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Suhani Chopra Jodhpur बेटी को जन्म दे, चल बसी मां, जाते जाते दो नेत्रहीनों को दे गई रोशनी

एक मां जो की इस दुनिया को अलविदा कहने के साथ ही जहां बेटी को नया जीवन दिया वही दो नेत्रहीनों को रोशनी भी दे गई। जिसका वीडीयो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। तो जानते है पूरा मामला
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जोधपुर. एक मां इस दुनिया को अलविदा कहने के साथ ही जहां बेटी को नया जीवन दिया वहीं, दो नेत्रहीनों को रोशनी भी दे गई। दरअसल, एक महिला की देर रात डिलीवरी हुई, इस दौरान उसकी मौत हो गई। इस हादसे के बाद भी महिला के परिवार ने हिम्मत नहीं हारी और आंखें दान करवाई। ताकि ये आंखें किसी को रेाशनी दिखा सकें।

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शास्त्री नगर सी 102 निवासी 31 वर्षीय सुहानी चौपड़ा  (Suhani Chopra Jodhpur)  पत्नी विश्रुत जैन की मध्य रात्रि में डिलीवरी के पश्चात निधन हो गया। सुहानी (Suhani Chopra Jodhpur)  का फूल सी बच्ची को जन्म देने के बाद देहावसान हो गया। सुहानी (Suhani Chopra Jodhpur) के नेत्रदान से दो जनों की आंखों को ज्योति मिलेगी। जोधपुर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष एनके जैन ने अपनी पुत्रवधू के नेत्रदान के लिए काउंसलर मनोज मेहता से संपर्क कर नेत्रदान की इच्छा जताई।

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अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् की शाखा परिषद् तेरापंथ युवक परिषद् सरदारपुरा ने नेत्रदान में सहयोग कराया। नेत्रदान के संभाग प्रभारी कैलाश जैन व संयोजक विकास चौपड़ा ने बताया कि परिजनों से सहमति ली गई। एएसजी आई हॉस्पिटल की आई बैंक के टीम लीडर गोपाल नाथ,तकनीशियन प्रमोद व सूरज के साथ उनके निवास पर पहुंच सुहानी चौपड़ा  (Suhani Chopra Jodhpur)  के दोनों कॉर्निया टीम की ओर से प्राप्त किए गए। जिन्हें दो नेत्रहीन व्यक्तियों को प्रत्यारोपित कर नेत्र ज्योति प्रदान की जाएगी।

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गंभीर बीमारी से पीड़ित थी महिला
11 साल के इंतजार के बाद इस महिला को मां बनने का सुख प्राप्त हुआ था। लेकिन एक गंभीर बीमारी ने महिला के इस सुख को उससे छीन लिया। डिलीवरी के वक्त डॉक्टर ने इस बात को साफ किया था कि बच्चे और मां में से किसी एक को ही बचाया जा सकता है।


तब मां ने डॉक्टर से बच्चे को बचाने की गुजारिश की थी। ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने 8 घंटे तक अपना बेस्ट दिया। लेकिन बच्चे के जन्म के बाद मां ने आखिरी बार बच्चे को चूमा और चेहरे पर एक मुस्कान लिए इस दुनिया को अलविदा कह दिया। यह देख वहां खड़े डॉक्टरों (Doctors) के आंखों से भी आंसू निकल आए।