

कनेक्टिविटी बेहतर होने से आएगी विकास की आंधी-

गुरुग्राम होम डेवलपर्स एसोसिएशन (Gurugram Home Developers Association) के संरक्षक दिनेश नागपाल कहते हैं कि कई समस्याओं के बाद भी देश ही नहीं पूरी दुनिया के लोगों की पसंद साइबर सिटी है। ऐसे में जब समस्याएं दूर होंगी फिर आकर्षण और तेजी से बढ़ेगा। किसी भी इलाके में तेजी से विकास तभी होता है जब सार्वजनिक परिवहन की सुविधा बेहतर होती है।

मेट्रो की कनेक्टिविटी बेहतर होने के बाद साइबर सिटी से लेकर अलवर तक विकास की आंधी आएगी। लोग अलवर तक रहना पसंद करेंगे। फिलहाल गुरुग्राम में काम करने वाले आसपास ही रहना पसंद करते हैं क्योंकि सड़कों पर ट्रैफिक का काफी दबाव है। कुछ किलोमीटर दूरी तय करने से पहले सोचना पड़ता है।

गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (Gurugram Metro Rail Limited) के प्रबंध निदेशक डा. चंद्रशेखर खरे का कहना है कि गुड़गांव रेलवे स्टेशन से लेकर भोंडसी गांव तक कॉरिडोर बनाने के लिए फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कराने को लेकर कार्यवाही शुरू हो चुकी है। वैसे एक बार कॉरिडोर बनाने को लेकर जानकारी हासिल की जा चुकी है। एक बार और विस्तार से रिपोर्ट तैयार कराकर डीपीआर के ऊपर काम शुरू कराया जाएगा।

आने वाले समय में साइबर सिटी व आसपास के अधिकतर इलाकों में मेट्रो की कनेक्टिविटी बेहतर होगी। इससे जहां सड़कों के ऊपर ट्रैफिक का दबाव कम होगा वहीं प्रदूषण का स्तर भी कम होगा। विकास की गति तेज होगी। प्रदेश सरकार मेट्रो विस्तार को लेकर काफी गंभीर है।