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ज्ञान की बात : युवाओं का ध्यान भटका देती है ये चीज, नहीं हासिल करने देती मंज़िल

आचार्य चाणक्य हमे ऐसी 3 चीजों के बारे में बताते हैं जो युवाओं को उनके लक्ष्य से भटका देती है ओर जिन युवाओं को इनकी आदत लग जाती है वो कभी भी अपनी मंज़िल को प्राप्र्त नहीं कर पाते 

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HR Breaking News, New Delhi : बच्चे देश का भविष्य होते हैं इन्हें शुरुआत से ही सही मार्गदर्शन मिले तो इनका जीवन संवर जाता है. अक्सर युवावस्था में ऐसा पड़ाव आता है जिसमें कुछ चीजें व्यक्ति को भटकाने का काम करती है. चाणक्य कहते हैं कि युवाओं को अगर सफल इंसान बनना है तो इन चीजों से परहेज करना पड़ेगा नहीं तो वर्तमान के साथ भविष्य भी अधर में लटक जाएगा. आइए जानते हैं चाणक्य ने युवाओं को किन चीजों से दूर रहने की बात कही है.
आलस

यंग पीढ़ी का सबसे बड़ा दुश्मन है आलस. कहते है ना कि जवानी में अगर मेहनत कर ली तो बुढ़ापा संवर जाएगा. चाणक्य कहते हैं कि आलस युवाओं को सफल होने से रोकता है. व्यक्ति जितना अनुशासित होगा तरक्की उसके कदम चूमेगी. समय बहुत कीमती है इसका सदुपयोग करें. युवावस्था में किया गया संघर्ष लोगों का भविष्य सुधार देता है. आलस से कुछ अर्जित नहीं कर पाएंगे. लक्ष्य प्राप्ति के लिए सदैव सक्रिय रहेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी.

क्रोध
कामयाबी की राह में सबसे बड़ा रोड़ा होता है क्रोध. गुस्सा व्यक्ति बुद्धि को क्षीण कर देता है. युवा हो या फिर बच्चा गुस्से में सभी का नुकसान होता है. क्रोध पर काबू करना सीखें वरना आपकी एक गलती करियर पर कालिख पोत सकती है. गुस्सा युवाओं की उन्नति में बाधा बनता है. अगर आप गुस्सैल प्रवृति के हैं तो अपने हित के लिए दूसरे भी आपके इस व्यवहार का फायदा उठा सकते हैं.

संगती

अच्छी और बुरी दोनों संगत मनुष्य जीवन को बहुत प्रभावित करती है. गलत लोगों की संगत व्यक्ति में बुरे कर्म करने की सोच पैदा करती है. नशा, कामवासना, लड़ाई-झगड़ा इन चीजों से जितना दूरी बनाकर रहेंगे सफलता करीब आती जाएगी. जवानी में संगत व्यक्ति की दिशा और दशा तय कर देती है, क्योंकि इस उम्र के लोग अपना अच्छा और बुरा खुद समझने लगते हैं. इस दौरान इनकी गलत आदतों पर कोई टोक दे तो ये उसे नजरअंदाज कर देते हैं और भविष्य में पछताते हैं.