UP Land Acquisition : यूपी के 41 गांवों के किसानों की चमकेगी किस्मत, 13,300 एकड़ जमीन का होगा अधिग्रहण
UP Land Acquisition :उत्तर प्रदेश के 41 गांव के किसानों की किस्मत चमकने वाली है। सरकार की ओर से 13300 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इस जमीन को प्रदेश की तरक्की के लिए अधिग्रहित किया जाएगा। इससे किसानों को काफी फायदा होगा। सरकार की ओर से किसानों की जमीन अधिग्रहण की जाएगी।
HR Breaking News (UP Land Acquisition) प्रशासन की ओर से प्रस्ताव के लिए 9200 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित किया गया है। यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (Yamuna Expressway Industrial Development Authority) की ओर से ग्रेटर नोएडा से लेकर अलीगढ़ तक 41 गांव के 13300 एकड़ जमीन को खरीदा जाएगा।
जमीन की खरीद सीधा किसानों से की जाएगी। इसमें किसी प्रकार का बिचौलिया नहीं रखा जाएगा, जिस भी कीमत में जमीन का सौदा तय होगा वह राशि सीधी किसानों के खाते में डाल दी जाएगी। इस जमीन का प्रयोग प्रदेश के विकास के लिए किया जाएगा।
क्यों खरीदी जा रही है जमीन
यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी की ओर से क्षेत्र के विकास के लिए जमीन खरीदी जा रही है। इस जमीन पर लैंड बैंक (land bank) बनाने का काम किया जा रहा है। लैंड बैंक बनाने के प्रोजेक्ट के लिए यह 13300 एकड़ जमीन है।
यह होंगे 41 गांव
यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के सीईओ अरुणवीर सिंह के अनुसार एक अहम बैठक में प्रस्ताव के लिए 9200 करोड़ रुपए का बजट (UP Land Acquisition) प्रस्तावित किया गया है।
इसमें 5000 करोड़ रुपए से जमीन खरीदी जाएगी। जेवर में बना रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की वजह से देश-विदेश की तमाम कंपनियां इस क्षेत्र में निवेश करने का सोच रही हैं।
अब ग्रेटर नोएडा से आगे अलीगढ़ में लॉजिस्टिक हब बनाने का प्लान बन रहा है। प्राधिकरण के अनुसार जो 41 गांव की जमीन खरीदने का प्लान (UP Land Acquisition) है, उसमें 36 गांव ग्रेटर नोएडा के ही शामिल है। जबकि 5 गांव अलीगढ़ के होंगे।
किसानों को 3 महीने में भूखंडों का होगा आवंटन
रणवीर के अनुसार किसानों की जमीन खरीदने (UP Land Acquisition process) की प्रक्रिया कुछ समय बाद ही शुरू कर दी जाएगी। उनके अनुसार जिन किसानों की जमीन खरीदी जाएगी, उन्हें 3 महीने के अंदर आबादी भूखंड का आवंटन कर दिया जाएगा।
किसानों को जहां पर भी जमीन अलौट की जाएगी, वहां पर 1 साल के अंदर सभी मूलभूत सुविधाएं विकसित कर दी जाएंगी। जिस दिन भी जमीन का बैनामा होगा, उसी दिन आबादी भूखंड का आरक्षण पत्र भी किसान को दे दिया जाएगा। प्राधिकरण 6 जिलों में फैला हुआ है, जिसमें आगरा, हाथरस, अलीगढ़, मथुरा, बुलंदशहर, गौतम बुध नगर आते हैं।
