Toll Tax Rule 2025 : अब टोल प्लाजा पर नहीं देना पड़ेगा टोल टैक्स, जान लें नियम
Toll Tax Rule 2025 : भारत में सड़क यात्रा के दौरान, चाहे राज्य या राष्ट्रीय राजमार्गों पर, आपको कई टोल प्लाजा मिलते हैं. जहां पर आने-जाने वाली गाड़ियों को टोल टैक्स (toll tax) देना होता है. लेकिन अब जारी एक गाइडलाइन के मुताबिक टाेल प्लाजा पर टोल टैक्स नहीं देना होगा-
HR Breaking News, Digital Desk- (Toll Tax Rules) भारत में सड़क यात्रा के दौरान, चाहे राज्य या राष्ट्रीय राजमार्गों पर, आपको कई टोल प्लाजा मिलते हैं. जहां पर आने-जाने वाली गाड़ियों को टोल टैक्स (toll tax) देना होता है. अलग-अलग दरो की हिसाब से उनसे टैक्स लिया जा रहा है. यह प्रणाली सड़कों के रखरखाव और विकास के लिए राजस्व जुटाने में मदद करती है. (NHAI Guidelines)
पहले मैन्युअल सिस्टम (manual system) के तहत टोल टैक्स लिया जाता था. तो वहीं अब फास्टैग (fastag) से लोग टोल टैक्स देते हैं. क्या आपको पता है कई मौके ऐसे भी होते हैं. जहां पर टोल टैक्स नहीं देना पड़ता. और भारत में कुछ नियम ऐसे बनाए गए हैं जिनसे खास लोगों को टोल टैक्स देने से छूट मिली हुई है. चलिए जानते हैं . (toll tax rules)
ज्यादा लेट होने पर नहीं देना पड़ता टोल टैक्स-
फोर-व्हीलर वाहनों को आमतौर पर टोल टैक्स देना होता है, जिसका भुगतान FASTag के ज़रिए किया जाता है. हालांकि, कुछ ख़ास परिस्थितियों में आपको टोल नहीं देना होगा. यदि टोल प्लाज़ा पर टोल कटने के लिए 10 सेकंड से ज़्यादा इंतज़ार करना पड़े, तो आप बिना टोल दिए जा सकते हैं.
तो फिर ऐसी सिचुएशन में आप बिना टोल टैक्स (toll tax) दिए ही आगे बढ़ सकते हैं. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नियमों के मुताबिक अगर टोल प्लाजा पर 100 मीटर से भी ज्यादा कारों की लंबी लाइन हो. तो ऐसे में भी टोल टैक्स नहीं देना होता. या फिर किसी टोल प्लाजा (toll plaza) की फास्टैग मशीन (fastag machine) काम नहीं कर रही. तब भी आप टोल टैक्स बना दिया ही जा सकते हैं.
इन लोगों को भी नहीं देना होता टोल टैक्स-
भारत में कुछ विशिष्ट व्यक्तियों को टोल टैक्स (toll tax) से छूट प्राप्त है, जिनमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यों के राज्यपाल, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री (cabinet minister), सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल, और भारत सरकार के सचिव स्तर के अधिकारी शामिल हैं. यह छूट उन्हें आधिकारिक कर्तव्यों के दौरान दी जाती है.
