Bank: दो सरकारी बैंकों के अचानक बड़े फैसले से ग्राहकों को तगड़ा झटका
HR BREAKING NEWS (ब्यूरो)। इस बढ़ोतरी के कारण कार लोन, होम लोन, पर्सनल लोन पर ज्यादा इंट्रेस्ट रेट लगेगा. नतीजन वर्तमान ग्राहकों की ईएमआई बढ़ जाएगी. दोनों बैंकों ने MCLR दरों में 0.10 फीसदी तक की वृद्धि कर दी है. नई दर 10 सितंबर से प्रभावी है. आईओबी ने एक नियामकीय सूचना में कहा कि तमाम राशि खंडों में अपनी MCLR दरों में 0.10 फीसदी तक की वृद्धि की गई है.
शनिवार से नई दर प्रभावी
शनिवार से नई दर के लागू होने से उपभोक्ताओं के लिए कर्ज लेना महंगा हो जाएगा. एमसीएलआर में बढ़ोतरी होने से सभी तरह के कर्ज महंगे हो जाएंगे. इनमें कार, व्यक्तिगत और होम लोन शामिल हैं. एक-वर्षीय MCLR अब 7.75 फीसदी जबकि दो साल एवं तीन साल का एमसीएलआर 7.80 फीसदी हो गया है. ओवरनाइट MCLR अब 7.05 फीसदी हो गया है. एक महीने की अवधि वाले लोन पर MCLR 7.15 फीसदी, तीन और छह महीने अवधि वाले लोन के लिए एमसीएलआर 7.70 फीसदी हो गया है.
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Bank of Baroda ने भी इंट्रेस्ट रेट बढ़ाया
बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) ने भी एक-वर्षीय MCLR को बढ़ाकर 7.80 फीसदी कर दिया है. पहले यह 7.70 फीसदी था. छह महीने का MCLR अब 7.65 फीसदी हो गया है जो पहले 7.55 फीसदी था. तीन महीने का MCLR 7.50 फीसदी हो गया है जो पहले 7.45 फीसदी था. बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा कि नई ब्याज दरें 12 सितंबर से प्रभावी होंगी.
HDFC Bank ने भी MCLR में बढ़ोतरी की है
इसी सप्ताह प्राइवेट सेक्टर के HDFC Bank ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) बढ़ाने का फैसला किया. बैंक ने हर टेन्योर के लिए MCLR में 10 बेसिस पॉइंट या 0.10% की बढ़ोतरी की है. MCLR की दरें बढ़ने का मतलब है कि मार्जिनल कॉस्ट से जुड़े लोन जैसे- होम लोन, व्हीकल लोन वगैरह पर ब्याज दरें बढ़ जाती हैं. HDFC के रेट हाइक से नए और पुराने ग्राहकों के लिए ईएमआई पर ब्याज दरें और महंगी हो जाएंगी. यह बढ़ोतरी फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट पर लागू होती है, फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट पर नहीं.
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रिजर्व बैंक के फैसले का असर
रिजर्व बैंक की ओर से महंगाई पर नियंत्रण के लिए उठाए जाने वाले कदमों से कर्ज की दरों पर असर पड़ रहा है. दरअसल, मई औरजून के बाद अगस्त महीने मेभी RBI ने पॉलिसी रेपो रेट में वृद्धि की थी.
इस तरह पिछले 4 महीने में अब तक रेपो रेट 1.40 फीसदी बढ़कर 5.40 फीसदी हो चुका है. पहली बार मई में केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाकर 4.40 फीसदी किया था. इसके बाद जून की बैठक में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 0.50 फीसदी बढ़ाया गया. इस तरह तीन बार में रेपो रेट को 1.40 फीसदी बढ़ाया जा चुका है.