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अनोखे नियम : यहां लिव इन में रहने के बाद ही होती है शादी, आज भी लोग निभा रहे हैं हज़ारों सालों की परम्परा

देश की एक ऐसी इकलौती जगह जहाँ शादी से पहले लड़का लड़की को लिव इन में रहना पड़ता है और उसी के बाद ही उनकी शादी होती है।  इस कबीले के लोग इस परम्परा को पिछले हज़ारों सालों से निभाते आ रहे हैं 
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HR Breaking News, New Delhi : भारत एक बहुत ही बड़ा देश है. यहां कई ऐसे इलाके पाए जाते हैं जहां आज भी लोग रूढ़िवादी नियमों में जकड़े हुए हैं. यहां यह नहीं सोचा जा सकता है कि क्या शादी से पहले लिव-इन में रह जा सकता है, क्या समाज इसकी इजाजत देता है. लेकिन आपको हैरानी होगी कि भारत में एक ऐसी भी जगह है जहां ऐसा ही कुछ होता है. वहां शादी से पहले ही लिव-इन में रहने का नियम है और लिव-इन में रहने के बाद ही शादी होती है. यह जगह जनजातियों की जगह मानी जाती है यह और भी चौंकाने वाली बात है क्योंकि उनको हमेशा से ही यह बताया जाता है कि वे मुख्यधारा से अलग रहते हैं.

यह नियम बहुत ही पुराना!
दरअसल, इस जनजाति का नाम मुरिया या मुड़िया जनजाति है, जो छत्तीसगढ़ के बस्तर वाले इलाके में पाए जाते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस जनजाति में यह नियम बहुत ही पुराना है. इस नियम के तहत लड़का और लड़की एक दूसरे को जानने के लिए लिव-इन में रहते हैं. इसमें उनकी मदद उनके घरवाले और उनका समाज करता है. इतना ही नहीं उनके लिए बकायदा घर के बाहर एक अस्थाई घर बनाया जाता है जिसे घोटुल कहा जाता है. इसमें वे दोनों कुछ दिनों तक साथ ही रहते हैं.

एक दूसरे को जानने की कोशिश
इस घोटुल को बांस और बल्ली से बनाया जाता है. घोटुल एक बड़ा आंगन वाला घर होता है. स्थानीय स्तर पर इसे बांस और मिट्टी से बनाया जाता है. यह जनजाति छत्तीसगढ़ के बस्तर और अन्य इलाकों के पाई जाती है. कहीं-कहीं इन्हें माड़िया के नाम से भी जाना जाता है. लड़के-लड़कियां एक दूसरे को जानने-समझने की कोशिश करते हैं. एक दूसरे के साथ समय बिताते हैं. कुछ दिन बिताने के बाद ये लड़के-लड़कियां अपने लिए जीवन साथी चुनते हैं. 

नियम का कायदे से पालन किया जाता
एक अन्य मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक घोटुल में जाने वाले लड़कों को चेलिक और लड़कियों को मोटियारी कहा जाता है. आज भी इस जनजाति में इस नियम का कायदे से पालन किया जाता है. लोग एक दूसरे को इस नियम के लिए प्रोत्साहित भी करते हैं. यह अपने आप में एक बेहद अजीब नियम है लेकिन सच यही है कि ऐसा होता है. भले ही ऐसा नियम जनजातियों के बीच है लेकिन यह काफी व्यावहारिक और आगे की सोच वाला नियम है.


शादी बाहर नहीं की जाती
हालांकि इस नियम के बारे में कई बातें भी प्रचलित की जाती हैं और इस पर मिले-जुले विचार दिए जाते हैं. लेकिन यह जनजाति लगातार इस नियम का पालन कर रही है. एक तथ्य यह भी है कि यहां शादी बाहर नहीं की जाती है, इसका मतलब कि लड़का अपनी ही जनजाति में लड़की से शादी करेगा और लड़कियों के ऊपर भी यही नियम है.