दिसंबर 2025 से शुरू हो जाएगा UP का ये एक्सप्रेसवे, 36000 करोड़ की आएगी लागत
UP News - उत्तर प्रदेश का गंगा एक्सप्रेसवे, जो प्रयागराज और मेरठ को जोड़ता है, लगभग 92% पूरा हो चुका है. इस महत्वाकांक्षी परियोजना को दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है. यह एक्सप्रेसवे मेरठ से शुरू होकर प्रयागराज तक 12 जिलों को जोड़ता है... एक रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि इससे बनाने में 36000 करोड़ की लागत आएगी-
HR Breaking News, Digital Desk- (UP News) उत्तर प्रदेश का गंगा एक्सप्रेसवे, जो प्रयागराज और मेरठ को जोड़ता है, लगभग 92% पूरा हो चुका है. इस महत्वाकांक्षी परियोजना को दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है. इसके चालू होने के बाद, प्रयागराज से मेरठ की यात्रा का समय घटकर मात्र 5.5 घंटे और लखनऊ से मेरठ की यात्रा का समय 5 घंटे रह जाएगा. यह एक्सप्रेसवे यात्रा को आसान बनाने के साथ-साथ राज्य के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
मेरठ से प्रयागराज की दूरी 594 किमी-
यूपी सरकार के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एसीईओ) हरि प्रसाद शाही के अनुसार, गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण 92% पूरा हो गया है. प्रयागराज से मेरठ तक 594 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे को दिसंबर में शुरू करने की योजना है. यह एक्सप्रेसवे मेरठ से शुरू होकर प्रयागराज तक 12 जिलों को जोड़ता है, जिसमें हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ भी शामिल हैं. कुछ स्ट्रक्चरों को छोड़कर अधिकांश काम पूरा हो चुका है.
यह एक्सप्रेसवे छह लेन का है, जिसे भविष्य में आठ लेन तक विस्तारित किया जा सकता है. इस परियोजना की लागत लगभग 36,000 करोड़ रुपये है. यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के औद्योगिक और आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा.
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से होगा लिंक-
हरि प्रसाद शाही के अनुसार, गंगा एक्सप्रेसवे सीधे लखनऊ (lucknow) से नहीं जुड़ता; यह उन्नाव और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (Agra-Lucknow Expressway) के माध्यम से लिंक होगा. इससे लखनऊ से मेरठ की यात्रा में थोड़ा अतिरिक्त समय लग सकता है, लेकिन कुल यात्रा समय काफी कम हो जाएगा. यात्रियों की सुविधा के लिए इस एक्सप्रेसवे पर विश्राम स्थल, भोजनालय और पेट्रोल पंप (petrol pump) जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी. साथ ही, सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है.
ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित होंगे-
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) ने गंगा एक्सप्रेसवे पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की घोषणा की है. यह पहल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगी और इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करेगी. चार्जिंग स्टेशन (Charging station) रणनीतिक स्थानों पर लगाए जाएंगे, जिससे लंबी दूरी की यात्रा करने वाले लोगों को असुविधा न हो. यह कदम उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए उठाया गया है, जिससे राज्य में स्वच्छ परिवहन को बढ़ावा मिलेगा.
गंगा नदी के किनारे बन रहा एक्सप्रेसवे-
यूपीडा के एसीईओ हरी प्रसाद शाही के मुताबिक गंगा एक्सप्रेसवे का काम तेजी से चल रहा है, जिसमें हजारों मजदूर और इंजीनियर दिन-रात लगे हैं. इस परियोजना में कई बड़े पुल, फ्लाईओवर और अंडरपास (Flyovers and underpasses) शामिल हैं, जो यातायात को आसान बनाएंगे. एक्सप्रेसवे गंगा नदी के किनारे बना है, जिससे यह प्राकृतिक रूप से सुंदर भी लगता है. यह परियोजना यात्रा का समय घटाएगी और उत्तर प्रदेश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों (rural and urban areas) को बेहतर तरीके से जोड़ेगी, जिससे विकास को बढ़ावा मिलेगा.
दिसंबर 2025 में एक्सप्रेस शुरू होने की उम्मीद-
सीईओ ने कहा कि गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) व्यापार, पर्यटन और रोजगार के नए अवसर लाएगा. इस एक्सप्रेसवे को दिसंबर 2025 तक जनता के लिए खोल दिया जाएगा. यह प्रोजेक्ट समय पर पूरा करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश (UP) की सड़क व्यवस्था को मजबूत करेगा और देश के लिए एक आदर्श बनेगा, जिससे प्रदेश विकास के नए पथ पर आगे बढ़ेगा और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा.
