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UP News : उत्तर प्रदेश में इस जिले में बनेंगे 2 नए रेलवे स्टेशन, 3 नए फ्लाईओवर, सर्वेक्षण को मंजूरी, किया जाएगा जमीन अधिग्रहण

UP News - एक ताजा रिपाेर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के इस जिले में दो नए रेलवे स्टेशन और तीन नए फ्लाईओवर बनाएं जाएंगे।  यह परियोजना न केवल रेल यातायात को सुचारु बनाएगी, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति देगी... इससे जुड़ी पूरी डिटेल जानने के लिए इस खबर को पूरा पढ़ लें-

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UP News : उत्तर प्रदेश में इस जिले में बनेंगे 2 नए रेलवे स्टेशन, 3 नए फ्लाईओवर, सर्वेक्षण को मंजूरी, किया जाएगा जमीन अधिग्रहण

HR Breaking News, Digital Desk- (UP News) प्रयागराज में रेलवे जल्द ही यातायात को सुगम बनाने और रेल सेवाओं को कुशल बनाने के लिए बड़े बदलाव करेगा। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत तीन रेल फ्लाईओवर और दो नए रेलवे स्टेशन (न्यू छिवकी और न्यू संगम) बनाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, गंगापार क्षेत्र में कुंवाडीह में भी एक और रेलवे स्टेशन के निर्माण की संभावना पर विचार किया जा रहा है, जिससे क्षेत्र में रेल कनेक्टिविटी मजबूत होगी और यात्रियों को सुविधा मिलेगी।

इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत यमुनापार में न्यू छिवकी और गंगापार में न्यू संगम रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे। यह परियोजना न केवल रेल यातायात को सुचारु बनाएगी, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति देगी।

दो लिंक फ्लाईओवर भी बनेंगे-

प्रयागराज जंक्शन पर ट्रेनों की भारी आवाजाही के कारण होने वाली देरी को कम करने के लिए रेलवे 26.9 किलोमीटर लंबा रेल फ्लाईओवर बना रहा है। यह फ्लाईओवर इरादतगंज से झूंसी के निकट रामनाथपुर तक बनेगा। इसका मुख्य उद्देश्य मुंबई की ओर जाने वाली ट्रेनों की लेटलतीफी को दूर करना है।

यह नया रेल फ्लाईओवर मुंबई रेलमार्ग को पूर्वोत्तर रेलवे के प्रयागराज रामबाग-वाराणसी रेलमार्ग से जोड़ेगा। इसके अतिरिक्त, दो लिंक रेल फ्लाईओवर भी बनाए जाएंगे, जिससे रेल यातायात और भी सुगम हो जाएगा और जंक्शन पर दबाव घटेगा।

नैनी में न्यू छिवकी और न्यू संगम स्टेशन छतनाग में बनेगा-

इस परियोजना के तहत न्यू छिवकी स्टेशन नैनी की ओर और न्यू संगम स्टेशन छतनाग के पास बनाया जाएगा। दोनों स्टेशन एलिवेटेड होंगे, जो जमीन से 10 से 12 मीटर की ऊंचाई पर होंगे। इसके अतिरिक्त, गंगापार के कुंवाडीह में एक तीसरे स्टेशन के निर्माण की संभावना पर भी विचार किया जा रहा है। रेलवे बोर्ड ने इन सभी परियोजनाओं के लिए सर्वेक्षण को मंजूरी दे दी है, और जमीन अधिग्रहण सहित अन्य प्रक्रियाएं शुरू हो चुकी हैं।

रेल फ्लाईओवर की डिजाइन और विशेषताएं-

प्रयागराज में बनने वाला रेल फ्लाईओवर शहर की रिंग रोड के समानांतर होगा। यह फ्लाईओवर डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर और दिल्ली-हावड़ा रेल लाइन को ऊपर से क्रॉस करेगा, जिससे रेल यातायात में बाधा कम होगी। फ्लाईओवर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा गंगा नदी के ऊपर डेढ़ से दो किलोमीटर लंबा पुल होगा, जो सरस्वती हाईटेक सिटी के ऊपर से गुजरेगा। यह फ्लाईओवर अंदावा होते हुए कुंवाडीह और फिर रामनाथपुर तक जाएगा, जहां यह प्रयागराज रामबाग-वाराणसी रेलमार्ग से जुड़ेगा। इस संरचना का डिज़ाइन अत्याधुनिक होगा, जो रेलवे की दक्षता को बढ़ाने के साथ-साथ क्षेत्र की सौंदर्यता को भी बनाए रखेगा।

नए रेलवे स्टेशनों का महत्व-

न्यू छिवकी और न्यू संगम स्टेशनों का निर्माण प्रयागराज के रेल नेटवर्क को और अधिक सशक्त बनाएगा। ये दोनों स्टेशन एलिवेटेड होने के कारण न केवल आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे, बल्कि जमीनी स्तर पर यातायात और जनसंख्या के दबाव को भी कम करेंगे। न्यू छिवकी स्टेशन यमुनापार क्षेत्र में और न्यू संगम स्टेशन गंगापार क्षेत्र में बनाए जाएंगे, जिससे स्थानीय लोगों को रेल सेवाओं तक आसान पहुंच मिलेगी। इसके अलावा, कुंवाडीह में प्रस्तावित तीसरा स्टेशन क्षेत्र के ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों को रेल नेटवर्क से जोड़ेगा, जिससे वहां के निवासियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।

परियोजना के फायदे-

रेल यातायात में सुधार : रेल फ्लाईओवर और नए स्टेशनों के निर्माण से प्रयागराज जंक्शन पर ट्रेनों की भीड़ कम होगी। मुंबई और वाराणसी रेलमार्गों को जोड़ने से ट्रेनों की समयबद्धता में सुधार होगा, जिससे यात्रियों को देरी की समस्या से राहत मिलेगी। (Improvement in rail transport)

 

पर्यावरणीय लाभ : एलिवेटेड स्टेशनों और फ्लाईओवर के कारण जमीनी स्तर पर यातायात और भीड़ कम होगी, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी। साथ ही, रेल यातायात को बढ़ावा देने से सड़क यातायात पर निर्भरता कम होगी, जो पर्यावरण के लिए लाभकारी है।

शहरी और ग्रामीण कनेक्टिविटी : न्यू छिवकी, न्यू संगम और कुंवाडीह स्टेशनों के निर्माण से यमुनापार और गंगापार के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्र रेल नेटवर्क से जुड़ जाएंगे। इससे इन क्षेत्रों के निवासियों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए बेहतर अवसर मिलेंगे। (Urban and rural connectivity)

 

कुंभ मेले की सुविधा : प्रयागराज विश्व प्रसिद्ध कुंभ मेले का आयोजन स्थल है। नए स्टेशनों और फ्लाईओवर के निर्माण से कुंभ मेले के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के लिए रेल यातायात को प्रबंधित करना आसान होगा।

आर्थिक विकास : नए स्टेशनों और फ्लाईओवर के निर्माण से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। निर्माण कार्य, रखरखाव और स्टेशन संचालन से जुड़े रोजगार क्षेत्र के लोगों के लिए आय का स्रोत बनेंगे। इसके अलावा, बेहतर रेल कनेक्टिविटी से व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

आधुनिक बुनियादी ढांचा : एलिवेटेड स्टेशन और फ्लाईओवर आधुनिक तकनीक और डिज़ाइन का उपयोग करेंगे, जो यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करेंगे। जैसे कि लिफ्ट, एस्केलेटर, स्वच्छता सुविधाएं और सुरक्षा प्रणालियां। (Modern Infrastructure)

 

क्या कहते हैं अधिकारी-

उत्तर मध्य रेलवे (NCR) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (CPRO) शशिकांत त्रिपाठी के अनुसार, रेलवे बोर्ड (Railway Board) ने फ्लाईओवर, नए स्टेशनों और गंगा नदी पर पुल निर्माण के सर्वेक्षण को हरी झंडी दे दी है। सर्वेक्षण और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जो परियोजना के त्वरित कार्यान्वयन की ओर प्रगति दर्शाती है।

चुनौतियां और समाधान-

इस परियोजना में कुछ चुनौतियां भी हो सकती हैं, जैसे कि जमीन अधिग्रहण (land acquisition), पर्यावरणीय मंजूरी और स्थानीय समुदाय का सहयोग। हालांकि, रेलवे बोर्ड और स्थानीय प्रशासन इन मुद्दों को हल करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। जमीन अधिग्रहण के लिए उचित मुआवजा और पुनर्वास योजनाएं लागू की जाएंगी। साथ ही, गंगा नदी पर पुल के निर्माण के दौरान पर्यावरणीय मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।

कुंवाडीह में प्रस्तावित है तीसरा रेलवे स्टेशन-

प्रयागराज में तीन रेल फ्लाईओवर (Three rail flyovers in Prayagraj) और न्यू छिवकी व न्यू संगम सहित दो नए रेलवे स्टेशनों का निर्माण रेलवे बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा। यह परियोजना रेल यातायात को सुगम बनाने के साथ-साथ संगम नगरी के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी। कुंवाडीह में एक तीसरा प्रस्तावित स्टेशन कनेक्टिविटी को और बढ़ाएगा। रेलवे बोर्ड (Railway Board) की मंजूरी और सर्वेक्षण की प्रगति इसकी विश्वसनीयता दर्शाती है। यह परियोजना प्रयागराज और पूरे उत्तर भारत के लिए रेलवे के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगी।