Supreme court decision : इतने सालों तक जिसका होगा कब्ज़ा, वही होगा प्रॉपर्टी का मालिक
Property News : हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने ये एलान कर दिया है और बताया है की प्रॉपर्टी पर अगर किसी का इतने सालों तक कब्ज़ा होगा आखिर में उसी को ही प्रॉपर्टी का मालिक माना जायेगा | आइये डिटेल में जानते हैं पूरी खबर
HR Breaking News, New Delhi : देश की सर्वोच्च न्यायालय ने प्रॉपर्टी विवाद को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है । सुप्रीम कोर्ट ने जमीन से सबंधित विवाद में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा है कि 12 साल तक जमीन पर जिसका कब्जा होगा अब वही उसका मालिक माना जायेगा । सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा है कि यदि उस जमीन पर 12 साल तक कोई अपना मालिकाना हक नहीं जताता है तो जो व्यक्ति उस जमीन पर कब्जा किए है वही उसका मालिक माना जायेगा । हालांकि सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय प्राइवेट भूमि पर है जबकि सार्वजनिक संपत्ति पर यह निर्णय लागू नहीं होगा ।
सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में दिए गए फैसले को पलटा
सिर्फ वसीयत या मुख्तारनामे से नहीं बन सकते प्रॉपर्टी के मालिक : Supreme court
सुप्रीम कोर्ट ने जमीन से संबंधित साल 2014 में दिए गए उच्चतम न्यायालय के फैसले को पलट दिया है । सुप्रीम कोर्ट की बेंच में शामिल जस्टिस अरुण मिश्रा,जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने 2014 के फैसले को पलटते हुए कहा है कि यदि कोई उक्त जमीन पर अपना दावा नहीं करता है तो उस जमीन पर 12 साल या उससे अधिक समय तक रहने वाले एडवर्स पजेसर को उस जमीन का मालिकाना हक प्राप्त हो जायेगा ।
वहीं साल 2014 में कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि ऐडवर्स कब्जाधारी व्यक्ति जमीन का कब्जा नहीं ले सकता है । इसके साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा था कि अगर जमीन का मालिक कब्जाधारी से जमीन वापस लेना चाहता है तो कब्जाधारी को वह जमीन वापस करनी होगी । उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में सरकार को भी निर्देश दिया था कि एडवर्स पजेशन कानून की समीक्षा की जाए साथ ही सरकार इसे समाप्त करने पर भी विचार करे ।
सिर्फ वसीयत या मुख्तारनामे से नहीं बन सकते प्रॉपर्टी के मालिक : Supreme court
शीर्ष अदालत ने जमीन पर कब्जे से संबंधित फैसला सुनाते हुए कहा कि भारतीय कानून किसी जमीन पर 12 साल तक व्यक्ति को अपना हक जताने का अधिकार देता है । यदि कोई जमीन विवादित है तो व्यक्ति 12 साल के भीतर उस पर अपना अधिकार जताते हुए वाद दायर कर सकता है और कोर्ट द्वारा उसे वापस पा सकता है । बता दें कि सीमा अधिनियम( लिमिटेशम एक्ट) 1963 के तहत प्राइवेट संपत्ति पर हक जताने का समय 12 साल है जबकि सार्वजनिक जमीन पर यह लिमिटेशन 30 साल की है ।
जबरन कब्जे पर 12 साल के अंदर करनी होगी शिकायत
शीर्ष कोर्ट की 3 सदस्यीय पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि 12 साल तक जमीन पर कब्जा जमाए रखने और उस पर किसी अन्य व्यक्ति द्वारा आपत्ति दर्ज न करवाए जाने की स्थिति में वह प्रॉपर्टी उस व्यक्ति की हो जायेगी जो उस पर कब्जा किए है । हालांकि कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर कब्जाधारी व्यक्ति को जबरन प्रॉपर्टी से बेदखल किया जा रहा है तो वह 12 साल के भीतर वाद दायर करवा सकता है और अपने हितों की रक्षा कर सकता है ।
सिर्फ वसीयत या मुख्तारनामे से नहीं बन सकते प्रॉपर्टी के मालिक : Supreme court
बेंच ने साफ कहा कि अगर कोई व्यक्ति 12 साल तक किसी जमीन पर रह रहा है तो कानूनन वह उस प्रॉपर्टी का मालिक माना जायेगा(किसी अन्य व्यक्ति द्वारा आपत्ति दर्ज न कराए जाने की स्थिति में) । इसके बाद वास्तविक प्रॉपर्टी मालिक के पास भी कब्जाधारी को प्रॉपर्टी से हटाने का अधिकार नहीं रह जाता है । सुप्रीम कोर्ट की 3 सदस्यीय पीठ ने हालांकि ये भी कहा कि सीमा अधिनियम,1963 की धारा 65 के तहत एडवर्स कब्जाधारी व्यक्ति अपनी जमीन बचाने के लिए मुकदमा दायर कर सकता है ।
सिर्फ वसीयत या मुख्तारनामे से नहीं बन सकते प्रॉपर्टी के मालिक : Supreme court
