Railway News : दो राज्यों की होगी कनेक्टिविटी, 41 शहरों और कस्बों में बिछाई जाएगी नई रेलवे लाइन
Railway News : हाल ही में आई एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि जैसलमेर-बाड़मेर-भाभर रेलवे लाइन का सर्वे और प्रस्ताव, गुजरात और राजस्थान के 41 शहरों, कस्बों और गांवों की तकदीर बदल सकता है। यह मार्ग क्षेत्र के विकास को नई दिशा देगा... आइए नीचे खबर में जान लेते है इससे जुड़ी पूरी डिटेल-
HR Breaking News, Digital Desk- (Railway News) जैसलमेर-बाड़मेर-भाभर रेलवे लाइन का सर्वे और प्रस्ताव, गुजरात और राजस्थान के 41 शहरों, कस्बों और गांवों की तकदीर बदल सकता है। यह मार्ग क्षेत्र के विकास को नई दिशा देगा। रेलवे ओवरब्रिज (railway overbridge) और अंडरब्रिज (underbridge) बनने से यातायात सुगम होगा, जिससे न केवल आवागमन आसान होगा बल्कि इन क्षेत्रों की सूरत भी बदलेगी और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा आर्थिक उन्नयन के द्वार खुलेंगे। राजस्थान और गुजरात के बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर और बनासकांठा जिलों को यह मार्ग सीधा जोड़ेगा। इन जिलों के करीब 41 स्टेशन पहले प्रस्ताव में लिए गए हैं। ज्यादा फायदा राजस्थान को है। राजस्थान की 990 हेक्टेयर जमीन अवाप्त होकर यहां निर्माण किया जाएगा, जबकि गुजरात की 245 हेक्टेयर के करीब जमीन की अवाप्ति होगी।
रेलवे के जानकारों का कहना है कि इस रूट में 34 मुख्य ओवरब्रिज, 256 माइनर, 56 रोड अंडर ब्रिज बनने की संभावना है। ये ब्रिज रेलवे लाइन के साथ जुड़ने से कस्बों को अतिरिक्त सुविधाएं मिलेंगी, वहां की सूरत भी बदली जाएगी।
मालगाड़ी परिवहन का बड़ा मार्ग-
जालोर, सांचौर, बाड़मेर, जैसलमेर के लिए यह मालगाड़ी परिवहन का बड़ा मार्ग बन सकता है। इसके लिए अब तक ट्रक व सड़क मार्ग के परिवहन पर ही निर्भरता है। यह नया विकल्प होते ही परिवहन के लिए यहां मालगाड़ियों का आवागमन बड़ी संख्या में होने की संभावनाएं है।
राजस्थान और गुजरात की क्या है स्थिति-
दूरी 357.28 किलोमीटर, मुख्य ब्रिज-34, माइनर ब्रिज 256, रोड अंडरब्रिज 56, जंक्शन 02, क्रॉसिंग 19, हॉल्ट 03, जमीन जरूरत 990 हेक्टेयर (राजस्थान) और 245 हेक्टेयर (गुजरात)।
राजस्थान (Rajasthan) और गुजरात (Gujrat) पड़ोसी राज्य हैं तथा व्यापारिक रूप से एक-दूसरे पर बहुत निर्भर हैं। दोनों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी के प्रयास सराहनीय हैं। जैसलमेर, बाड़मेर, भाभर रेलवे लाइन एक बेहतरीन कदम होगा, जिसके लिए सर्वे जल्द पूरा कर कार्य शुरू किया जाना चाहिए। यह दोनों राज्यों के व्यापार और आवागमन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
-महावीर सिंह चूली, बाड़मेर
रेलमार्ग का मतलब बहुत बड़ा विकास है। यह मील का पत्थर हो जाता है। जोधपुर से पाकिस्तान के कराची के बीच में रेल लाइन बिछाई गई थी। इसका परिणाम रहा है कि दोनों देशों के बीच में रेलमार्ग आज भी है। रेलों का संचालन भी हुआ है। इसी तरह यह रेलमार्ग बनता है तो फिर यह हमेशा के लिए इस पूरे इलाके लिए सौगात होगी। इस रेलमार्ग की पैरवी पुरजोर होनी चाहिए।
-डॉ. जसवंत मायला
बाड़मेर, जैसलमेर, भाभर रेलवे मार्ग के निर्माण को उच्च प्राथमिकता मिलनी चाहिए। यह मार्ग केवल 357 किमी लंबा है और अधिकतर रेगिस्तानी क्षेत्र से गुजरता है, जिससे जमीन अधिग्रहण में कम समस्या आएगी। इस रेलवे लाइन (railway line) के बनने से आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी।
-मूंदड़ा, व्यापारी
