UP में इनकम टैक्स की जांच में हजारों लोग फंसे, सरकारी कर्मचारी भी जांच के घेरे में
Income Tax Depratment : आयकर विभाग की ओर से हर ट्रांजैक्शन पर नजर रखी जाती है। अगर किसी ट्रांजैक्शन पर कोई गड़बड़ी होती है या किसी लेनदेन में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो आयकर विभाग की ओर से बड़ी कार्रवाई की जाती है। अब हाल ही में यूपी में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Depratment ) की जांच में कई लोग फंसे हैं, इस दौरान आयकर विभाग में सरकारी कर्मचारियों को भी घेरे में लिया गया है।
HR Breaking News : (ITR) आयकर विभाग बड़ी ट्रांजेक्शन पर कड़ी नजर गड़ाए रखता है। अगर कोई आयकर विभाग के निशाने पर आता है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उस पर बड़ी कार्रवाई करता हैं या फिर उसे नोटिस भेज सकता है। आपने देखा होगा कि ऐसे कई मामले सामने आते हैं जिसमें कहा जाता है कि आयकर विभाग ने यहां छापेमारी की है या फिर किसी बड़े कंपनी को करोड़ों का नोटिस भेजा है।
अब हाल ही में एक मामला ऐसा देखा गया है जिसमें इनकम टैक्स की जांच (Income Tax Department investigation) में यूपी के कई सरकारी कर्मचारी को शक के घेरे में लिया गया है। आए खबर में जानते हैं यह कार्यवाही क्यों की जा रही है।
आयकर की जांच में फंसे इतने कर्मचारी
दरअसल, आपको बता दें कि यूपी में आयकर की स्कैनिंग (Income tax scanning in UP) में सरकारी स्कूलों के अध्यापकों से लेकर पुलिस और रेलवे के अफसर कर्मचारी इस समय में आयकर विभाग के घेरे में फसे हुए हैं। यहां बड़ी संख्या में प्राइवेट कंपनियों के बड़े ओहदे वाले अधिकारी और प्रबंधक भी फंस चुका है, जो रिटर्न फिल करते समय जीरो टैक्स देयता दिखाते हैं।
आयकर की जांच में फंसे सरकारी और निजी कर्मचारियों (Government employees caught in IT Investigation) की संख्या 3500 के ऊपर पहुंच चुकी है। जांच के दौरान आयकर रिटर्न जमा कराने वाले बिचौलियों का एक बड़ा नेटवर्क सामने आया है। छापेमारी में कई जगह से भारी मात्रा में कैश बरामद किया गया है।
इतना कैश हुआ बरामद
अगर कैश की बात करें तो यूपी के एक अकेले गोंडा में ही एक ठिकाने से 17 लाख रुपये कैश बरामद (Cash recovered in Gonda) किया गया है। बीते सोमवार को यूपी के सुलतानपुर, गोंडा, वारासणी, नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, अमरोहा और मुरादाबाद में शुरू हुई छापेमारी अगले दिन मंगलवार तक जारी रही है।
आंकड़ो के मुताबिक छापेमारी के दौरान बिचौलियों, टैक्स अधिवक्ताओं, चार्टर्ड अकाउंटेंट के ठिकानों से बड़े पैमाने पर बिना डाक्यूमेंट या फर्जी रसीदों के जरिए टैक्स रिर्टन जमा करने के प्रूफ मिले हैं। गलत तरीके से रिर्टन (ITR Filling rules ) जमा कराने वालों की संख्या हजारों में पहुंच चुकी है।
50 ठिकानों से हुई थी छापेमारी की शुरुआत
वैसे तो छापेमारी की शुरुआत यूपी में 50 ठिकानों से हुई थी लेकिन अब छापेमारी का दायदा बढ़ गया है। आयकर विभाग की ओर से लंबे समय से इन पर नजर थी आयकर रिर्टन में टैक्स लायबिलिटी (Tax liability in income tax return) यानी देयता जीरो दर्शा रहे थे। रिर्टन में इसका क्लेम करने के लिए जो बिल लगाए या बिना बिल लगाए दिखाए गए थे,वो सभी जांच के दौरान गलत निकले। बता दें कि वकील और चार्टेड एकाउंटेंटों का एक वर्ग वेतनभोगियों का रिटर्न जमा करवाने पर प्रूफ नहीं देते हैं और अगर देते हैं तो फर्जी होते हैं। कई ऐसे सरकारी और गैर सरकारी कर्मचारी थे जो टैक्स देने से बच रहे थे। इसके लिए जिन प्राविधानों में टैक्स की छूट दी गई है उनका गलत यूज किया गया है।
बैंक ट्रांजेक्शन से पता चला कहां है गड़बड़ी
खासकर वो लोग, जिन्होंने टैक्स में छूट (tax exemption) को लेकर दावा किया था अब उनकी पोल बैंक ट्रांजेक्शनों खोल दी है। यूपीआई और खातों में ट्रांसफर रकम, आरटीजीएस के पेमेंट की जांच हो रही थी तो उसमे कुछ ओर ही नजर आ रहा था इसके साथ ही ज्यादा वेतन के बाद भी एलआईसी की पॉलिसी, राजनीतिक दलों को चंदा देने के जो दावे रिर्टन में दिखाए गए थे, वो सभी जांच के दौरान गलत निकले। आयकर विभाग की ओर से कटौतियों (Deductions from ITD) और छूट के फर्जी दावा करने वालों को लेकर बड़ी कार्रवाई की जा रही है।
1000 करोड़ के दावे लिए गए वापस
पेशेवर बिचौलियों की मदद से आईटीआर (ITR Rules ) तैयार करने वालों और बिचौलियों के संगठित रैकेट का सच सबके सामने आया गया है। ये लोग फर्जी कटौती और छूट का दावा करते हुए आईटीआर फिल कर रहे हैं। आयकर मुख्यालय के मुताबिक पहले ही बड़ी संख्या में लोगों को इस बात के लिए सूचित कर दिया गया था और अब तक 40 हजार करदाताओं ने रिर्टन अपडेट (ITR Updates) किए, जिसमे से 1000 करोड़ के दावे वापस लिए हैं।
