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Property Knowledge : 12 साल में किराएदार बन जाता है मालिक, 90 प्रतिशत मकान मालिक नहीं जानते ये कानून

Property Knowledge :  भारत के बड़े शहरों में, मकान मालिक (landlord) अपनी खाली संपत्तियों को किराए पर देकर आय कमाते हैं. हालांकि, कई बार किराएदारों के लंबे समय तक रहने से संपत्ति पर कब्जे का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में क्या आप ये जानते है कि 12 साल में किराएदार आपकी प्रोपर्टी का मालिक बन सकता है-

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Property Knowledge : 12 साल में किराएदार बन जाता है मालिक, 90 प्रतिशत मकान मालिक नहीं जानते ये कानून

HR Breaking News, Digital Desk- (Property Knowledge) भारत के बड़े शहरों में, मकान मालिक (landlord) अपनी खाली संपत्तियों को किराए पर देकर आय कमाते हैं. इससे उन्हें आर्थिक लाभ मिलता है और संपत्ति (property) की देखभाल भी होती रहती है. हालांकि, कई बार किरायेदारों के लंबे समय तक रहने से संपत्ति पर कब्जे का खतरा बढ़ जाता है. खासकर, मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में, जहां किराया ज्यादा है, यह समस्या और भी गंभीर हो सकती है.

क्या किरायेदार संपत्ति पर दावा कर सकता है?
भारतीय कानून (Indian Law) के तहत, इसे 'प्रतिकूल कब्ज़ा अधिनियम' कहते हैं. इसके अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी संपत्ति पर 12 साल तक बिना किसी रुकावट के कब्ज़ा बनाए रखता है, और संपत्ति का मालिक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करता है, तो वह व्यक्ति उस संपत्ति पर अधिकार का दावा कर सकता है. इस दावे को साबित करने के लिए, उसे बिजली और पानी के बिल, और संपत्ति कर के भुगतान जैसे दस्तावेज़ पेश करने होंगे. यदि मालिक निष्क्रिय रहता है, तो किरायेदार संपत्ति का मालिकाना हक पा सकता है.

मकान मालिक अपनी संपत्ति की सुरक्षा कैसे कर सकते हैं?
इस तरह की समस्याओं से बचने के लिए मकान मालिकों को कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए. सबसे पहले, हर किरायेदारी को कानूनी रूप से पंजीकृत कराना जरूरी है. 11 महीने के किरायेदारी समझौते को अनिवार्य रूप से हर 11 महीने में नवीनीकृत करें. इससे किसी भी तरह की कानूनी जटिलता से बचा जा सकता है. (How can ear owners protect their property?)

नियमित निरीक्षण और किरायेदार की पृष्ठभूमि जांच-
अपनी संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए, मकान मालिकों को नियमित रूप से जांच करनी चाहिए कि किरायेदार कोई अवैध निर्माण या बदलाव तो नहीं कर रहा. इसके अतिरिक्त, किसी भी किरायेदार को रखने से पहले, उसकी पृष्ठभूमि की अच्छी तरह से जांच करना महत्वपूर्ण है. सुरक्षित रहने का एक और तरीका यह है कि आप समय-समय पर अपने किरायेदारों को बदलते रहें, जिससे आपकी संपत्ति का रखरखाव अच्छे से हो पाएगा.

अवैध अतिक्रमण से बचाव-
मकान मालिकों को अपनी संपत्ति से जुड़े सभी कानूनी दस्तावेज अपडेट रखने चाहिए. किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को संपत्ति पर दावा करने से रोकने के लिए समय-समय पर निरीक्षण करते रहना जरूरी है. यदि मकान मालिक सतर्क नहीं रहते हैं, तो कानूनी विवादों में फंस सकते हैं, जिससे संपत्ति वापस पाना मुश्किल हो सकता है. (protection from illegal encroachment)

अगर किरायेदार मकान खाली करने से मना करे तो क्या करें?
यदि कोई किरायेदार आपकी संपत्ति खाली (property vacant) करने से इनकार करता है, तो आप एक कानूनी प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं. सबसे पहले, उसे आधिकारिक कानूनी नोटिस भेजें. जबरदस्ती बिजली या पानी का कनेक्शन काटना गैरकानूनी है, इसलिए ऐसा न करें. अगर किरायेदार फिर भी नहीं हटता है, तो आप पुलिस में शिकायत कर सकते हैं और सिविल कोर्ट (civil court) में मुकदमा दायर कर सकते हैं. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 103 के तहत, मकान मालिक कानूनी कार्रवाई करके संपत्ति को खाली करा सकते हैं. यह प्रक्रिया शांतिपूर्ण और कानूनी तरीके से समस्या का समाधान करने में मदद करती है.