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UP में बनेगा 110 से 150 किलोमीटर लंबा नया 6 लेन हाईवे, जमीन की कीमतों में आएगा तगड़ा उछाल

UP New Highway : उत्तर प्रदेश में लगातार बिछाए जा रहे एक्सप्रेस वे के जाल की वजह से यहां प्रॉपर्टी की कीमतों में भी काफी इजाफा देखने को मिल रहा है। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में अब 110 से 150 किलोमीटर लंबा नया 6 लेन हाईवे बनेगा। जिसकी वजह से यहां की प्रॉपर्टी रेट में भी काफी ज्यादा उछाल देखने को मिलेगा।
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UP में बनेगा 110 से 150 किलोमीटर लंबा नया 6 लेन हाईवे, जमीन की कीमतों में आएगा तगड़ा उछाल

HR Breaking News : (Ganga Expressway Extention) उत्तर प्रदेश के विकास की रफ्तार को तेज करने के लिए योगी सरकार की तरफ से कई बड़े-बड़े प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से गंगा एक्सप्रेसवे का और ज्यादा विस्तार किया जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे 594  किलोमीटर लंबा बनाया जा रहा था यानी कि मेरठ से प्रयागराज तक बनाया जा रहा था। 


लेकिन अब इसे हरिद्वार तक बढ़ाया जाएगा। जिसके लिए 110 से 150 किलोमीटर लंबा छह लाइन का नया हाईवे (UP New Highway) बनाया जाएगा। इस 6 लेन के हाईवे के सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है तथा डीपीआर तैयार की जा रही है।


इस एक्सप्रेसवे के विस्तार से पश्चिमी यूपी तथा उत्तराखंड के बीच कनेक्टिविटी में काफी सुधार होगा। साथ ही धार्मिक पर्यटन और औद्योगिक विकास को भी बल मिलेगा। 


मेरठ से मुजफ्फरनगर और रुड़की के रास्ते हरिद्वार तक जाने वाला यह नया खंड चारधाम यात्रा (Ganga Expressway Extention) से जुड़ेगा। इस विस्तार की वजह से धार्मिक पर्यटकों के लिए यात्रा आसान हो जाएगी। इस रूट पर पड़ने वाले गांवों में जमीनों के रेटों में भी तगड़ा इजाफा होने की उम्मीद है। क्योंकि यह क्षेत्र अब एक प्रमुख आर्थिक गलियारे का हिस्सा बनने जा रहा है।


Ganga Expressway के पहले चरण का निर्माण, जो मेरठ से प्रयागराज तक है, अपने अंतिम दौर में है। इसका 93 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा हो चुका है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) के अनुसार, इस चरण का उद्घाटन 15 दिसंबर 2025 तक होने की संभावना है। लागत की बात की जाएं तो इसमें अब तक 36,230 करोड़ रुपये की लागत आई है, जिसमें जमीन अधिग्रहण के लिए 9,500 करोड़ रुपये शामिल हैं।


योगी सरकार की तरफ से जारी हुआ 50 करोड़ का बजट


पहले चरण के पूरा होने के बाद, मेरठ से हरिद्वार (yogi government) तक दूसरे चरण का निर्माण शुरू होगा। Noida की एसए इंफ्रा कंपनी DPR तैयार कर रही है। अगले चार महीनों में इसे UPEIDA को सौंप देगी। इसके बाद निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है। इस विस्तार के लिए योगी सरकार ने 50 करोड़ रुपये का प्रारंभिक बजट भी जारी कर दिया है।

लखनऊ से हरिद्वार की दूरी हो जाएगी इतनी


इस एक्सप्रेस-वे से ने केवल कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा  बल्कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी नया आयाम देगा। इस एक्सप्रेस-वे के किनारे आईटी पार्क, टेक्सटाइल पार्क, फार्मा पार्क और औद्योगिक कॉरिडोर विकसित किए जा रहे हैं, जो उद्योगों को कच्चा माल लाने और तैयार उत्पाद भेजने के लिए सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे। 


इसके अलावा, रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज और शॉपिंग शहर भी बसाई जा रही हैं, जिससे मेरठ, हापुड़, शाहजहांपुर, और हरदोई जैसे क्षेत्रों में रियल एस्टेट की मांग बढ़ने की संभावना है। 


पर्यटन के लिहाज (terms of tourism) से भी यह परियोजना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे, यमुना एक्सप्रेस-वे, और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे (Agra-Lucknow Expressway) से जुड़कर एनसीआर को पूर्वी यूपी और उत्तराखंड से जोड़ेगा। इससे मेरठ से प्रयागराज की यात्रा 6-7 घंटे और लखनऊ से हरिद्वार की यात्रा 5-6 घंटे में पूरी हो सकेगी।

एक्सप्रेस-वे के आसपास लगाए जाएंगे लाखों पौधे 


पर्यावरणीय उपायों के तहत, इस एक्सप्रेस-वे के आसपास 18,55,000 पौधे लगाए जाएंगे तथा सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाएगा। साथ ही, शाहजहांपुर में 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी बनाई गई है, जो सैन्य आपातकालीन लैंडिंग के लिए उपयोगी होगी। 


हालांकि, हरिद्वार विस्तार के लिए जमीन अधिग्रहण और गंगा तथा रामगंगा नदियों के पास निर्माण से पर्यावरणीय चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं। 
फिर भी, यह एक्सप्रेस-वे यूपी और उत्तराखंड के बीच एक मजबूत सामाजिक और आर्थिक कॉरिडोर के रूप में उभरेगा, जो क्षेत्रीय विकास को नई गति देगा।